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समास को आसानी से समझें – कक्षा 10, एनसीईआरटी, हिंदी व्याकरण

समास: सम्पूर्ण विस्तार

समास दो या दो से अधिक पदों के मिलने से बने नए शब्द को कहते हैं। समास में पदों के बीच में कोई संधि नहीं होती है।

समास के प्रकार:

1. अव्ययीभाव समास: जब अव्यय और पद मिलकर समास बनाते हैं तो उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं।

  • उदाहरण: जैसे – सदा +चार = सदाचार

2. तत्पुरुष समास: जब दो पद मिलकर समास बनाते हैं और उनमें से किसी भी पद का अर्थ नहीं बदलता है तो उसे तत्पुरुष समास कहते हैं।

  • उदाहरण: जैसे – राजा + का + पुत्र = राजकुमार

3. द्विगु समास: जब दो समान पद मिलकर समास बनाते हैं तो उसे द्विगु समास कहते हैं।

  • उदाहरण: जैसे – दिन + दिन = दिनदिन

4. बहुव्रीहि समास: जब समास के बाद नया अर्थ बनता है तो उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं।

  • उदाहरण: जैसे – नील + कमल + नेत्र = नीलकमलनेत्र

5. कर्मधारय समास: जब समास के पदों का क्रम बदलने पर अर्थ नहीं बदलता है तो उसे कर्मधारय समास कहते हैं।

  • उदाहरण: जैसे – राजा + का + पुत्र = पुत्र + राजा का

समास के कुछ महत्वपूर्ण नियम:

  • समास में पदों के बीच में कोई संधि नहीं होती है।
  • समास में पदों का क्रम महत्वपूर्ण होता है।
  • समास का अर्थ उसके घटक पदों के अर्थ से अलग होता है।

समास के कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण:

  • गंगा + नदी = गंगा नदी
  • पिता + का + घर = पिता का घर
  • नीला + कमल = नील कमल
  • बहुत + दिन = बहुत दिन
  • दस + दस = बीस

समास के महत्व:

  • समास भाषा को सरल और सुगम बनाती है।
  • यह भाषा को मधुर और सुंदर बनाती है।
  • यह शब्दों के उच्चारण को आसान बनाती है।

समास के अध्ययन के लिए टिप्स:

  • समास के नियमों को अच्छी तरह से समझें।
  • उदाहरणों के साथ समास को समझने का प्रयास करें।
  • शब्दों में समास को पहचानें।
  • समास से संबंधित अभ्यास करें।

उम्मीद है कि उपरोक्त जानकारी आपको समास को समझने में सहायक होगी।