विज्ञान की कक्षा दसवीं की NCERT पाठ्यपुस्तक में आवर्त सारणी का अध्ययन एक महत्वपूर्ण अध्याय है। यह रसायन विज्ञान की वह शाखा है जो रासायनिक तत्वों को उनके गुणधर्मों के आधार पर वर्गीकृत करती है। आवर्त सारणी में तत्वों का वर्गीकरण उनके परमाणु संख्या, इलेक्ट्रॉनिक विन्यास, और रासायनिक गुणों के आधार पर किया जाता है।
आवर्त सारणी का विकास एक लंबी प्रक्रिया रही है। 1869 में, डिमिट्री मेंडेलीव ने पहली बार तत्वों को उनके अणु भार के आधार पर व्यवस्थित किया। मेंडेलीव के बाद, वैज्ञानिकों ने तत्वों के वर्गीकरण के लिए अधिक सटीक मापदंड विकसित किए, जिसमें परमाणु संख्या का उपयोग प्रमुख था।
आवर्त सारणी में तत्वों को सात आवर्तों और अठारह समूहों में विभाजित किया गया है। तत्वों का वर्गीकरण उनके इलेक्ट्रॉनिक विन्यास के आधार पर किया जाता है, जो उनके रासायनिक गुणों को निर्धारित करता है।
आवर्त सारणी में बढ़ते हुए आवर्त और समूहों के साथ तत्वों के गुणधर्मों में परिवर्तन होता है। इन परिवर्तनों को आवर्ती प्रवृत्तियाँ कहा जाता है। जैसे-जैसे हम आवर्त सारणी में बाएँ से दाएँ जाते हैं, तत्वों की इलेक्ट्रोनेगेटिविटी बढ़ती जाती है, और जैसे-जैसे हम नीचे की ओर जाते हैं, तत्वों का आकार बढ़ता जाता है।
आवर्त सारणी में तत्वों को मुख्यतः तीन वर्गों में विभाजित किया गया है: धातु, अधातु, और उपधातु। धातुओं का उपयोग विद्युत और ऊष्मा चालक के रूप में होता है, जबकि अधातु विद्युत और ऊष्मा के खराब चालक होते हैं। उपधातु धातु और अधातु के बीच की विशेषताओं को प्रदर्शित करते हैं।
आवर्त सारणी विज्ञान के छात्रों को तत्वों के गुणधर्मों और उनकी रासायनिक प्रतिक्रियाओं को समझने में मदद करती है। यह नए तत्वों की खोज और उनके गुणधर्मों की भविष्यवाणी में भी सहायक है।
आवर्त सारणी रसायन विज्ञान के अध्ययन में एक अत्यंत महत्वपूर्ण उपकरण है। यह तत्वों के विभिन्न गुणधर्मों को समझने और उनके बीच संबंधों को जानने में मदद करती है। आवर्त सारणी के अध्ययन से विद्यार्थियों को रासायनिक तत्वों की विविधता और उनके अनूठे गुणों की गहराई से समझ प्राप्त होती है।
सारणी की मूलभूत अवधारणाओं और उसकी उपादेयता की गहरी समझ प्रदान करने का प्रयास किया गया है। आगे बढ़ते हुए, यह अध्ययन ना केवल विद्यार्थियों को रसायन विज्ञान की ओर अधिक आकर्षित करता है बल्कि वैज्ञानिक चेतना और अनुसंधान के प्रति उनकी रुचि को भी बढ़ावा देता है।
आवर्त सारणी का अध्ययन केवल तत्वों के विभाजन तक सीमित नहीं है, अपितु यह विज्ञान के छात्रों को उन्नत स्तर पर रसायनिक प्रतिक्रियाओं, तापमान और दाब के परिवर्तनों पर तत्वों की प्रतिक्रियाशीलता, तथा रासायनिक बंधों की गठन प्रणाली के बारे में गूढ़ ज्ञान प्रदान करता है।
अतः, विद्यार्थियों को आवर्त सारणी की गहरी समझ के साथ-साथ उनकी वैज्ञानिक सोच को विकसित करने और रसायन विज्ञान की जटिल से जटिल पहेलियों को सरलता से सुलझाने की क्षमता को भी बढ़ावा देना चाहिए।
आवर्त सारणी के अध्ययन से, विद्यार्थी ना केवल रसायन विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों तक सीमित ज्ञान प्राप्त करेंगे, बल्कि उन्हें वास्तविक जीवन में रसायन विज्ञान के महत्व और उसके अनुप्रयोगों को समझने का भी अवसर मिलेगा।