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एग्जिट पोल | टीवी कंपनिया एग्जिट पोल कैसे करती है?

टीवी कंपनिया एग्जिट पोल करने के लिए आमतौर पर निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करती हैं:

  1. चुनाव के दिन मतदान समाप्त होने के बाद, टीवी कंपनिया मतदाताओं का एक प्रतिनिधि नमूना तैयार करती हैं। यह नमूना आमतौर पर विभिन्न आयु समूहों, लिंगों, और सामाजिक-आर्थिक समूहों का प्रतिनिधित्व करता है।
  2. टीवी कंपनिया मतदाताओं से चुनाव में मतदान करने की उनकी योजना के बारे में पूछती हैं। इस प्रश्न का उत्तर देकर, मतदाता यह बता सकते हैं कि वे किस पार्टी या उम्मीदवार को वोट देने की योजना बना रहे हैं।
  3. टीवी कंपनिया इन उत्तरों का विश्लेषण करके अनुमान लगाती हैं कि चुनाव में किस पार्टी या उम्मीदवार को जीत मिलेगी।

एग्जिट पोल करने के लिए टीवी कंपनिया विभिन्न तरीकों का उपयोग करती हैं। इनमें से कुछ सबसे आम तरीके हैं:

  • फ़ोन सर्वेक्षण: टीवी कंपनिया मतदाताओं को फोन करके चुनाव में मतदान करने की उनकी योजना के बारे में पूछती हैं।
  • ऑनलाइन सर्वेक्षण: टीवी कंपनिया मतदाताओं को ऑनलाइन सर्वेक्षण भरने के लिए आमंत्रित करती हैं।
  • व्यक्तिगत साक्षात्कार: टीवी कंपनिया मतदाताओं से व्यक्तिगत रूप से साक्षात्कार करती हैं।

एग्जिट पोल की सटीकता कई कारकों पर निर्भर करती है, जिनमें शामिल हैं:

  • नमूना का आकार: नमूना जितना बड़ा होगा, एग्जिट पोल उतना ही सटीक होगा।
  • नमूने का प्रतिनिधित्व: नमूना जितना अधिक प्रतिनिधि होगा, एग्जिट पोल उतना ही सटीक होगा।
  • सर्वेक्षण के तरीके: सर्वेक्षण का तरीका जितना अधिक विश्वसनीय होगा, एग्जिट पोल उतना ही सटीक होगा।

एग्जिट पोल चुनाव परिणामों का एक प्रारंभिक अनुमान प्रदान कर सकते हैं। हालांकि, इनकी सटीकता हमेशा 100% नहीं होती है।

एग्जिट पोल के प्रकार

एग्जिट पोल के मुख्य रूप से दो प्रकार होते हैं:

  • सैंपल-आधारित एग्जिट पोल: यह सबसे आम प्रकार का एग्जिट पोल है। इसमें, एक सर्वेक्षणकर्ता एक निर्दिष्ट आबादी का एक यादृच्छिक नमूना लेता है और उनसे यह पूछता है कि उन्होंने किस उम्मीदवार या पार्टी को वोट दिया है। इस नमूने के आधार पर, सर्वेक्षणकर्ता यह अनुमान लगाते हैं कि पूरे मतदाता आधार में उम्मीदवारों या पार्टियों का समर्थन कितना है।
  • ऑनलाइन एग्जिट पोल: यह एक अपेक्षाकृत नया प्रकार का एग्जिट पोल है। इसमें, मतदाता अपने मतदान के बाद ऑनलाइन सर्वेक्षण में भाग लेते हैं। इस प्रकार के एग्जिट पोल में मतदाताओं की एक बड़ी संख्या शामिल हो सकती है, लेकिन यह भी अधिक पक्षपाती हो सकता है क्योंकि केवल वे ही भाग लेते हैं जो ऑनलाइन सर्वेक्षण में रुचि रखते हैं।

एग्जिट पोल के अन्य प्रकारों में शामिल हैं:

  • उप-एग्जिट पोल: यह एक प्रकार का एग्जिट पोल है जो मतदाताओं के एक विशिष्ट समूह पर केंद्रित होता है, जैसे कि एक निश्चित उम्र, जातीयता या राजनीतिक दल के सदस्य।
  • ट्रेलर पोल: यह एक प्रकार का एग्जिट पोल है जो चुनाव के बाद मतदाताओं के मूड का आकलन करता है। इसमें, मतदाताओं से यह पूछा जाता है कि वे चुनाव के परिणाम से खुश हैं या नहीं, और वे अगले चुनाव में किस उम्मीदवार या पार्टी को वोट देंगे।

भारत में, एग्जिट पोल के प्रकाशन और प्रचार पर प्रतिबंध है। यह प्रतिबंध 2010 में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लगाया गया था। इस प्रतिबंध का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि एग्जिट पोल मतदाताओं को प्रभावित न करें और चुनाव की स्वतंत्रता को प्रभावित न करें।

एग्जिट पोल कई कारणों से महत्वपूर्ण हो सकते हैं। वे मतदाताओं को यह समझने में मदद कर सकते हैं कि चुनाव का परिणाम क्या होने की संभावना है। वे राजनीतिक दलों को यह समझने में भी मदद कर सकते हैं कि उनके लिए चुनाव में आगे क्या करना है। हालांकि, एग्जिट पोल में कुछ सीमाएं भी हैं। वे हमेशा सटीक नहीं होते हैं, और वे मतदाताओं को प्रभावित कर सकते हैं।