
केंद्र सरकार ने ‘सुपर 30’ के संचालक और गणितज्ञ आनंद कुमार समेत को पद्मश्री देने का एलान किया गया है। आनंद कुमार को साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में पद्मश्री से नवाजा गया है।
26 जनवरी 2023
अमूनन ऐसा होता है कि जब किसी कलाकार, लेखक, खिलाड़ी अथवा विद्वान को कोई बड़ा पुरस्कार मिलता है तो सबका ध्यान उनकी तरफ आकर्षित होता है तब कहानियों को तरसता बॉलीवुड ऐसी विशेष पर्सनैलिटीज पर फ़िल्म बनाता है। इस बार ऐसा नही हुआ है इस बार पहले फ़िल्म बनी है तथा बाद में मिला है पदमश्री पुरस्कार। भारत सरकार द्वारा पदमश्री से नवाजे गए श्री आनंद कुमार किसी परिचय के मोहताज नही है। वे पेशे से एक गैर परम्परागत शिक्षक है जिन्होंने अपने पढ़ाने के उद्देश्यों व तरीकों से एक दास्ताँ लिख दी है। आइये, आज उनके व्यक्तित्व के छुए व अब तक अनछुए पहलुओं को जानते है।
पदमश्री मिलने पर श्री आनंद कुमार की प्रतिक्रिया खुद उनकी जुबानी।
भारत सरकार ने मुझे पद्मश्री से सम्मानित की घोषणा की है, मुझे लगा कि आसमान से मेरे पिताजी स्वर्गीय राजेंद्र प्रसाद मुझे आसमान से देख रहे हैं और कह रहे हैं कि बेटा अभी तू और आगे बढ़, अभी तेरी मंजिल बहुत दूर है। अपने अंतिम सांस तक ऐसा प्रयास कर ताकि मेरे देश के किसी भी मां-बाप को कष्ट न उठाना पड़ा कि पैसे के अभाव में उनकी बच्चों की पढ़ाई न छूट जाए’।
भारत-सरकार ने मुझे पद्मश्री सम्मान से सम्मानित करने की घोषणा की, विशेष आभार आपने मुझे इस सम्मान के लायक समझा | साथ ही साथ उन तमाम लोगों का सहृदय धन्यवाद जिन्होंने कठिन से कठिन परिस्तिथियों में भी मेरा साथ नहीं छोड़ा |
कुछ विशेष प्रतिक्रियाएं
सुप्रसिद्ध शिक्षक श्री आनंद कुमार जी को शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए पद्म श्री सम्मान से नवाजे जाने पर हार्दिक बधाई एवं अनंत शुभकामनाएं। बिहार को आप पर गर्व है।
डॉ अशोक चौधरी, Minister, Building Construction Department Government of Bihar.
बधाई आपको बिहार के लाल कितने गुदड़ी के लालों को मंज़िल दी है आपने…
हर्षवर्धन सिंह
आप जैसे लोगों तक पहुँचकर यह महत्वपूर्ण पुरस्कार भी गौरवान्वित होते हैं ।
शिक्षक आनंद कुमार का अब तक का सफर
आनंद कुमार एक समय अपनी पढ़ाई के लिए कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में दाखिला तो सुरक्षित कर लिया था लेकिन पिता की मृत्यु और खराब आर्थिक स्थिति के कारण उनका दाखिला नहीं हो सका. इस दौरान वे सुबह गणित पर काम करते थे और शाम को परिवार की मदद हेतु माँ के साथ पापड़ बेचने में भी हाथ बटाते थे. तभी से आनंद कुमार ने तय किया था कि जो वाकई में शिक्षा चाहता है उसके आड़े पैसे की तंगी नहीं आएगी. वो सुपर 30 नाम से कोचिंग संस्थान चलाते हैं जहां वो आईआईटी करनेवाले स्टूडेंट्स को मुफ्त में कोचिंग देते हैं. 2018 के आँकड़ों के मुताबिक आनंद कुमार द्वारा प्रशिक्षित किए गए 480 में 422 छात्र आईआईटी के लिये चयनित हो चुके हैं.
शिक्षक आनंद कुमार की राह में थी बाधाए
पटना में रहने वाले आनंद कुमार का जीवन संघर्षों के साथ आगे बढ़ा। उनके पिता पोस्ट ऑफिस में क्लर्क थे और प्राइवेट स्कूल के लिए अपने बच्चों की फीस जुटाने में असमर्थ थे। इसलिए आनंद की पढ़ाई हिंदी मीडियम के सरकारी स्कूल में हुई। पटना हाईस्कूल से इन्होंने पढ़ाई की।
आनंद कुमार पर बन चुकी है सुपर हिट फीचर फ़िल्म
आनंद कुमार के जीवन से प्रेरित होकर ‘सुपर 30’ नाम की फिल्म भी बन चुकी है। गरीबी की मार झेल रहे बच्चे सपना भी नहीं देख सकते हैं कि वे आईआईटी की प्रवेश परीक्षा में सफल होकर एक अच्छा जीवन जी सकेंगे लेकिन बिहार के रहने वाले आनंद कुमार ने यह अद्भुत काम किया और उनके द्वारा तैयार किए गए बच्चे आज ऊंचे पदों तक पहुंच गए हैं। इसी कहानी पर बनी है यह फ़िल्म।

सुपर टीचर आनंद कुमार का व्यक्तिगत परिचय
आनंद कुमार (जन्म 1 जनवरी 1973) एक भारतीय गणितज्ञ, शिक्षाविद् और कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय गणित पत्रिकाओं के स्तंभकार हैं। उन्होंने 2002 में पटना, बिहार से शुरू किए सुपर 30 कार्यक्रम के कारण प्रसिद्धि प्राप्त की, जिसके तहत आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों को आईआईटी संयुक्त प्रवेश परीक्षा के लिए तैयार किया जाता है। 2018 तक, उनके द्वारा प्रशिक्षित 480 छात्रों में से 422 को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IIT) के लिए चुना गया है। डिस्कवरी चैनल ने उनके कार्यों पर एक लघु फिल्म भी बनाई है। उन्हें अपने काम पर बोलने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से निमंत्रण मिला।