प्रमुख बिंदु:
उद्देश्य:
प्रभाव:
यह नियम 6 फरवरी 2024 से लागू है।
राजस्थान सरकार के कार्मिक (क-ग्रुप-2) विभाग, सं. एफ. 7(7) डीओपी/ए-11/2023, जयपुर, दिनांक: 6.2.2024 की अधिसूचना
भारत के संविधान के अनुच्छेद 309 के परन्तुक द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राजस्थान के राज्यपाल, इसके साथ संलग्न अनुसूची में यथोल्लिखित विभिन्न सेवा नियमों को और संशोधित करने के लिए, इसके द्वारा निम्नलिखित नियम बनाते हैं, अर्थात् :-
1. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ. (1) इन नियमों का नाम राजस्थान विभिन्न सेवा (प्रथम, संशोधन) नियम, 2024 है। (2) ये तुरंत प्रभाव से प्रवृत्त होंगे।
2. संशोधन. इसके साथ संलग्न अनुसूची के स्तंभ सं.2 में यथोल्लिखित प्रत्येक सेवा नियम के सामने स्तंभ सं.3 में यथोल्लिखित विद्यमान नियम के पश्चात् स्तंभ सं.4 में यथोल्लिखित निम्नलिखित नया नियम जोड़ा जायेगा, अर्थात्:-
“ऐसे अभ्यर्थियों की अनुकम्पात्मक नियुक्ति जो कोरोना वायरस संक्रामक रोग (कोविड-19) के कारण अनाथ हो गये. (1) इन नियमों में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, नियुक्ति प्राधिकारी सीधी भर्ती द्वारा भरी जाने वाली वेतन मैट्रिक्स में के लेवल एल-9 तक के पद की रिक्तियां, किसी ऐसे अभ्यर्थी को, जो कोविड-19 के कारण अनाथ हो गया है, अनुकम्पात्मक आधार पर निम्नलिखित शर्तों के अध्यधीन रहते हुए, नियुक्त करके भर सकेगा,-
(i) अभ्यर्थी राजस्थान राज्य का मूल निवासी होना चाहिए; और
(ii) अभ्यर्थी इन नियमों के अधीन संबंधित पद के लिए विहित शैक्षणिक और अन्य अर्हताएं तथा अन्य शर्ते पूर्ण करता हो।
(2) चयन और नियुक्ति के लिए प्रक्रियात्मक अपेक्षा जैसे कि,
(क) नियुक्ति के समय कम्प्यूटर अर्हता पर जोर नहीं दिया जायेगा। अभ्यर्थी को सुसंगत नियमों में यथा विहित कोई भी कम्प्यूटर अर्हता परिवीक्षा कालावधि के भीतर-भीतर प्राप्त करनी होगी जिसमें विफल होने पर, उसकी परिवीक्षा बढ़ायी गयी समझी जायेगी जब तक कि नियुक्ति प्राधिकारी उसके प्रदर्शन को पूर्ण रूप से असंतोषजनक पाते हुए उसकी सेवाओं को समाप्त नहीं कर दे;
(ख) नियुक्ति के समय प्रशिक्षण या विभागीय परीक्षा या कम्प्यूटर पर टंकण पर जोर नहीं दिया जायेगा। तथापि, अभ्यर्थी से तीन वर्ष की कालावधि के भीतर-भीतर, जब तक स्थायीकरण के लिए हकदारी हेतु उस कालावधि को कार्मिक विभाग द्वारा शिथिल ना किया गया हो, ऐसा प्रशिक्षण या विभागीय परीक्षा अथवा या तो अंग्रेजी या हिन्दी में कम्प्यूटर पर टंकण परीक्षण उत्तीर्ण करना अपेक्षित होगा, जिसमें विफल रहने पर उसकी नियुक्ति समाप्त किये जाने के लिए दायी होगी। जब तक वह ऐसी अर्हता अर्जित नहीं कर लेता/लेती है, तब तक कोई भी वार्षिक ग्रेड वृद्धियां अनुज्ञात नहीं की जायेंगी। ऐसी अर्हता अर्जित कर लेने पर नियुक्ति की तारीख से वार्षिक ग्रेड वृद्धियां काल्पनिक रूप से अनुज्ञात की जायेंगी किन्तु कोई भी बकाया संदत्त नहीं किया जायेगाः
परन्तु इस नियम के उपबंधों के अधीन नियुक्त बेंचमार्क दिव्यांगता वाले व्यक्ति को कम्प्यूटर पर टंकण परीक्षण उत्तीर्ण करने से छूट दा जायेगी।
(3) ऐसे अनाथ को नियुक्ति नहीं दी जायेगी यदि उसके माता-पिता की मृत्यु के समय या ऐसे अनाथ की नियुक्ति के समय उसके कुटुंब का कोई भी सदस्य, केन्द्र सरकार या किसी राज्य सरकार, केन्द्र सरकार या किसी राज्य सरकार द्वारा पूर्ण रूप से या भागतः स्वामित्वाधीन या नियंत्रणाधीन कानूनी बोर्ड, संगठन या निगम के अधीन नियमित आधार पर पहले से ही नियुक्त हो।
(4) यदि अनाथ उसके अवयस्कता के कारण तुरन्त नियोजन लेने की स्थिति में नहीं हो तो पद पर नियुक्ति के लिए अपेक्षित आयु प्राप्त करने पर उसे नियोजन दिया जा सकेगा।
(5) ऐसा अनाथ नियुक्ति के लिए संबंधित जिला कलक्टर को आवेदन प्रस्तुत करेगा। संबंधित जिले में रिक्ति की अनुपलब्धता की दशा में आवेदन संभागीय आयुक्त को भेजा जायेगा जो अपनी अधिकारिता के अधीन किसी भी जिले में नियुक्ति की व्यवस्था करेगा। यदि संभागीय आयुक्त की अधिकारिता के अधीन रिक्त पद उपलब्ध नहीं हो तो नियुक्ति प्रदान करने हेतु आवेदन संभागीय आयुक्त द्वारा कार्मिक (क-2) विभाग को निर्दिष्ट किया जायेगा।
स्पष्टीकरणः इस नियम के प्रयोजन के लिए अनाथ से ऐसा व्यक्ति अभिप्रेत है जिसने, अपने जैविक या दत्तक माता-पिता (दोनों) जिनकी मृत्यु 31.03.2023 को या उससे पूर्व कोरोना के कारण हो गयी है या माता-पिता में से किसी एक की मृत्यु पूर्व में हो चुकी है और दूसरे की मृत्यु 31.03.2023 को या उससे पूर्व कोरोना के कारण हो गयी है, अठारह वर्ष की आयु नहीं प्राप्त की है और जो अपने माता-पिता मृत्यु के समय उन पर पूर्ण रूप से आश्रित था।”
राजस्थान सरकार ने 6 फरवरी 2024 को एक महत्वपूर्ण संशोधन अधिसूचित किया, जिसके अंतर्गत कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चों को सरकारी नौकरी में रियायती नियुक्ति दी जाएगी। इस नई नीति के अनुसार, राजस्थान के मूल निवासी और योग्यता रखने वाले अनाथ वेतन मैट्रिक्स लेवल एल-9 तक के पदों पर नियुक्त किए जा सकेंगे।
नियुक्ति प्रक्रिया में आवेदकों को कम्प्यूटर, प्रशिक्षण और विभागीय परीक्षाएं नियुक्ति के 3 साल के भीतर पास करनी होगी। हालांकि, उन्हें पहले 5 साल तक किसी भी वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ नहीं मिलेगा। दिव्यांगता वाले अनाथों को कम्प्यूटर परीक्षा में छूट दी गई है।
आवेदन संबंधित जिला कलक्टर के माध्यम से किए जाएंगे। इस नियम के अनुसार, ‘अनाथ’ वे बच्चे माने जाएंगे जिन्होंने 31 मार्च 2023 या उससे पहले कोविड-19 के कारण अपने माता-पिता को खो दिया हो।
इस संशोधन का मुख्य उद्देश्य कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकारी नौकरी के अवसर प्रदान करना है। इससे उनके जीवन स्तर में सुधार होगा और समाज में उनका योगदान बढ़ेगा।