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जीवन की छोटी चुनौतियाँ: किसान और उसकी चट्टान से सीख

एक समय की बात है, एक किसान था जो अपने विशाल खेत में खेती किया करता था। खेत के मध्य भाग में एक पत्थर का टुकड़ा ज़मीन से थोड़ा ऊपर उठा हुआ था। यह पत्थर न केवल उसके लिए ठोकर का कारण बनता था, बल्कि कई बार उसके खेती के औजार भी इससे टकराकर टूट जाया करते थे।

एक दिन, सामान्य दिनचर्या के अनुसार, किसान सुबह-सुबह खेती करने पहुंचा। परंतु, उस दिन उसका हल पत्थर से टकराकर टूट गया, जिससे वह अत्यधिक क्रोधित हो उठा। उसने संकल्प लिया कि वह इस पत्थर को चाहे कुछ भी हो जाए, खेत से बाहर निकाल फेंकेगा।

किसान ने गाँव से कुछ लोगों को मदद के लिए बुलाया और सबको साथ लेकर पत्थर के पास पहुंचा। उसने सबसे कहा, “देखो, यह पत्थर मेरे और मेरे खेत के लिए कितनी परेशानी का कारण बना हुआ है। आज हमें मिलकर इसे जड़ से उखाड़ फेंकना है।”

किसान ने जै

से ही फावड़े से पत्थर पर वार किया, चौंकाने वाली बात यह थी कि कुछ ही प्रहारों के बाद पत्थर पूरी तरह से ज़मीन से बाहर आ गया। यह देखकर साथ खड़े लोग भी आश्चर्यचकित रह गए। उनमें से एक ने हंसते हुए कहा, “अरे, तुम तो कहते थे कि तुम्हारे खेत में एक बड़ी चट्टान है, पर यह तो मात्र एक छोटा सा पत्थर निकला।”

किसान भी हैरानी में पड़ गया। जिसे वह सालों से एक विशाल चट्टान समझ रहा था, वह दरअसल एक छोटा सा पत्थर था। उसे इस बात का पछतावा हुआ कि अगर उसने पहले ही इसे निकालने की कोशिश की होती, तो उसे न तो इतना नुकसान उठाना पड़ता और न ही दोस्तों के सामने उसका मज़ाक उड़ता।

शिक्षा: इस कहानी के माध्यम से हमें यह सिखने को मिलता है कि हम भी अक्सर अपने जीवन में आने वाली छोटी-छोटी समस्याओं को बहुत बड़ा समझ लेते हैं और उनसे निपटने की बजाय उनका सामना करने से कतराते हैं। जरूरत इस बात की है कि हम बिना समय गवाएं इन चुनौतियों का सामना करें। जब हम ऐसा करेंगे, तो हम पाएंगे कि जो समस्याएं पहले चट्टान जैसी लगती थीं, वो दरअसल एक छोटे पत्थर की तरह हैं, जिन्हें हम आसानी से पार कर सकते हैं।

संदेश: सदैव प्रसन्न रहिए – जो प्राप्त है, वही पर्याप्त है। जिसका मन शांत है, उसके पास सब हैं।