Site logo

“उड़ान भरने की प्रेरणा: एक राजा और उसके बाज़ों की अनूठी कहानी”


उड़ान: एक राजा और उसके बाज़ों की कहानी

भूमिका:
कहानी पढ़ने से पहले धीरे से अपनी आँखें बंद करें… और अपने अंदर छिपी हुई क्षमताओं को महसूस करें।

एक बार की बात है, एक उदार और दयालु राजा रहता था। वह पक्षियों और जानवरों से बहुत प्यार करता था, और उसने अपने राज्य में एक विशाल पक्षी अभ्यारण्य बना रखा था। राजा को जानवरों और पक्षियों को नुकसान पहुँचाना या उनका शिकार करना पसंद नहीं था।

उपहार में मिले बाज़:
पक्षियों के प्रति उनकी उदारता और दया की सराहना करते हुए एक व्यापारी ने राजा को दो सुंदर बाज़ उपहार में दिए थे। राजा ने व्यापारी को धन्यवाद दिया और अपने प्रधान पक्षी प्रशिक्षक को आदेश दिया कि वह उन खूबसूरत बाज़ों को सभी सुविधाएँ प्रदान करें और उन्हें अपने राज्य के वातावरण में सहज महसूस कराएं।

एक बाज़ की उड़ान:
एक दिन, राजा ने बाज़ों को उड़ते हुए देखने की इच्छा जाहिर की। पक्षी प्रशिक्षक ने एक बाज़ को बाड़े से बाहर जाने दिया, जो बहुत तेज़ी से उड़ा और वापस बाड़े में आ गया।

दूसरे बाज़ की कहानी:
लेकिन, दूसरे बाज़ ने पहले दिन से ही एक कदम भी आगे नहीं बढ़ाया और बस एक पेड़ की शाखा पर जाकर बैठ गया था। प्रशिक्षक ने हर संभव प्रयास किया, लेकिन इस पक्षी को उड़ान भराने में वह असफल रहा।

राजा का प्रयास:
राजा ने निराशा में नहीं फँसते हुए, उस बाज़ को उड़ान सिखाने के लिए एक अधिक अनुभवी प्रशिक्षक की तलाश का फैसला किया। इस उम्मीद में कि कोई इस चुनौती को स्वीकार करेगा, उसने एक घोषणा जारी की।

वृद्ध प्रशिक्षक का आगमन:
एक वृद्ध व्यक्ति राजा के पास आया, आत्मविश्वास से भरा, उसने दावा किया कि वह उस बाज़ को भी उड़ना सिखा सकता है। राजा ने उसे बाज़ के पास ले जाने का निर्देश दिया।

एक अद्भुत परिवर्तन:
अगले दिन, राजा ने देखा कि दूसरा बाज़ भी पहले की तरह उच्च आकाश में उड़ रहा था। राजा आश्चर्यचकित और खुश हुआ, और उसने वृद्ध को इनाम में सोने के सिक्के दिए।

वृद्ध का समाधान:
राजा ने जब पूछा कि उसने यह कैसे किया, तो वृद्ध ने बताया, “मैंने केवल उस पेड़ की शाखा को काट दिया, जहाँ बाज़ जाकर बैठता था।”

सीख:
इस कहानी से हमें सीखने को मिलता है कि हम में से कई अपने आराम के क्षेत्र में फंसे रहते हैं और अपनी क्षमताओं का पूरा उपयोग नहीं करते। हमें अपने डर और आलस्य को पीछे छोड़, अपने सपनों की ओर उड़ान भरने की हिम्मत करनी चाहिए।

उपसंहार:

जब आपके पास उड़ने के लिए पंख हों, तो बैठो मत, उड़ान भरो!

हम सभी के अंदर असीमित क्षमताएँ हैं, लेकिन कभी-कभी हमें अपने ‘आरामदायक शाखा’ को छोड़ने की ज़रूरत होती है ताकि हम अपनी सच्ची क्षमता को पहचान सकें। इस कहानी के माध्यम से, हमें यह प्रेरणा मिलती है कि कठिनाइयाँ और चुनौतियाँ हमें अधिक मजबूत और सफल बनाने के लिए होती हैं, बशर्ते हम उनका सामना करने का साहस रखें।