31 मार्च 2024: पंचांग, महत्वपूर्ण घटनाएं, और अवसर
आज रविवार, 31 मार्च 2024 है।
पंचांग:
- तिथि: षष्ठी (21:33 तक), पश्चात् सप्तमी
- नक्षत्र: ज्येष्ठा (22:57 तक), पश्चात् मूल
- करण: गर (09:29 तक), पश्चात् वणिज
- योग: व्यतीपात (21:51 तक), पश्चात् वरियान
- सूर्योदय: 06:11
- सूर्यास्त: 18:38
- चन्द्रोदय: 24:29
- चन्द्रराशि: वृश्चिक (22:57 तक), पश्चात् धनु
- ऋतु: वसन्त
- दिशाशूल: पश्चिम
आज की विशेष घटनाएं:
- चैत्र बदी षष्ठी (21:33 तक), पश्चात् सप्तमी
- श्री एकनाथ षष्ठी, शीतला षष्ठी (पूजन), स्कन्द षष्ठी (बंगाल), सूर्य रेवती नक्षत्र में 07:50 पर, शुक्र मीन राशि में 16:46 पर, सर्वार्थसिद्धियोग / कार्यसिद्धियोग 22:57 से सूर्योदय तक, सर्वदोषनाशक रवियोग 22:57 से, विघ्नकारक भद्रा 21:32 से, मूल संज्ञक नक्षत्र जारी, व्यतीपात पुण्यम्, पैठण यात्रा, बगाजी महाराज यात्रा – वरुड़ बगाजी (अमरावती), विजय गोविन्द हलंकर दिवस (मणिपुर), माधवनाथ महाराज पुण्य तिथि (चित्रकूट , इंदौर ), गुरु श्रीअंगद देव जयन्ती (तारीखानुसार), भारत की पहली महिला डॉक्टर श्रीमती आनंदी गोपाल जोशी जयन्ती (159वीं ), श्री राजेंद्र नारायण जयन्ती, श्रीमती शीला दीक्षित जयन्ती, वित्तीय लेखा वर्ष पूर्ण, अंतर्राष्ट्रीय ड्रग जाँच दिवस (2024), विश्व बैकअप दिवस (2024), ईस्टर रविवार ( Easter Sunday , क्रिश्चियन ) व इंटरनेशनल ट्रांसजेंडर डे ऑफ़ विजिबिलिटी (International Transgender Day of Visibility)।
31 मार्च की महत्वपूर्ण घटनाएं:
- 1774 – भारत में डाक सेवा शुरू हुई, पहला डाकघर खुला।
- 1867 – मुंबई में प्रार्थना समाज की स्थापना हुई।
- 1870 – अमेरिका में पहली बार किसी अश्वेत नागरिक ने वोट दिया।
- 1889 – पेरिस का मशहूर एफिल टावर को आधिकारिक रुप से खोला गया।
- 1959 – तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा तिब्बत की राजधानी ल्हासा से 15 दिन की पदयात्रा कर भारत की सीमा में पहुंचे। भारत ने उन्हें राजनीतिक शरण दी।
- 1990 – डॉ भीमराव अंबेडकर को मरणोपरांत सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न दिया गया।
- 2005 – संयुक्त राष्ट्र संघ ने उत्तर कोरिया को अनाज की आपूर्ति रोकी।
- 2011- जनगणना के ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत की आबादी बढ़ कर 121 करोड़ (1 अरब 21 करोड़) हो गई जो दस साल पहले हुई गणना के मुकाबले यह 17.64 फ़ीसदी ज़्यादा है।
- 2021 – भारत और ताजिकिस्तान आर्थिक साझेदारी को और बढाने पर सहमत हुए।
- 2021 – भारतीय सेना ने औपचारिक रूप से सैन्य फार्म को बंद कर दिया।
- 2023 – पाकिस्तान के कराची में मुफ्त राशन वितरण में मची भगदड़ से 8 महिलाओं सहित 3 बच्चों की दर्दनाक मौत हुई।
- 2023 – भारत और फिलीपींस के बीच चौथी संयुक्त रक्षा सहयोग समिति की बैठक नई दिल्ली में आयोजित की गई।
31 मार्च को जन्मे व्यक्ति:
- 1504 – गुरु अंगद देव, सिक्खों के दूसरे गुरु।
- 1865 – आनंदी गोपाल जोशी – भारत की प्रथम महिला डॉक्टर।
- 1938 – शीला दीक्षित – भारत की प्रसिद्ध महिला राजनीतिज्ञ तथा दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री।
- 1945 – मीरा कुमार, प्रसिद्ध राजनीतिज्ञा , पहली महिला लोकसभा अध्यक्षा।
- 1987 – कोनेरू हंपी, भारतीय ग्रैंडमास्टर शतरंज।
31 मार्च को हुए निधन:
- 1727 – महान भौतिकशास्त्री आइजैक न्यूटन का 84 वर्ष की आयु में लंदन में निधन हुआ।
- 1972 – भारतीय सिनेमा की मशहूर अभिनेत्री मीना कुमारी का निधन।
- 2020 – गीता रामजी युगांडाई-दक्षिण अफ्रीकी वैज्ञानिक और एचआईवी की रोकथाम में शोधकर्ता थीं।
कृपया ध्यान दें: पूरी सावधानी के बाद भी किसी त्रुटि के लिए जिम्मेदारी नहीं है।
आपका दिन मंगलमय हो!
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31 मार्च 2024
🦋 आज की प्रेरणा 🦋
“सिवाय हमारे संकल्पों के हमें कुछ और नहीं बांधता… सिवाय हमारे डर के हमें कोई और नहीं रोकता… सब कुछ हमारे अंदर ही है।”
आज से हम डर पर काबू पाएं और स्वयं को श्रेष्ठ बनाएं…
💧 आज की प्रेरणा 💧
“Nothing binds us except our thoughts… Nothing limits us except our fears… Everything is within us!”
आज से हम अपने डरों को पार करें और अपने आप को उच्चतम स्थान पर ले जाएं।
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३१❗०३❗२०२४
❄ आज का प्रेरक प्रसंग ❄
!! झगड़े का मूल कारण !!
एक बार एक सेठ अपनी दुकान पर बेठे थे.. दोपहर का समय था इसलिए कोई ग्राहक भी नहीं था तो वो थोड़ा सुस्ताने लगे।
इतने में ही एक संत भिक्षक भिक्षा लेने के लिए दुकान पर आ पहुचे और सेठ जी को आवाज लगाई कुछ देने के लिए।
सेठजी ने देखा की इस समय कोन आया है ?
जब उठकर देखा तो एक संत याचना कर रहा था।
सेठ बड़ा ही दयालु था वह तुरंत उठा और दान देने के लिए एक कटोरी चावल बोरी में से निकाला और संत के पास आकर उनको चावल दे दिया।
संत ने सेठ जी को बहुत बहुत आशीर्वाद और दुवाएं दी।
तब सेठ जी ने संत से हाथ जोड़कर बड़े ही विनम्र भाव से कहा की..
हे गुरुजन, आपको मेरा प्रणाम… मैं आपसे अपने मन में उठी शंका का समाधान पूछना चाहता हूं।
संत याचक ने कहा की जरुर पूछो…
तब सेठ जी ने कहा की.. लोग आपस में लड़ते क्यों है ?
संत ने सेठ जी के इतना पूछते ही.. शांत स्वभाव और वाणी में कहा की सेठ मैं तुम्हारे पास भिक्षा लेने के लिए आया हुं.. तुम्हारे इस प्रकार के मूर्खता पूर्वक सवालो के जवाब देने नहीं आया हूं।
इतना संत के मुख से सुनते ही सेठ जी को क्रोध आ गया और मन में सोचने लगे की यह केसा घमंडी और असभ्य संत है ?
ये तो बड़ा ही कृतघ्न है, एक तरफ मैंने इनको दान दिया और ये मेरे को ही इस प्रकार की बात बोल रहे है..
इनकी इतनी हिम्मत…
और ये सोच कर सेठजी को बहुत ही गुस्सा आ गया और वो काफी देर तक उस संत को खरी खोटी सुनाते रहे।
और जब अपने मन की पूरी भड़ास निकाल चुके तब कुछ शांत हुए तब, संत ने बड़े ही शांत और स्थिर भाव से कहा की…
जैसे ही मैंने कुछ बोला आपको गुस्सा आ गया, और आप गुस्से से भर गए और लगे जोर जोर से बोलने और चिलाने…
शिक्षा:-
वास्तव में केवल गुस्सा ही सभी झगड़े का मूल होता है… यदि सभी लोग अपने गुस्से पर काबू रखना सीख जाये तो दुनिया में झगड़े ही कभी न होंगे..!!
सदैव प्रसन्न रहिये – जो प्राप्त है, पर्याप्त है।
जिसका मन मस्त है – उसके पास समस्त है।।
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यह कहानी जीवन के मूल्यवान सिख देने वाली है कि गुस्से की जद कैसे हर झगड़े की मूल कारण बन सकती है और यदि हम अपने गुस्से पर काबू पाएं, तो हम एक शांत और समृद्ध समाज की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।