
शिविरा पत्रिका माह नवम्बर 2022👇👇
शिक्षा विभाग राजस्थान की मासिक पत्रिका शिविरा का पीडीएफ आपके लिए प्रस्तुत है। शिविरा पत्रिका में शिक्षा जगत के महत्वपूर्ण आदेश, परिपत्र व सन्देश नियमित रूप से प्रकाशित होते है। हम हमारे पाठको से निवेदन करते है कि वे नियमित रूप से शिविरा पत्रिका का अध्ययन करें। आप शिविरा पत्रिका के नियमित सदस्य बनने के लिए निम्नलिखित लिंक के माध्यम से आवेदन भी कर सकते है।
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श्रीमान निदेशक महोदय श्री गौरव अग्रवालका संदेश
वैश्विक परिदृश्य में शैक्षिक नवाचार का आगाज

नवम्बर 2022 में शिविरा का यह अंक अज्ञान रूपी अंधकार को मिटाने के लिए किए गए दीपदान के पश्चात आपके हाथों में आएगा। एक नवीन संकल्प के साथ, जिसमें ज्ञान का एक दीप जलाएंगे, समस्त गुरुजन अज्ञान के अंधकार में डूबे समाज के अंतिम पायदान पर खड़े उस आशान्वित विद्यार्थी के नाम, जिसे उम्मीद है कि उसके गुरुजी शिक्षा के क्षेत्र में प्रत्येक कदम पर उसका मार्गदर्शन करेंगे।
प्रसन्नता हो रही है आप सभी के साथ इस बात को साझा करते हुए कि हाल ही में शिक्षक दिवस पर एक नवाचार के रूप में RKSMBK एप लाँच किया गया था, जिसमें 2.3 लाख शिक्षकों द्वारा इसके सफल क्रियान्वयन के पश्चात 12 अक्टूबर, 2022 को भामाशाह सम्मान समारोह के अवसर पर राजस्थान सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में अगला कदम बढ़ाते हुए AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स) एप लाँच किया गया है। यह संभवत शिक्षा के क्षेत्र में किया गया संसार का सबसे बड़ा और अनूठा नवाचार है। RKSMBK के माध्यम से हमारे शिक्षकों ने विद्यार्थियों के लर्निंग लॉस को समाप्त करने का प्रयास किया। किन्तु कार्य के मूल्यांकन के बिना उपलब्धि का आकलन करना कपोल कल्पित लगता है। AI एप के माध्यम से राजस्थान के 65,000 सरकारी स्कूलों के कक्षा 3 से 8 तक पढ़ने वाले 50 लाख विद्यार्थियों के सभी विषयों के वर्ष पर्यंत होने वाले तीनों दक्षता आधारित आकलन की लगभग 1.5 करोड़ प्रति एग्जाम की उत्तर पुस्तिका के हिसाब से 4 करोड़ उत्तर पुस्तिका का सम्पूर्ण राजस्थान में एक आधारभूत मानदण्ड बनाकर मूल्यांकन किया जाएगा। शैक्षिक जगत में राजस्थान का यह अद्भुत कार्य वैश्विक परिदृश्य में शैक्षिक नवाचार का आगाज होगा।
हमारा उद्देश्य है कि तकनीक को शिक्षा के क्षेत्र में इस प्रकार काम में लिया जाए कि प्रत्येक विद्यार्थी को इसका लाभ मिल सके। तकनीकी युग तक पहुँचने का सफर यदि दैदीप्यमान इतिहास पुरुषों के सान्निध्य में तय किया जाए तो यह सोने में सुगंध का कार्य होगा, इसलिए इतिहास वर्णित उज्ज्वल कीर्ति स्तंभ के रूप में महाकवि कालिदास, ज्ञानपुंज गुरुनानक देव, दुर्गा स्वरूप रानी लक्ष्मी बाई, शक्ति स्वरूपा इंदिरा गाँधी, बच्चों के प्रिय चाचा नेहरु के गुणों को बीज रूप में अपने विद्यार्थी वर्ग में संजोकर उनमें आदर्श भारतीय नागरिक गुणों का विकास कर पाएँगे, ऐसा मेरा विश्वास है।
आपका अपना
( गौरव अग्रवाल)