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संधि सीखें आसानी से – कक्षा 10, एनसीईआरटी, हिंदी व्याकरण

संधि: सम्पूर्ण विस्तार

संधि दो शब्दों के मिलने से बने नए शब्द को कहते हैं। जब दो शब्द मिलते हैं तो उनके बीच के कुछ वर्ण लुप्त हो सकते हैं, बदल सकते हैं, या यथावत रह सकते हैं।

संधि के प्रकार:

1. स्वर संधि: जब दो स्वर मिलते हैं तो स्वर संधि होती है।

अयादि संधि:

उदाहरण: जैसे – राम + इंद्र = रामेन्द्र

आदि संधि:

उदाहरण: जैसे – देव + इंद्र = देवेन्द्र


2. व्यंजन संधि: जब दो व्यंजन मिलते हैं तो व्यंजन संधि होती है।

स्पर्श संधि:

उदाहरण: जैसे – क + प = ख

अंतःस्थ संधि:

उदाहरण: जैसे – न + म = ण


3. विसर्ग संधि: जब विसर्ग (ः) के बाद स्वर या व्यंजन आता है तो विसर्ग संधि होती है।

उदाहरण: जैसे – अहं + इन्द्र = अहेंद्र


संधि के कुछ महत्वपूर्ण नियम:

ह्रस्व + ह्रस्व = दीर्घ: जैसे – अ + इ = आ

दीर्घ + ह्रस्व = दीर्घ: जैसे – ई + अ = ए

ह्रस्व + दीर्घ = दीर्घ: जैसे – उ + ई = ऊ


संधि के कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण:

स + अ = सा: जैसे – स + आदर = सादर

त + अ = ता: जैसे – त + आप = ताप

न + अ = ना: जैसे – न + आना = नाना


संधि के महत्व:

संधि भाषा को सरल और सुगम बनाती है।

यह शब्दों के उच्चारण को आसान बनाती है।

यह भाषा को मधुर और सुंदर बनाती है।


संधि के अध्ययन के लिए टिप्स:

संधि के नियमों को अच्छी तरह से समझें।

उदाहरणों के साथ संधि को समझने का प्रयास करें।

शब्दों में संधि को पहचानें।

संधि से संबंधित अभ्यास करें।