विद्यालयों में पासबुक्स प्रतिबंध के क्रम में
स्कूल शिक्षा विभाग, शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने एवं विद्यार्थियों में विषय की समझ विकसित करने के प्रति कटिबद्ध है। विभाग का यह प्रयास है कि विद्यार्थी रटना प्रणाली को छोड़कर विभिन्न विषयों की मूल अवधारणा व संकल्पना को समझें, जिससे न केवल परीक्षाओं में बेहतर परिणाम हासिल कर सके पनि व्यावहारिक रूप से इस ज्ञान का उपयोग भी कर सके। National Achievement Survey (NAS), State level Achievement survey (SUAS) तथा अन्य संस्थाओं द्वारा गुणात्मक उपलब्धि सर्वे में भी विद्यार्थियों के विषयगत ज्ञान, समझ, कौशल एवं व्यावहारिक उपयोग पर आधारित प्रश्न होते है अतः शिक्षक पाठ्यपुस्तक में पढ़ाये जाने वाली विषयवस्तु रो सम्बंधित स्वरचित प्रश्नों के अधिकाधिक अम्मारा कराये पाराक्स का उपयोग शिक्षा के लक्ष्यों की प्राप्ति में है इसलिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि विद्यालयों में पासमुक्स का प्रयोग ना हो बल्कि विद्यार्थी एवं शिक्षक पापुस्तकें एवं प्रामाणिक संदर्भ पुस्तकों का ही प्रयोग करें।
अतः समस्त राजकीय विद्यालयों में पारुयुक्त का प्रयोग वर्जित किया गया है तथा निर्देशित किया जाता है कि विद्यालय समय में किसी शिक्षक एवं विद्यार्थी के पास पासमुक्त पाई गई तो संबंधित के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।