सरकारी कर्मचारियों की तरह अब बोर्ड, निगमों और सरकारी सहायता से चलने वाले विश्वविद्यालयों के अफसर – कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन देने का फैसला किया है। बजट में की गई घोषणा के आधार पर अब वित्त विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं।
इसके दायरे में नगर निगम, यूआईटी, बिजली कंपनियां, निगम, बोर्ड, सरकारी उपक्रम और विश्वविद्यालयों के करीब एक लाख कर्मचारी आएंगे। इन संस्थाओं में काम करने वालों के साथ रिटायर्ड हो चुके कर्मचारियों को भी ओपीएस का फायदा लेने के लिए वित्त विभाग से जारी फॉर्मेट को भरकर 15 जून तक जमा करवानाहोगा। वित्त विभाग से जारी आदेशों के मुताबिक जिन संस्थाओं में पुरानी पेंशन स्कीम का फायदा नहीं मिलता व है उन संस्थाओं को जीपीएफ लिंक पेंशन स्कीम लागू करने के लिए नए नियम बनाकर पेंशन निधि का गठन करना होगा र और इन संस्थाओं को पेंशन निधि की उ राशि राज्य सरकार के पीडी खाते में जमा व करवानी होगी।
ऑटोनोमस बॉडी में काम करके रिटायर्ड हुए जिन कर्मचारियों ने ईपीएफ (एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड) या सीपीएफ से एकमुश्त राशि उठा ली है। जो कर्मचारी अब पुरानी पेंशन का फायदा लेना चाहते हैं। उनके लिए भी विकल्प है। ऐसे कर्मचारियों को पुरानी पेंशन लेने के लिए विकल्प फार्म भरकर देना होगा। साथ ही ईपीएफ या सीपीएफ से जो एकमुश्त राशि रिटायरमेंट के बाद उठाई है। वह पूरी राशि 12 फीसदी ब्याज के साथ जमा करवानी होगी।
सरकार ने ऐसे सभी कार्यरत और सेवानिवृत कर्मचारियों को पेंशन विकल्प फार्म 15 जून तक भरकर देने के निर्देश दिए है। ताकि 30 जून तक विभाग की ओर से सेवानिवृत कर्मचारियों की जमा राशि की ब्याज की गणना की जा सके। इसके अलावा सेवानिवृत कर्मचारियों को राशि जमा करवाने के लिए समय 15 जुलाई तक दिया जाएगा।
अत्यंत महत्वपूर्ण
सरकारी आदेश
विषयः राजकीय उपक्रमों / स्वायत्तशासी निकायों / विश्वविद्यालय आदि संस्थाओं में, जहां NPS लागू थी या कोई भी योजना लागू नहीं थी, के संबंध में पुरानी पेंशन योजना (OPS) लागू करने बाबत।
राज्य सरकार द्वारा समस्त राजकीय उपक्रमों/ स्वायत्तशासी निकाय/ बोर्ड / विश्वविद्यालय आदि में पुरानी पेंशन योजना (OPS ) लागू करने के निर्णय की पालना के संबंध में निम्न निर्देश जारी किये जाते
प्रशासनिक स्वीकृतियाँ एवं अनुमोदन –
1.1 राजकीय उपक्रम ब्यूरो के क्षेत्राधिकार के अन्तर्गत आने वाले उपक्रमों आदि के संबंध में दिशा-निर्देश राजकीय उपक्रम विभाग द्वारा जारी किये जायेंगे।
1.2 राजकीय उपक्रमों के क्षेत्राधिकार में नहीं आने वाले संस्थाओं के लिये दिशा-निर्देश संबंधित प्रशासनिक विभाग द्वारा जारी किये जायेंगे ।
1.3 राजकीय उपक्रम विभाग / प्रशासनिक विभाग द्वारा दिशा-निर्देश जारी होने के उपरान्त संबंधित संस्था सक्षम स्तर से अनुमोदन प्राप्त कर इसे अंगीकृत करने की कार्यवाही करेगी।
1.4 यदि संस्था को संबंधित प्रशासनिक विभाग के अतिरिक्त अन्य किसी स्तर से अनुमोदन की करेगी।
1.5 संबंधित संस्था राज्य सरकार के पुरानी पेंशन योजना लागू करने के आदेश तथा इसे संबंधित संस्था में अंगीकार करने के निर्णय से PFRDA को अवगत कराया जायेगा। दिनांक 01.04. 2023 से एन. पी. एस की नियोक्ता अंशदान के रूप में कोई भी कटौती नहीं की जायेगी।
GPF linked Pension Scheme तथा उसके अन्तर्गत पेंशन निधि-
2.1 सभी संस्थाओं में GPF linked Pension Scheme लागू की जायेगी।
2.2 जिन संस्थाओं में पूर्व से ही GPF linked Pension Scheme लागू है तथा पेंशन निधि गठित है, उन्हें नवीन पेंशन निधि गठित करने की आवश्यकता नहीं है, परन्तु यह सुनिश्चित करना होगा कि पेंशन निधि राज्य सरकार के पी.डी. खाते में ही संधारित की जाये। यदि पेंशन निधि राज्य सरकार के पी.डी. खाते के अलावा अन्यत्र संधारित है, तो उसे राज्य सरकार के पी.डी. खाते में संधारित किया जायेगा।
आवश्यकता हो तो, अनुमोदन प्राप्त कर तत्पश्चात् संस्था इसे अंगीकार करने की कार्यवाही
2.3 जिन संस्थाओं में GPF linked Pension Scheme लागू नहीं है, उनके द्वारा पुरानी पेंशन योजना हेतु GPF linked Pension Scheme लागू करने हेतु विनियम बनाये जा कर पेंशन निधि कागठन किया जायेगा तथा इन संस्थाओं के स्तर से भी पेंशन निधि राज्य सरकार के पी.डी. खाते में ही संधारित की जायेगी।
2.4 जिन संस्थाओं में कार्मिकों की संख्या बहुत कम है जिसके कारण अलग से पेंशन निधि का गठन एवं संचालन करना व्यवहारिक न हो, उन संस्थाओं के संबंध में संबंधित प्रशासनिक विभाग अपने स्तर से किसी एक संस्था (राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड की भांति) को सभी संस्थाओं हेतु GPF linked Pension Scheme लागू करने तथा तदानुसार अधिकृत संस्था के स्तर पर पेंशन निधि के गठन एवं संचालन हेतु अधिकृत कर सकते हैं।
GPF linked Pension Scheme के अन्तर्गत कार्मिकों के जी.पी.एफ. खाते
3.1 राज्य सरकार द्वारा बोर्ड / निगम आदि को महंगाई भत्ता एवं तदर्थ बोनस / एक्स-ग्रेसिया की राशि के आदेशों में यह शर्त उल्लेखित थी कि नकद भुगतान के अतिरिक्त एरियर राशि में “सामान्य प्रावधायी निधि सेब ( GPF-SAB ) ” में हस्तान्तरित की जायेगी। “सामान्य प्रावधायी निधि सब (GPF-SAB)” की कटौती का प्रावधान “राजस्थान राज्य कर्मचारी सामान्य प्रावधायी निधि नियम-2021” के अन्तर्गत उल्लेखित है। ऐसी स्थिति में सभी संस्थाओं के कार्मिकों के “सामान्य प्रावधायी निधि सैब (GPF-SAB ) ” के खाते राज्य बीमा एवं सामान्य प्रावधायी निधि विभाग में पूर्व से ही संधारित किये जा रहे है। –
3.2 भविष्य में GPF linked Pension Scheme के अन्तर्गत कार्मिकों के जी.पी.एफ. खाते “राजस्थान राज्य कर्मचारी सामान्य प्रावधायी निधि नियम-2021 के अन्तर्गत शासित होगे तथा इस हेतु जिन संस्थाओं में GPF linked Pension Scheme लागू है, उन संस्थाओं में जी.पी.एफ से सम्बन्धित विनियमों में आवश्यक संशोधन किया जाकर कार्मिक अंशदान की राशि “सामान्य प्रावधायी निधि सैब (GPF-SAB)” में जमा कराने का प्रावधान किया जायेगा ।
3.3 जिन संस्थाओं में GPF linked Pension Scheme लागू नहीं है, उनके द्वारा GPF linked PensionScheme लागू करने तथा “सामान्य प्रावधायी निधि सैब (GPF-SAB)” में राशि जमा कराने हेतु विनियम बनाये जा कर इस हेतु प्रावधान किया जायेगा ।
3.4 सामान्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग द्वारा “सामान्य प्रावधायी निधि सैब ( GPF-SAB)” में कार्मिकों की राशि जमा करने हेतु समस्त आवश्यक व्यवस्थाएं और प्रक्रियाएं निर्धारित की जायेगी।
पुरानी पेंशन योजना हेतु विकल्प
4.1संस्था के स्तर पर आवश्यक स्वीकृतियाँ तथा GPF linked Pension Scheme संशोधनों सहित लागू होने पर सेवानिवृत कार्मिकों से पुरानी पेंशन योजना हेतु निर्धारित प्रपत्र में संबंधित संस्था के प्राधिकृत अधिकारी को दिनांक 30-6-2023 तक पुरानी पेंशन योजना के पुनर्विकल्प / विकल्प हेतु आवेदन प्रस्तुत किये जा सकेंगे।
4.2. सेवानिवृत्त कार्मिक द्वारा एक बार दिया गया पुनर्विकल्प / विकल्प आवेदन अंतिम होगा तथा निर्धारित तिथि तक विकल्प प्रस्तुत नहीं किया जाता है तो यह माना जायेगा कि वह NPS का ही सदस्य बना रहना चाहते हैं। सेवा से निष्कासित, सेवा से हटाये गये, सेवा से त्यागपत्र देने वाले कार्मिकों को पुरानी पेंशन योजना के विकल्प की सुविधा नहीं होगी।
सेवानिवृत्त कार्मिक द्वारा पेंशन विकल्प प्रस्तुत करने के साथ जमा कराये जाने वाली राशि-
5.1 जिन संस्थाओं में दिनांक 1-1-2004 एवं उसके पश्चात् नियुक्त कार्मिक दिनांक 31-3-2023 तक सेवानिवृत्त हो चुके हैं अथवा होंगे, उन सेवानिवृत्त कार्मिकों द्वारा दिनांक 30-6-2023 तक विकल्प प्रस्तुत करने पर तथा प्राप्त की गई समस्त राशि मय समय समय पर प्रचलित जीपीएफ ब्याज दर के साथ ब्याज सहित एक मुश्त संबंधित संस्था के पेंशन निधि खाते में जमा कराने पर पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिनांक 1-4-2023 से देय होगा। यदि वेतन में संशोधन के कारण प्राप्त की गई राशि में संशोधन होता है तो तदानुसार नियोक्ता अंशदान की कटौती की अन्तर राशि भी उपरोक्तानुसार ब्याज दर के साथ एकमुश्त जमा करानी होगी।
5.2 यदि सेवानिवृत्त कार्मिक द्वारा कार्यरत अवधि के दौरान एन.पी.एस से नियोक्ता अंशदान की राशि का अन्तिम प्रत्याहरण किया है तो प्रत्याहरण की तिथि से पेंशन निधि में राशि जमा कराने की तिथि तक आहरित की गई समस्त राशि 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित एक मुश्त जमा करानी होगी।
5.3 पारिवारिक पेंशन हेतु GPF linked Pension Scheme के अन्तर्गत पेंशन विनियमों में मृतक कार्मिक के पात्र आश्रित भी विकल्प परिवर्तन हेतु आवेदन कर सकेंगे।
सेवानिवृत्त कार्मिक की जी.पी.एफ कटौती के सम्बन्ध में निर्देश
6.1 सेवानिवृत्त कार्मिकों से कार्मिक के अंशदान की कोई राशि “सामान्य प्रावधायी निधि सब (GPF- SAB)” में जमा नहीं की जायेगी।
6.2 जो कार्मिक दिनांक 30.06.2023 तक सेवानिवृत्त होने वाले है, उनके मामलों में कार्मिक के अंशदान की राशि “सामान्य प्रावधायी निधि सैब (GPF-SAB ) ” में हस्तान्तरित नहीं की जायेगी,उसका निस्तारण संस्था सम्बन्धित नियमों के प्रावधानों के अन्तर्गत करेगी।
सेवानिवृत कार्मिकों के पेंशन निर्धारण सम्बन्धी निर्देश
7.1 सेवानिवृत्त कार्मिक द्वारा NPS के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना हेतु प्रस्तुत विकल्प के सम्बन्ध में राशि जमा होने तथा विकल्प स्वीकार होने के उपरान्त सेवानिवृत्ति की तिथि से दिनांक 31-3-2023 तक संबंधित संस्थाओं में लागू पेंशन प्रावधानों के अन्तर्गत notional fixation किया जा कर तदनुसार पेंशन दिनांक 1-4-2023 से निर्धारित की जायेगी।
7.2 पेंशन का निर्धारण सेवानिवृत कार्मिक के सेवानिवृति के समय प्रचलित प्रावधानों के अनुसार किया जायेगा।
सेवारत कार्मिक के सम्बन्ध में निर्देश
8.1 जिन संस्थाओं में दिनांक 1-1-2004 एवं उसके पश्चात् के सेवारत कार्मिक NPS Subscriber हैं, इनके नियोक्ता अंशदान की समस्त राशि 12 प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज सहित दिनांक 30-6-2023 तक संबंधित संस्था के पेंशन निधि खाते में जमा कराने पर इन सेवारत कार्मिकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिनांक 1-4-2023 या इसके पश्चात् सेवानिवृत्ति तिथि से देय होगा।
8.2 वित्त विभाग के आदेश दिनांक 24-3-2022 द्वारा कुछ राजकीय उपक्रम / स्वायत्तशासी निकाय आदि जिनमें पूर्व में पुरानी पेंशन योजना लागू थी तथा उन संस्थाओं में नवीन अंशदायी पेंशन हेतु 10 प्रतिशत मासिक कटौती दिनांक 1-4-2022 से समाप्त कर दी गई थी तथा इन मामलों में आदेश दिनांक 19-5-2022 के प्रावधान प्रभावी हो गये थे, ऐसी संस्थाओं में नियुक्त सेवारत कार्मिकों द्वारा नियोक्ता अंशदान की समस्त राशि 12 प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज सहित एक मुश्त संबंधित संस्था के पेंशन निधि खाते में जमा कराने पर इन सेवारत कार्मिकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिनांक 1-4-2022 या इसके पश्चात् सेवानिवृत्ति तिथि से देय होगा। पुरानी पेंशन योजना का विकल्प स्वीकार करने तथा एक मुश्त राशि जमा होने के उपरान्त सेवानिवृत्ति की तिथि से दिनांक 31-3-2022 तक संबंधित संस्थाओं में लागू पेंशन प्रावधानों के अन्तर्गत notional fixation किया जा कर तदनुसार पेंशन दिनांक 1-4-2022 से निर्धारित की जायेगी।
8,3 सेवारत कार्मिक जो राज्य सरकार या किसी अन्य संस्था में विपरीत प्रतिनियुक्ति / पदस्थापित है, तो उन्हें भी अपने पैतृक संस्था को ही विकल्प हेतु आवेदन करना होगा तथा इन निर्देशों के अनुसार ही कार्यवाही करनी होगी।
सेवारत कार्मिक की जी.पी.एफ कटौती के सम्बन्ध में निर्देश
9.1 राज्य सरकार द्वारा बोर्ड / निगम आदि को मंहगाई भत्ता एवं तदर्थ बोनस / एक्स-ग्रेसिया की राशि के आदेशों में यह शर्त उल्लेखित थी कि नकद भुगतान के अतिरिक्त एरियर राशि में “सामान्य प्रावधायी निधि सैब (GPF-SAB)” में हस्तान्तरित की जायेगी। “सामान्य प्रावधायी निधि सैब (GPF-SAB)” की कटौती का प्रावधान “राजस्थान राज्य कर्मचारी सामान्य प्रावधायी निधि नियम-2021 के अन्तर्गत उल्लेखित है। अतः भविष्य में सेवारत कार्मिक इन्हीं नियमों के अन्तर्गत शासित होगें।
9.2 सभी संस्थाओं के कार्मिकों के “सामान्य प्रावधायी निधि सैब (GPF-SAB)” के खाते राज्य बीमा एवं सामान्य प्रावधायी निधि विभाग में पूर्व से ही संधारित किये जा रहे है। इन्हीं खातों में दिनांक 01.04.2023 से GPF linked Pension Scheme के अन्तर्गत जी.पी.एफ. विनियम में निर्धारित कटौती जो नियोक्ता अंशदान के बराबर है, को भी “सामान्य प्रावधायी निधि सैब (GPF-SAB)” में जमा किया जायेगा। सेवारत कार्मिकों की एन.पी.एस के अन्तर्गत स्वयं के अंशदान की समस्त अर्जित राशि प्राप्त होने पर इस राशि को “सामान्य प्रावधायी निधि सैब ( GPF-SAB)” में जमा कराया जायेगा।
9.3 GPF linked Pension Scheme के अनुसार सेवारत कार्मिकों हेतु कार्मिक की अंशदान राशि कार्मिक के मूल वेतन एवं महंगाई भत्ते की 12 प्रतिशत की दर से “सामान्य प्रावधायी निधि सेब ( GPF-SAB ) ” में प्रतिमाह जमा होगी।
पेंशन भुगतान —
10.1 सेवानिवृत्त कार्मिक द्वारा NPS के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना का विकल्प स्वीकार करने तथा सम्पूर्ण राशि मय ब्याज के जमा होने की पुष्टि के उपरान्त सेवानिवृत्ति की तिथि से दिनांक 31-3-2023 तक संबंधित संस्थाओं में लागू पेंशन प्रावधानों के अन्तर्गत notional fixation किया जा कर तदनुसार पेंशन दिनांक 1-4-2023 से निर्धारित की जायेगी।
10.2 पेंशन निधि के प्रारम्भिक गठन हेतु संस्था स्तर से राशि पेंशन निधि में सक्षम स्तर से अनुमोदन उपरान्त एकमुश्त जमा की जा सकेगी।
10.3 पेंशन निधि के गठन उपरान्त प्राप्त राशि तथा तदुपरान्त नियोक्ता अंशदान एवं व्याज आदि से जमा होने वाली राशि से ही पेंशन परिलाभों का भुगतान किया जायेगा। पेंशन परिलाभों केभुगतान में राज्य सरकार का कोई दायित्व नहीं होगा। राज्य सरकार द्वारा पूर्णतया अनुदानित संस्थाओं के अतिरिक्त अन्य सभी संस्थाओं द्वारा स्वयं के स्त्रोतों से पेंशन निधि में राशि की व्यवस्था की जायेगी। ऐसी संस्थाएं राज्य सरकार से पेंशन परिलाभों के भुगतान हेतु कोई मांग नहीं करेंगी।
अन्य निर्देश-
11.1 वित्त विभाग की अधिसूचना क्रमांक प. 12 ( 3 ) वित्त / नियम / 2022 दिनांक 19-5-2022 के परन्तुक के अनुसार NPS Subscriber के देहान्त होने की स्थिति में पारिवारिक पेंशन पुरानी पेंशन योजना के अनुसार प्रोवीजनल आधार पर देने के मामलों में यह प्रावधान किया गया था कि ऐसे मामलों में नयी पेंशन अधिकृति यथा संशोधित जारी की जायेगी तथा इसके द्वारा पूर्व में भुगतान की गई राशि को समायोजित किया जायेगा। अतः जिन संस्थाओं ने NPS Subscriber के देहान्त होने की स्थिति में पारिवारिक पेंशन पुरानी पेंशन योजना के अनुसार प्रोवीजनल आधार पर स्वीकृत की है, वह दिनांक 1-4-2023 से इसे संशोधित कर नवीन पेंशन अधिकृति जारी करेंगे तथा पूर्व में भुगतान की गई राशि का समायोजन सुनिश्चित करेंगे। पारिवारिक पेंशन के अन्तर्गत नवीन पेंशन अधिकृति जारी करने पर पेंशन प्रावधानों के अन्तर्गत notional fixation किया जायेगा। यह स्पष्ट किया जाता है कि जिन संस्थाओं में वित्त विभाग के आदेश दिनांक 19-5-2022 से पुरानी पेंशन योजना दिनांक 1-4-2022 से लागू की गई वहां दिनांक 1-4-2022 से पेंशन परिलाभ हेतु नवीन पेंशन अधिकृति जारी की जायेगी तथा अन्य सभी मामलों में दिनांक 1-4-2023 से नवीन पेंशन अधिकृति जारी की जायेगी।
11.2 जिन मामलों में संस्था में पुरानी पेंशन योजना दिनांक 1-4-2022 से लागू की जा चुकी है। उनके अतिरिक्त शेष सभी मामलों में सेवानिवृत्त कार्मिक द्वारा विकल्प प्रस्तुत करने के उपरान्त तथा नियोक्ता अंशदान की समस्त राशि मय 12 प्रतिशत ब्याज के दिनांक 30-6-2023 तक जमा कराने पर ही विकल्प स्वीकार किया जा कर दिनांक 1-4-2023 से पुरानी पेंशन योजना का लाभ देय होगा।
11.3 जिन संस्थाओं में NPS या किसी अन्य मद में पेंशन हेतु कोई कटौती नहीं की जा रही है उन संस्थाओं के दिनांक 1-1-2004 एवं उसके पश्चात् नियुक्त सेवारत नियमित कार्मिकों द्वारा नियमित नियुक्ति तिथि से उसके मूल वेतन एवं महंगाई भत्ते की राशि की 10 प्रतिशत कटौती राशि एवं उस पर 12 प्रतिशत साधारण ब्याज सहित संस्था के पेंशन निधि में जमा कराई। जाने पर तथा दिनांक 1-4-2023 से GPF linked Pension Scheme के अन्तर्गत कर्मचारी अंशदान एवं नियोक्ता अंशदान दोनों 12 प्रतिशत की दर से संबंधी मदों में (पेंशन निधि एवं GPF-SAB) जमा कराने यदि इन संस्थाओं में कार्मिकों की नियुक्ति दिनांक 1-1-2004 से पूर्व की है तथा कार्मिक सेवानिवृत्त नहीं हुए हैं और पेंशन हेतु किसी भी मद में कोई कटौती सेवाकाल में नहीं कराई गई है तो इन संस्थाओं के कार्मिकों द्वारा अपने सेवाकाल की दिनांक 31-3-2023 तक की नियोक्ता अंशदान की राशि CPF अनुसार मूल वेतन एवं मंहगाई भत्ते की राशि मय 12 प्रतिशत ब्याज सहित प्रचलित कटौती दर के अनुसार दिनांक 30-6-2023 तक पेंशन निधि में जमा कराने पर पुरानी पेंशन योजना का लाभ देय होगा तथा स्वयं के अंशदान की सम्पूर्ण सेवाकाल की राशि GPF-SAB खाते में जमा कराने पर पुरानी पेंशन योजना हेतु पात्र होंगे।
11.4 पुरानी पेंशन योजना के संबंध में पेंशनरों / कार्मिकों द्वारा माननीय न्यायालयों में जो वाद दायर किये हुए हैं, उन न्यायिक वादों में उपरोक्त निर्देशों के क्रम में सक्षम स्तर से अनुमोदन उपरान्त तथा संस्था में इसे अंगीकार करने के उपरान्त सिर्फ पुरानी पेंशन योजना की प्रार्थना से संबंधित बिन्दु पर संस्था द्वारा राज्य सरकार की उपरोक्तानुसार सहमति के आधार पर राजकीय पक्ष रखा जाना सुनिश्चित किया जाये। जो प्रकरण माननीय न्यायालयों से निर्णित / निस्तारित हो चुके हैं, उनमें भी इन आदेशों में निर्धारित दिशा-निर्देशों की सीमा तथा शर्तों पर और उसे सक्षम स्तर से एवं संबंधित कार्मिक / सेवानिवृत्त कार्मिक द्वारा सहमत होने पर संबंधित कार्मिकों / सेवानिवृत्त कार्मिकों को निर्धारित प्रक्रिया अनुसार पुरानी पेंशन योजना का लाभ देय होगा।
11.5 पेंशन निधि के गठन उपरान्त प्राप्त राशि तथा तदुपरान्त नियोक्ता अंशदान एवं ब्याज आदि से जमा होने वाली राशि से ही पेंशन परिलाभों का भुगतान किया जायेगा। पेंशन परिलाभों के भुगतान में राज्य सरकार का कोई दायित्व नहीं होगा। राज्य सरकार द्वारा पूर्णतया अनुदानित संस्थाओं के अतिरिक्त अन्य सभी संस्थाओं द्वारा स्वयं के स्त्रोतों से पेंशन निधि में राशि की व्यवस्था की जायेगी। ऐसी संस्थाएं राज्य सरकार से पेंशन परिलाभों के भुगतान हेतु कोई मांग नहीं करेंगी।
11.6 संबंधित संस्था राज्य सरकार के पुरानी पेंशन योजना लागू करने के आदेश तथा इसे संबंधित संस्था में अंगीकार करने के निर्णय से PFRDA को अनुमोदन हेतु भिजवाया जायेगा तथा राशि लौटाने हेतु अनुरोध किया जायेगा। जिन कार्मिकों पर NPS के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना के प्रावधान लागू हो जाते हैं उन कार्मिकों के संबंध में अंशदान के रूप में कोई भी कटौती NPS के अन्तर्गत भविष्य में नहीं की जायेगी।
11.7 कार्यरत कार्मिकों की NPS नियोक्ता अंशदान की राशि जो PFRDA के अन्तर्गत जमा है तथा 30-6-2023 तक प्राप्त नहीं होती है तो उक्त जमा राशि को कार्मिक भविष्य में संबंधित योजना के प्रावधानों के अन्तर्गत निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार स्वयं प्राप्त कर सकेंगे। यदि उक्त राशि 30-6-2023 से पूर्व संबंधित संस्था को PFRDA से प्राप्त हो जाती है तो प्राप्त राशि की सीमा तक सेवारत कार्मिकों को नियोक्ता अंशदान की राशि जमा कराना आवश्यक नहीं होगा परन्तु शेष राशि मय ब्याज के उपरोक्तानुसार शर्तों के अन्तर्गत जमा करानी होगी।
11.8 सेवानिवृत्त / सेवारत कार्मिकों की NPS की जो कटौती है, संबंधित संस्थाओं द्वारा / सामान्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग द्वारा यदि PFRDA को नहीं भेज कर सामान्य बीमा एवं प्रावधायी निधि के बजट मद में जमा कराई गई है / है, तो इस हेतु संबंधित संस्थाओं को निर्देशित किया जाता है कि सामान्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग से उनके द्वारा सामान्य बीमा एवं प्रावधायी निधि में या बजट नद 8011 में जमा कराई गई राशि का reconciliation इस आदेश के जारी होने के एक माह के भीतर कर लें। सामान्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग को यह निर्देशित किया जाता है कि संस्था द्वारा सामान्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग से मिलान की गई राशि को संबंधित संस्था को लौटाने की कार्यवाही शीघ्र सुनिश्चित की जाये और संबंधित संस्था को यह राशि प्राप्त होने पर नियोक्ता अंशदान मय ब्याज आदि के पेंशन निधि में हस्तांतरित किया जाये एवं कार्मिक के अंशदान को GPF SAB के खातों में हस्तांतरित किया जाये।
11.9 समस्त सेवानिवृत / सेवारत कार्मिक से यह अपेक्षित है कि अपना विकल्प पत्र दिनांक 15.06.2023 तक प्रस्तुत कर दें ताकि संस्था के स्तर से दिनांक 30.06.2023 तक जमा की जाने वाली राशि तथा उस पर देय ब्याज की सही गणना सुनिश्चित की जा सके तथा इस सम्बन्ध में सेवानिवृत / सेवारत कार्मिक को जमा कराये जाने वाली राशि के बारे में अवगत कराया जा सके। संस्था से भी अपेक्षित है कि समस्त कार्मिक / सेवानिवृत्त कार्मिकों का NPS/ अन्य योजना से संबंधित समस्त रिकार्ड अतिशीघ्र संधारित कर लिया जाये ताकि विकल्प दिये जाने की स्थिति में राशि एवं उस पर देय ब्याज की सही गणना सुनिश्चित की जा सके और राशि पेंशन निधि में समयबद्ध रूप से हस्तांतरित / जमा की जा सके।
उपरोक्त के साथ ही यह भी स्पष्ट किया जाता है कि मात्र विकल्प पत्र प्रस्तुत करने से पुरानी पेंशन योजना का लाभ देय नहीं होगा बल्कि जमा राशि की जांच होने तथा तदनुसार निर्धारित सम्पूर्ण राशि नय ब्याज पेंशन निधि में जमा हो जाने पर प्राधिकृत अधिकारी द्वारा विकल्प स्वीकार करने पर नियमानुसार पेंशन निर्धारित की जायेगी। यदि दिनांक 30.06.2023 को निर्धारित सम्पूर्ण राशि मय ब्याज जमा होने के उपरान्त कोई अन्तर राशि गणितीय जांच के कारण संस्था स्तर से बकाया रहती है, तो ऐसी शेष राशि समान शर्तों पर दिनांक 15.07.2023 तक जमा कराई जा सकती है।
आवश्यक प्रपत्र

