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“तिरुवनंतपुरम में शिक्षा मंत्रालय की प्रतिष्ठित राष्ट्रीय कार्यशाला: ‘विकेंद्रीकृत योजना और वित्तीय प्रबंधन’ पर विचार-विमर्श”

राष्ट्रीय कार्यशाला का भव्य आयोजन: तिरुवनंतपुरम में “Decentralized Planning and Financial Management” पर मंथन

तिरुवनंतपुरम, केरल: भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा एक अत्यंत महत्वपूर्ण और चर्चित कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला “Decentralized Planning and Financial Management” विषय पर केंद्रित थी, जिसमें देशभर से शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया। यह तीन दिवसीय कार्यशाला स्टार्स परियोजना के अंतर्गत तिरुवनंतपुरम, केरल में आयोजित की गई थी।

स्टार्स परियोजना, जो कि शिक्षा मंत्रालय द्वारा वर्ल्ड बैंक के सहयोग से शुरू की गई है, समग्र शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण सम्बलन प्रदान करने के लिए वर्ष 2020-21 से राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा, हिमाचल प्रदेश और केरल राज्यों में संचालित है। इस कार्यशाला में इन छह राज्यों के शिक्षा विभाग के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

विशेष रूप से, राजस्थान के शिक्षा विभाग से श्री अविचल चतुर्वेदी, आयुक्त एवं राज्य परियोजना निदेशक, श्री आशीष मोदी-निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, श्री सुशील शर्मा, वित्तीय सलाहकार और डॉ. मोटाराम भादू, उप निदेशक, स्टार्स परियोजना ने अपने अनुभव और विचार साझा किए।

कार्यशाला के दौरान, “विकेंद्रीकृत योजना और वित्तीय प्रबंधन” के विषय पर गहन चरचा की गई और इसे कैसे अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है, इस पर विचार-विमर्श किया गया। विभिन्न राज्यों के अधिकारियों ने अपने-अपने राज्यों में स्टार्स परियोजना के तहत किए गए कार्यों और उनसे प्राप्त परिणामों को साझा किया, जिससे अन्य राज्यों के प्रतिनिधियों को अपनी योजनाओं में सुधार करने के नए विचार मिले।

इस कार्यशाला के माध्यम से, शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षा के क्षेत्र में वित्तीय प्रबंधन और योजना बनाने की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और कार्यकुशल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। इस आयोजन ने विकेंद्रीकृत योजना और वित्तीय प्रबंधन की आवश्यकता और महत्व पर प्रकाश डाला, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में समग्र सुधार और गुणवत्ता में वृद्धि संभव हो सके।

इस आयोजन ने न केवल शिक्षा प्रशासन में बेहतरी के लिए एक मंच प्रदान किया बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि विभिन्न राज्यों के बीच अनुभवों और सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान हो सके। यह शिक्षा के क्षेत्र में नवाचारों को बढ़ावा देने और समग्र विकास के लिए एक सकारात्मक कदम है।

कार्यशाला के समापन पर, शिक्षा मंत्रालय ने इस आयोजन को सफल बनाने में योगदान देने वाले सभी अधिकारियों और प्रतिनिधियों का धन्यवाद किया।