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सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर आयोजित कार्यशाला से विज्ञान संचार में नई रणनीतियाँ सीखें

सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर में विज्ञान संचार कार्यशाला के उद्घाटन सत्र की झलक। (बाएं से दाएं): डॉ बी.के. त्यागी, डॉ. मनीष मोहन गोरे, डॉ. दीपेंद्र मजूमदार, डॉ. सुजीत भट्टाचार्य एवं सुश्री राखी बख्शी

सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर द्वारा विज्ञान संचार रणनीतियों पर प्रभावी कार्यशाला का आयोजन

नई दिल्ली, 23 फरवरी 2024: सीएसआईआर-राष्ट्रीय विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान (एनआईएससीपीआर) ने आज नई दिल्ली में विज्ञान मीडिया संचार सेल (एसएमसीसी) को सशक्त बनाने और भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (एस एंड टी) से संबंधित जानकारी को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रभावी रणनीतियां बनाने पर एक ओरिएंटेशन कार्यशाला का आयोजन किया।

विशेषज्ञों की अंतर्दृष्टि:

  • डॉ. दीपेंद्र मजूमदार, संकाय, नेशनल एकेडमी ऑफ ब्रॉडकास्टिंग एंड मल्टीमीडिया (एनएबीएम), प्रसार भारती ने “रेडियो के माध्यम से प्रभावी रूप से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सूचना का संचार” विषय पर प्रकाश डाला।
  • सुश्री राखी बख्शी, संचार सलाहकार, भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) ने “विज्ञान के संचार में लघु वीडियो एवं रीलों की भूमिका” पर बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान की।
  • डॉ. बीके त्यागी, प्रसिद्ध विज्ञान संचारक ने “पारंपरिक लोक मीडिया के माध्यम से विज्ञान संचार” पर अपना ध्यान केंद्रित किया।

कार्यशाला के मुख्य बिंदु:

  • वैज्ञानिक अनुसंधान और लोगों के बीच की खाई को पाटने में प्रभावी विज्ञान संचार का महत्व।
  • विभिन्न संचार चैनलों और तकनीकों का उपयोग करके विशिष्ट दर्शकों तक पहुंचना।
  • सोशल मीडिया सामग्री से संबंधित तथ्यों की जांच के लिए वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों की समीक्षा समिति का निर्माण।

प्रतिभागी:

  • एसएमसीसी के स्टाफ सदस्य
  • पीएचडी छात्र

सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर के बारे में:

सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर विज्ञान संचार, साक्ष्य-आधारित विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी नीति अनुसंधान को आगे बढ़ाने और लोगों के बीच वैज्ञानिक जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है।

15 लघु प्रश्नोत्तर:

  1. एसएमसीसी का क्या अर्थ है? विज्ञान मीडिया संचार सेल
  2. इस कार्यशाला का आयोजन किसने किया? सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर
  3. इस कार्यशाला का उद्देश्य क्या था? एसएमसीसी को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से संबंधित जानकारी को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रभावी रणनीतियां बनाने में सक्षम बनाना।
  4. डॉ. दीपेंद्र मजूमदार ने किस विषय पर बात की? रेडियो के माध्यम से प्रभावी रूप से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सूचना का संचार
  5. सुश्री राखी बख्शी ने किस विषय पर बात की? विज्ञान के संचार में लघु वीडियो एवं रीलों की भूमिका
  6. डॉ. बीके त्यागी ने किस विषय पर बात की? पारंपरिक लोक मीडिया के माध्यम से विज्ञान संचार
  7. वैज्ञानिक अनुसंधान और लोगों के बीच की खाई को पाटने में क्या महत्वपूर्ण है? प्रभावी विज्ञान संचार
  8. विशिष्ट दर्शकों तक पहुंचने के लिए किन चैनलों और तकनीकों का उपयोग किया जा सकता है? सोशल मीडिया, रेडियो, टेलीविजन, लोक मीडिया, आदि
  9. सोशल मीडिया सामग्री से संबंधित तथ्यों की जांच के लिए क्या किया जा सकता है? वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों की समीक्षा समिति का निर्माण
  10. एसएमसीसी के स्टाफ सदस्यों के अलावा, इस कार्यशाला में किसने भाग लिया? पीएचडी छात्र

Sources

info

  1. pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=2008560#:~:text=%E0%A4%B8%E0%A5%80%E0%A4%8F%E0%A4%B8%E0%A4%86%E0%A4%88%E0%A4%86%E0%A4%B0%2D%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%AF%20%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%9C%E0%A5%8D%E0%A4%9E%E0%A4%BE%E0%A4%A8%20%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%9A%E0%A4%BE%E0%A4%B0%20%E0%A4%94%E0%A4%B0,%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A5%80%20%E0%A4%B0%E0%A4%A3%E0%A4%A8%E0%A5%80%E0%A4%A4%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%82%20%E0%A4%AD%E0%A5%80%20%E0%A4%AC%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%BE%20%E0%A4%B9%E0%A5%88%E0%A5%A4&text=%E0%A4%A1%E0%A5%89.,-%E0%A4%A6%E0%A5%80%E0%A4%AA%E0%A5%87%E0%A4%82%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%B0%20%E0%A4%AE%E0%A4%9C%E0%A5%82%E0%A4%AE%E0%A4%A6%E0%A4%BE%E0%A4%B0%2C%20%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%AF