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प्रेरक कहानी: कबूतरों की सीख – अपने भीतर की कमियों को पहचानें


🌳🦚 आज की कहानी: कमियां 🦚🌳

कबूतर के एक जोड़े ने अपने लिए एक घोंसला बनाया। परंतु, जब वे इस घोंसले में रहते, तो एक अजीब बदबू आती रहती थी। वे घोंसला छोड़कर एक नई जगह घोंसला बनाते, मगर वहाँ भी बदबू का पीछा नहीं छूटता। आखिरकार, वे परेशान होकर एक नए मोहल्ले में चले गए और वहाँ भी एक नया घोंसला बनाया। मगर फिर भी, बदबू से मुक्ति नहीं मिली।

थक हारकर उन्होंने एक बुजुर्ग चतुर कबूतर से सलाह ली। चतुर कबूतर ने उनके घोंसले का मुआयना किया और फिर उन्हें बताया कि बदबू घोंसले से नहीं, बल्कि उनके अपने शरीर से आ रही है। उसने सलाह दी कि वे खुद को साफ करें।

शिक्षा:

इस कहानी के माध्यम से हमें सिखने को मिलता है कि पूरी दुनिया से खामियां निकालने और बदबू ढूँढने के बजाय, हमें अपने भीतर की खामियों (कमजोरियों) और अपवित्रता रूपी विकारों (बदबू) को दूर करना चाहिए। ऐसा करने पर ही दुनिया सचमुच खूबसूरत और खुशबूदार बन पाएगी।

सदैव प्रसन्न रहिए। जो प्राप्त है, वही पर्याप्त है।

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