कालीबंगा भारत के राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में स्थित एक पुरातात्विक स्थल है। यह सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख शहरी केंद्रों में से एक था, जो 2600 ईसा पूर्व और 1900 ईसा पूर्व के बीच भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में फला-फूला।
कालीबंगन में खुदाई भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा की गई थी, और साइट की खोज 1953 में की गई थी। साइट में लगभग 9 हेक्टेयर का क्षेत्र शामिल है और यह घग्घर नदी के तट पर स्थित है।
खुदाई से एक सुनियोजित शहर के अवशेषों का पता चला है जिसमें एक गढ़वाले गढ़, आवासीय क्षेत्र, एक अन्नागार, एक कब्रिस्तान और एक सार्वजनिक स्नानागार है। शहर में एक ग्रिड जैसा लेआउट था जिसमें सड़कें एक दूसरे के समानांतर चलती थीं, और घरों को पकी हुई ईंटों का उपयोग करके बनाया गया था।
कालीबंगन की सबसे उल्लेखनीय विशेषता इसकी अनूठी जल प्रबंधन प्रणाली है, जिसमें एक परिष्कृत जल निकासी प्रणाली और एक सुनियोजित जल आपूर्ति नेटवर्क शामिल है। शहर में एक डॉकयार्ड भी था, जिससे पता चलता है कि यह व्यापार और वाणिज्य का केंद्र था।
साइट से बरामद कलाकृतियों में मिट्टी के बर्तन, टेराकोटा की मूर्तियाँ, तांबे और कांस्य की वस्तुएँ, और सिंधु लिपि वाली मुहरें शामिल हैं। मिट्टी के बर्तन मुख्य रूप से लाल या काले रंग के होते थे, और मूर्तियों में मानव और पशु रूपों को दर्शाया गया था।
कुल मिलाकर, कालीबंगन की खुदाई ने सिंधु घाटी सभ्यता के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जीवन में महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान की है।
📖 कालीबंगा सभ्यता
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- जिला – हनुमानगढ़
- नदी – सरस्वती(वर्तमान की घग्घर)
- समय – 3000 ईसा पूर्व से 1750 ईसा पूर्व तक
- काल – कास्य युगीन काल
- खोजकर्ता – 1952 अमलानन्द घोस
- उत्खनन कर्ता – (1961-69) बी. बी. लाल, वी. के. थापर
- बी. बी. लाल – बृजबासी लाल
- बी. के. थापर – बालकृष्ण थापर
- शाब्दीक अर्थ – काली चुडि़यां
👉विशेषताएं
- दोहरे जुते हुऐ खेत के साक्ष्य
- यह नगर दो भागों में विभाजित है और दोनों भाग सुरक्षा दिवार(परकोटा) से घिरे हुए हैं।
- 3. अलंकृत ईटों, अलंकृत फर्श के साक्ष्य प्राप्त हुए है।
- लकड़ी से बनी नाली के साक्ष्य प्राप्त हुए है।
- यहां से ईटों से निर्मित चबुतरे पर सात अग्नि कुण्ड प्राप्त हुए है जिसमें राख एवम् पशुओं की हड्डियां प्राप्त हुई है। यहां से ऊंट की हड्डियां प्राप्त हुई है, ऊंट इनका पालतु पशु है।
- यहां से सुती वस्त्र में लिपटा हुआ ‘उस्तरा‘ प्राप्त हुआ है।
- यहां से कपास की खेती के साक्ष्य प्राप्त हुए है।
- जले हुए चावल के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं।
- युगल समाधी के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं।
- यहां से मिट्टी से निर्मिट स्केल(फुटा) प्राप्त हुआ है।
- यहां से शल्य चिकित्सा के साक्ष्य प्राप्त हुआ है। एक बच्चे का कंकाल मिला है।
सार-संक्षेप
कालीबंगा राजस्थान के हनुमानगढ़ ज़िले का एक प्राचीन एवं ऐतिहासिक स्थल है। यहाँ सिंधु घाटी सभ्यता के महत्वपूर्ण अवशेष मिले हैं। कालीबंगा एक छोटा नगर था। यहाँ एक दुर्ग मिला है। प्राचीन द्रषद्वती और सरस्वती नदी घाटी वर्तमान में घग्गर नदी का क्षेत्र में सैन्धव सभ्यता से भी प्राचीन कालीबंगा की सभ्यता पल्लवित और पुष्पित हुई। कालीबंगा 4000 ईसा पूर्व से भी अधिक प्राचीन मानी जाती है। सर्वप्रथम 1952 ई में अमलानन्द घोष ने इसकी खोज की। बी.के थापर व बी.बी लाल ने 1961-69 में यहाँ उत्खनन का कार्य किया। यहाँ विश्व का सर्वप्रथम जोता हुआ खेत मिला है और 2900 ईसापूर्व तक यहाँ एक विकसित नगर था।
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