राजस्थान सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक नवीन पहल की घोषणा की है। इस नई पहल के अंतर्गत, सरकारी स्कूलों में प्रार्थना के समय सूर्य नमस्कार को अनिवार्य किया जाएगा। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इस कार्यक्रम की शुरुआत की जानकारी देते हुए बताया कि मंगलवार से सभी सरकारी स्कूलों में यह अभ्यास शुरू हो जाएगा।
सूर्य नमस्कार को शिक्षा के साथ जोड़ने का यह कदम छात्रों में न केवल शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक संतुलन और एकाग्रता को भी बढ़ावा देने का प्रयास है। इस पहल के माध्यम से सरकार यह संदेश देना चाहती है कि शिक्षा केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह व्यक्तित्व के समग्र विकास से भी जुड़ा हुआ है।
सूर्य नमस्कार एक योगिक अभ्यास है जिसमें शरीर की विभिन्न मुद्राओं के साथ-साथ श्वास को भी समन्वित किया जाता है। यह अभ्यास न केवल शारीरिक लचीलापन और ताकत को बढ़ाता है, बल्कि मानसिक शांति और एकाग्रता में भी सहायक होता है। इसे स्कूली शिक्षा में शामिल करने से छात्रों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आने की संभावना है।
इस नई पहल का स्वागत करते हुए, शिक्षकों और छात्रों ने इसे शिक्षा में एक सकारात्मक बदलाव के रूप में देखा है। शिक्षकों का मानना है कि इससे छात्रों में अनुशासन और समय प्रबंधन की भावना मजबूत होगी, जबकि छात्रों को लगता है कि यह उनके दैनिक जीवन में नई ऊर्जा और उत्साह भर देगा।
राजस्थान सरकार की इस पहल को अन्य राज्यों द्वारा भी अपनाए जाने की संभावना है। यह न केवल शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार का एक उदाहरण स्थापित करता है, बल्कि यह भारतीय योगिक परंपरा को भी वैश्विक मंच पर प्रोत्साहित करता है। इस पहल के सफल क्रियान्वयन से शिक्षा के क्षेत्र में एक नई दिशा की उम्मीद की जा सकती है।