राजस्थान शिक्षा विभाग समाचार 2023

समाचारों की दुनियासरकारी योजना

इंदिरा महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना | Indira Mahila Shakti Udhyam Protsahan Yojana

20221026 221853 | Shalasaral

महिला उद्यमियों को मिल रहा एक करोड़ तक का ऋण और 30 प्रतिशत तक ऋण अनुदान अब तक 57 करोड़ से अधिक का ऋण स्वीकृत

मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में महिलाओं को उद्यमिता और स्वरोजगार से जोड़ने के लिए इंदिरा महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना शुरू की है। इस योजना के माध्यम से अपना उद्यम शुरू करने वाली महिलाओं और स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा एक करोड़ तक का ऋण उपलब्ध कराया जाता है। साथ ही 30 प्रतिशत तक का ऋण अनुदान भी दिया जा रहा है। प्रदेश की महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रदेश सरकार की यह पहल उन महिलाओं के सपनों को साकार कर रही है, जो पूंजी के अभाव की वजह से स्वयं का उद्यम शुरू करने में समर्थ नहीं थी।

वर्ष 2019 में शुरू हुई इस योजना के माध्यम से अब तक 1 हजार 141 एकल महिला उद्यमियों, स्वयं सहायता समूहों तथा क्लस्टर्स को 57 करोड़ 60 लाख से अधिक का ऋण स्वीकृत किया गया है। योजना के माध्यम से शहरों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में रहने वाली महिलाओं को भी स्वयं का उद्यम शुरू करने तथा स्वरोजगार की दिशा में आगे कदम बढ़ाने का अवसर मिला है। महिलाएं हस्तशिल्प, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण आधारित उद्योगों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। योजना के अंतर्गत महिलाएं नए उद्यम की स्थापना के अतिरिक्त पहले से स्थापित उद्यम के विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए भी ऋण ले सकती हैं। बैंकों के माध्यम से यह अनुदान युक्त ऋण किसी भी महिला को व्यक्तिगत तौर पर उद्यम स्थापित करने, महिला स्वयं सहायता समूह एवं महिला स्वयं सहायता समूह संघ को दिया जाता है।

ऐसे लिया जा सकता है योजना का लाभ

योजना का लाभ लेने एवं ऋण प्राप्त करने के लिए महिला की न्यूनतम आयु 18 वर्ष या इससे अधिक होना आवश्यक है। साथ ही आवेदक महिला को राजस्थान का मूल निवासी होना चाहिए। इसी प्रकार राज्य सरकार के किसी विभाग के अन्तर्गत दर्ज महिला स्वयं सहायता समूह तथा पंजीकृत क्लस्टर रोजगार अथवा स्वरोजगार के लिए ऋण लेने हेतु आवेदन कर सकते हैं।

योजना के अंतर्गत मिल सकता है एक करोड़ तक का ऋण

योजना के माध्यम से व्यक्तिगत महिला उद्यमी अथवा स्वयं सहायता समूह को 50 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाता है। इसी प्रकार स्वयं सहायता समूहों के क्लस्टर अथवा फेडरेशन को एक करोड़ रुपये तक का ऋण दिया जा सकता है। राज्य सरकार द्वारा योजनान्तर्गत स्वीकृत ऋण राशि पर 25 प्रतिशत ऋण अनुदान भी दिया जा रहा है। वंचित वर्ग (अनुसूचित जाति एवं जनजाति, विधवा, परित्यक्ता, हिंसा से पीड़ित एवं दिव्यांग श्रेणी) की महिलाओं के लिए यह ऋण अनुदान 30 प्रतिशत किया गया है। राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीयकृत वाणिज्यिक बैंक, भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा प्राधिकृत निजी क्षेत्र के अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक तथा अनुसूचित छोटे फाइनेन्स बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, राजस्थान वित्त निगम, एवं सिडबी के माध्यम से ऋण की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

इन्हें मिला योजना का लाभ

टोटा भाड़ा, ब्लॉक बस्सी, जयपुर की नीतू जांगिड़ स्वयं का किराना स्टोर चलाती हैं। वे कहती हैं कि वे स्वयं का व्यापार शुरू करना चाहती थीं, परन्तु पर्याप्त पूंजी नहीं होने के कारण नहीं कर पा रही थीं। उनकी सास एवं ननद आंगनबाड़ी केंद्र से जुड़ी हुई हैं। वहीं से उन्हें इंदिरा महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना के बारे में पता चला। उन्होंने बिना देर किये योजना के तहत ऋण के लिए आवेदन किया। राज्य सरकार द्वारा उन्हें स्वयं का व्यापार शुरू करने के लिए 2 लाख 85 हजार रुपए का ऋण स्वीकृत किया गया। इसी ऋण की मदद से उन्होंने अपना किराना स्टोर खोला और अब वे आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर है। नीतू ने इस योजना से प्रेरणा लेकर अब स्वयं का लड्डू गोपाल स्वयं सहायता समूह भी बनाया है, जिसकी मदद से वे अपने जैसी दूसरी महिलाओं के सपनों को भी साकार कर सकेंगी। वे मदद के लिए मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत का आभार व्यक्त करते हुए कहती है कि इस योजना से महिलाएं सशक्त और आत्मनिर्भर बनेंगी और उन्हें खुद का काम करने के लिए जरूरी आर्थिक सहयोग

लिए कहीं हाथ नहीं फैलाना पड़ेगा।

जयपुर के मनोहरपुरा की रहने वाली संतोष बलाई को भी इस योजना ने आर्थिक संबल प्रदान किया है और उनके जीवन को एक नई दिशा दी है। वे देवनारायण स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हुई हैं, जिसमें कुल 11 महिलायें काम करती हैं। ये सभी महिलायें सिलाई एवं पशुपालन आदि से जुड़े काम करती हैं। वे बताती है कि समूह के कार्य के लिए उन्होंने राज्य सरकार से 2 लाख 5 हजार रुपए का ऋण लिया है। संतोष ने कहा कि समूह से जुड़कर काम करना महिलाओं के लिए अपनी पहचान बनाने का एक स्वर्णिम अवसर है। वे मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत का तहे दिल से आभार प्रकट करते हुए कहती हैं कि राज्य सरकार की इस योजना से उनकी जैसी अनेक महिलाओं को अपना सपना पूरा करने की प्रेरणा मिली है।

नीतू और संतोष की ही तरह इंदिरा महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना के तहत जय महादेव स्वयं सहायता समूह की रमैया रावल को राज्य सरकार द्वारा 1 लाख 10 हजार रुपए का ऋण मिला है। धूप श्री स्वयं सहायता समूह की रेखा शर्मा ने 50 हजार रुपए एवं विनायक स्वयं सहायता समूह की ममता सोनी ने 2 लाख 50 हजार रुपए की राशि का ऋण प्राप्त कर अपना रोजगार शुरू किया है। ऐसी ही अनेक महिला उद्यमियों ने राज्य सरकार की इस योजना का लाभ उठाकर अपना काम शुरू किया है और आज आर्थिक रूप से न केवल आत्मनिर्भर बन रही हैं, बल्कि अन्य महिलाओं को भी अपने पैरों पर खड़े होने की प्रेरणा दे रही हैं।

सपना शाह

Related posts
Daily Knowledgeई-पुस्तकालयसमाचारों की दुनिया

5G | क्या आप अपने मोबाइल से 5G इंटरनेट कनेक्टिविटी का उपयोग कर रहे है?

Daily KnowledgeE COMMERCEप्रश्नोतरीसमाचारों की दुनिया

क्या आपने अपने पेन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करवा लिया हैं?

Social Mediaसमाचारों की दुनियास्वास्थ्य

राइट टू हेल्थ बिल | चिकित्सकों के प्रतिनिधिमंडल से वार्ता द्वारा गतिरोध समाप्त होने की आशा

Employment NewsRaj Studentsपरीक्षासमाचारों की दुनिया

Set Exam Rajasthan 2023 के प्रश्नपत्रों का कलेक्शन व PDF