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राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की कक्षा 10 के लिए गणित के प्रथम अध्याय के नोट्स

पॉलिनोमियल्स

पॉलिनोमियल क्या है?

एक बहुपद एक ऐसा बीजगणितीय व्यंजक है जिसमें एक या एक से अधिक चर होते हैं और चर के प्रत्येक पद में केवल एक घातांक होता है।

उदाहरण:

  • x2+2x+3 एक त्रिपद बहुपद है, जिसमें एक चर x है और उसके तीन पद हैं।
  • 2×3+x2−3x+1 एक चतुर्घात बहुपद है, जिसमें एक चर x है और उसके चार पद हैं।
  • 3 एक आदि बहुपद है, जिसमें एक चर x है और उसका घातांक 0 है।

पॉलिनोमियल के प्रकार

पॉलिनोमियल को निम्नलिखित आधारों पर वर्गीकृत किया जा सकता है:

  • घात के आधार पर:
    • एकपदी बहुपद: जिस बहुपद में केवल एक चर होता है और उस चर का घातांक 1 होता है, उसे एकपदी बहुपद कहते हैं।
    • द्विपद: जिस बहुपद में केवल एक चर होता है और उस चर का घातांक 2 होता है, उसे द्विपद कहते हैं।
    • त्रिपद: जिस बहुपद में केवल एक चर होता है और उस चर का घातांक 3 होता है, उसे त्रिपद कहते हैं।
    • चतुर्घात बहुपद: जिस बहुपद में केवल एक चर होता है और उस चर का घातांक 4 होता है, उसे चतुर्घात बहुपद कहते हैं।
    • आदि बहुपद: जिस बहुपद में केवल एक चर होता है और उस चर का घातांक 0 होता है, उसे आदि बहुपद कहते हैं।
  • चर की संख्या के आधार पर:
    • एकपदी बहुपद: जिस बहुपद में केवल एक चर होता है, उसे एकपदी बहुपद कहते हैं।
    • द्विपद: जिस बहुपद में दो चर होते हैं, उसे द्विपद कहते हैं।
    • त्रिपद: जिस बहुपद में तीन चर होते हैं, उसे त्रिपद कहते हैं।
    • बहुपद: जिस बहुपद में चार या अधिक चर होते हैं, उसे बहुपद कहते हैं।

पॉलिनोमियल के गुणधर्म

पॉलिनोमियल के निम्नलिखित गुणधर्म होते हैं:

  • योग: समान घात के बहुपदों का योग उनके गुणांकों को मिलाकर प्राप्त किया जाता है।

उदाहरण:(x^2 + 3x + 2) + (2x^2 - x + 1) = 3x^2 + 2x + 3

  • गुणन: समान घात के बहुपदों का गुणन उनके गुणांकों को गुणा करके प्राप्त किया जाता है।

उदाहरण:(x^2 + 3x + 2)(2x^2 - x + 1) = 2x^4 + 5x^3 - x^2 + 2x + 2

  • भाग: उच्च घात के बहुपद को निम्न घात के बहुपद से भाग देने पर, शेषफल एक बहुपद प्राप्त होता है जिसकी घात उच्च घात के बहुपद की घात से कम होती है।

उदाहरण:(x^2 + 3x + 2) \div (x + 1) = x + 2

युग्म रेखीय समीकरणों में दो चर

युग्म रेखीय समीकरण क्या है?

दो चर वाले दो समीकरणों को युग्म रेखीय समीकरण कहते हैं।

उदाहरण:

  • x+y=5
  • 2x−y=3

युग्म रेखीय समीकरणों के हल

युग्म रेखीय समीकरणों के दो हल होते हैं।

हल प्राप्त करने के लिए, हम निम्नलिखित विधियों का प्रयोग कर सकते हैं:

  • ग्राफीय विधि: युग्म रेखीय समीकरणों के दो समीकरणों के ग्राफ बनाते हैं। यदि दोनों रेखाएँ एक बिंदु पर मिलती हैं, तो वह बिंदु युग्म रेखीय समीकरणों का हल होता
  • बीजीय विधि: युग्म रेखीय समीकरणों को एक समीकरण में निरूपित करते हैं। फिर उस समीकरण को हल करके प्राप्त हल युग्म रेखीय समीकरणों का हल होता है।

उदाहरण:x + y = 5 2x - y = 3

इन समीकरणों को एक समीकरण में निरूपित करने के लिए, हम निम्नलिखित समीकरण प्राप्त कर सकते हैं:3x = 8 x = 8/3

इस समीकरण को x=8/3 में प्रतिस्थापित करने पर, हम प्राप्त करते हैं:(8/3) + y = 5 y = 5 - 8/3 y = 13/3

इसलिए, युग्म रेखीय समीकरणों के हल x=8/3 और y=13/3 हैं।

वर्ग समीकरण

वर्ग समीकरण क्या है?

एक चर वाले समीकरण जिसमें चर का घातांक 2 होता है, उसे वर्ग समीकरण कहते हैं।

उदाहरण:

  • x2−5x+6=0

वर्ग समीकरण के मूल

वर्ग समीकरण के दो मूल होते हैं।

मूल प्राप्त करने के लिए, हम निम्नलिखित विधियों का प्रयोग कर सकते हैं:

  • गुणनखंड विधि: वर्ग समीकरण के दोनों पक्षों को समान गुणनखंडों से गुणा करते हैं। फिर, दोनों पक्षों को समान गुणनखंडों में विभाजित करते हैं। प्राप्त समीकरण के दोनों पक्षों के समीकरण को हल करके मूल प्राप्त करते हैं।

उदाहरण:x^2 - 5x + 6 = 0 (x - 2)(x - 3) = 0 x - 2 = 0 या x - 3 = 0 x = 2 या x = 3

  • पूर्ण वर्ग विधि: वर्ग समीकरण के दोनों पक्षों से एक समान पद घटाकर या जोड़कर उसे पूर्ण वर्ग बनाते हैं। फिर, वर्गमूल लेकर मूल प्राप्त करते हैं।

उदाहरण:x^2 - 5x + 6 = 0 x^2 - 5x + 5 + 1 = 0 (x - 2)^2 = -1 x - 2 = \pm i x = 2 \pm i

  • सूत्र विधि: वर्ग समीकरण के मूलों के लिए निम्नलिखित सूत्र होता है:

x = \frac{-b \pm \sqrt{b^2 - 4ac}}{2a}

जहाँ a, b, और c क्रमशः वर्ग समीकरण के गुणांक हैं।

उदाहरण:x^2 - 5x + 6 = 0 a = 1, b = -5, c = 6

इस सूत्र से, हम प्राप्त करते हैं:x = \frac{+ 5 \pm \sqrt{(-5)^2 - 4 \cdot 1 \cdot 6}}{2 \cdot 1} x = \frac{5 \pm \sqrt{1}}{2} x = 3 \text{ or } 2

अंकगणितीय श्रेणी (A.P.)

अंकगणितीय श्रेणी क्या है?

अंकों का वह अनुक्रम, जिसमें से निकटवर्ती दो पदों का अंतर सदैव समान होता है, अंकगणितीय श्रेणी कहलाता है।

उदाहरण:

  • 2,5,8,11,14,…

अंकगणितीय श्रेणी के पद

अंकगणितीय श्रेणी के किसी पद को इस सूत्र द्वारा प्राप्त किया जा सकता है:a_n = a_1 + d(n - 1)

जहाँ an​ nवाँ पद है, a1​ पहला पद है, और d अन्तर है।

अंकगणितीय श्रेणी का योग

अंकगणितीय श्रेणी के n पदों का योग इस सूत्र द्वारा प्राप्त किया जा सकता है:S_n = \frac{n(a_1 + a_n)}{2}

जहाँ Sn​ n पदों का योग है।

अंकगणितीय श्रेणी के गुणधर्म

अंकगणितीय श्रेणी के निम्नलिखित गुणधर्म होते हैं:

  • सभी पदों का योग एक ही होता है।
  • मध्य पदों का योग दो बाहरी पदों के योग के बराबर होता है।
  • यदि श्रेणी के सभी पदों का योग S है, तो 2S श्रेणी के पहले और अंतिम पद का योग होता है।
  • यदि श्रेणी के सभी पदों का योग S है, और n पदों का योग Sn है, तो nS श्रेणी के पहले n पदों का योग होता है।

अंकगणितीय श्रेणी के अनुप्रयोग

अंकगणितीय श्रेणी का उपयोग निम्नलिखित स्थितियों में किया जा सकता है:

  • ब्याज की गणना: यदि किसी राशि पर एक निश्चित दर से एक निश्चित समय तक ब्याज मिलता है, तो ब्याज का योग एक अंकगणितीय श्रेणी होता है।
  • समान अंतरालों पर होने वाली घटनाओं की संख्या: यदि कोई घटना समान अंतरालों पर होती है, तो घटनाओं की संख्या एक अंकगणितीय श्रेणी होती है।
  • परिवहन में किराए की गणना: यदि किसी दूरी पर यात्रा करने के लिए समान अंतरालों पर किराए में वृद्धि होती है, तो किराए की कुल राशि एक अंकगणितीय श्रेणी होती है।

सारांश

इस अध्याय में, हमने पॉलिनोमियल्स, युग्म रेखीय समीकरणों, वर्ग समीकरणों, और अंकगणितीय श्रेणियों के बारे में सीखा है। इन विषयों की अच्छी समझ हमारे लिए गणित में आगे बढ़ने और विभिन्न प्रकार के अनुप्रयोगों को समझने के लिए आवश्यक है।