राजस्थान शिक्षा विभाग समाचार 2023

Indian HistoryRaj Students

भारतीय इतिहास में फ्रांसीसियों की असफलता के कारण

images28229 | Shalasaral

भारतीय इतिहास में फ्रांसीसियों की असफलता के कारण को जानना हर इतिहास के विद्यार्थी हेतु आवश्यक है। भारत मे ब्रिटिश ताकत के सामने फ्रांसीसी क्यों असफल रहे? इस प्रश्न का उत्तर निम्नानुसार है-

images7156962501239427604 | Shalasaral
भारतीय इतिहास में फ्रांसीसियों की असफलता के कारण। www.shalasaral.com

  • फाँसीसी कम्पनी सरकारी कम्पनी थी उसका प्रबन्ध सर्कारी अफसरों के हाथ में था जो व्यापार सम्बन्धी विषयो मे जानकार न थे। उसके हिस्सेदार उसकी देख-भाल नहीं करते थे और उसका प्रबन्ध अच्छा न था । अङ्गरेजी कम्पनी प्रजा की बनाइ हुई थी जिसमे व्यापारियों का ही प्रबन्ध था । उसके हिस्सेदार उसका कार्य बड़ा मन लगा कर करते थे और सरकार की सहायता पर निर्भर नहीं थे ।
  • फ्रांसीसी एक निरंकुश राजा के दुःशासन से पिस रहे थे और उसकी लड़ाइयों में जन धन की हानि हो रही थी फ्रेंच जाति दरिद्रता की बेड़ियों में जकड़ी हुई थी। राज्य क्रांति का बीज बोया जा चुका था । परन्तु अङ्गरेज जाति अपने एक निरंकुश शासक का वध करके और दूसरे को पदच्युत करके जनता के स्वत्वों को प्राप्त कर चुकी थी। इसलिये अङ्गरेजों की तरह फ्रान्सीसियों को अपने देश से सहायता भली प्रकार न मिलो।
  • अङ्गरेजी कम्पनी बहुत मालदार थी और सरकार की भी सहायता किया करती थी क्योंकि उसने व्यापार को ही सदा अपना मुख्य उद्देश्य रखा और अपने युद्धों का खर्च व्यापार से चलाया परन्तु फांसीसी कम्पनी निर्धन थी और व्यापार में असफलता देख कर देश जीत कर भारत में फांसीसी राज्य स्थापित करना चाहती थी। यद्यपि यह उसकी भूल थी क्योंकि युद्ध में व्यय से कम्पनो की आर्थिक दशा बिगड़ गई।
  • फ्रेंच कम्पनो के पास कोई अङ्गरेजी कम्पनी के समान बंगाल आदि धनी और उपजाऊ प्रान्त न था । बंगाल प्रान्त कृषि तथा उद्योग-धन्धों का दृष्टि से बड़ा समृद्ध प्रान्त था जहाँ से अंग्रेजों को पर्याप्त धन प्राप्त होने लगा। इस आथिक सहायता से उनको फ्रांसीसियों के विरुद्ध युद्ध करने में बड़ी सुविधा हा गई, जबाक फ्रांसीसियों को इस प्रकार की कोई सुविधा न मिल सकी।
  • फ्रांसीसी कर्म चारियों के अवगुण बहुत से थे । उनमे आपस में द्वेष व ईर्षा थी इसलिए सर्वदा आपस में लड़ते रहे। जैसे डूप्ले व ला वोर्डनायस और लैली व बुसी के झगड़े। उधर क्लाइव और लारेंस वाटसन आदि अङ्गरेजी कर्मचारियों में देश प्रेम और आपस में संगठन था।
  • फांसीसी सरकार ने इप्ले और लैली जैसे देश सेवकों की कोई क़दर नहीं की। फ्रांसीसी सरकार ने डूप्ले के विचारों का सम्मान न करके ऐसे समय में उसे वापस बुला लिया जबकि भारत में उसकी बहुत अधिक आवश्यकता थी ।
  • अंग्रेजों का जहाजी बेड़ा बहुत शक्तिशाली था। अतः जिन मार्गों द्वारा फ्रांसीसियों को रसद पहुँचा करती, वे उन मागों को ही काट दिया करते, उनकी बस्तियों पर आक्रमण कर देते और उनके विरुद्ध बिना किसी कठिनाई के सैनिक तैयारियाँ कर सकते थे । फ्रांसीसियों के पास बड़े बड़े जहाजों और समुद्री युद्ध के शस्त्रास्त्रों का अभाव था।
  • फ्रांसीसी लोग असहिष्णु थे । उनका एक उद्देश्य भारत में इसाई धर्म का प्रचार करना भी था । वे बहुत कट्टर थे और स्थानीय समुदाय के साथ उनका व्यवहार सहिष्णुतापूर्ण न था। इस कारण उन्हें साधारण जनता का सहयोग प्राप्त न हो सका।
  • यूरोपीय देशों में वही भारत पर प्रभुता स्थापित  कर सकता था जिसका यूरोप में भी प्रभुत्व हो  इसीलिए यूरोप में फ्रांसीसियों की पराजय से भारत में उनकी स्थिति कमजोर हो गई थी।

“भारत फ्रांसीसी से नहीं हारा था क्योंकि डुप्लेक्स को वापस बुला लिया गया था, या क्योंकि ला बोरदोनिस और डी ‘अचे दोनों ने महत्वपूर्ण क्षणों में तट छोड़ दिया था या क्योंकि लैली सिर-मजबूत और अट्रैक्टिव था। फिर भी दूर और संकटपूर्ण उद्यमों के लिए किसी भी राष्ट्रीय अक्षमता के कारण नुकसान कम था जिसमें फ्रेंच ने उच्च गुणों को प्रदर्शित किया है। यह लुइस XV की अदूरदर्शी, बीमार-प्रबंधित यूरोपीय नीति के माध्यम से, उसकी मालकिनों और अक्षम मंत्रियों द्वारा गुमराह किया गया था, कि फ्रांस ने सात साल के युद्ध में अपने भारतीय बस्तियों को खो दिया।”

अल्फ्रेड लयाल

Related posts
Daily KnowledgeEducational NewsRaj Studentsसमाचारों की दुनिया

सीमा सड़क संगठन | पर्वतीय रास्तों पर सीमा सड़क संगठन ने दिखाई ताकत

Employment NewsPDF पीडीएफ कॉर्नरRaj StudentsSchemesई-पुस्तकालयसमाचारों की दुनिया

मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना 2023 से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी

Daily KnowledgeRaj StudentsSchemesई-पुस्तकालयसमाचारों की दुनिया

नेशनल लॉ स्कूल की 2023 में नवीनतम जानकारी

Educational NewsGeneral KnowledgeRaj Studentsई-पुस्तकालय

केंद्रीय विद्यालय संगठन से सम्बंधित पूर्ण जानकारी