
भारतीय मूल के एवम विश्व के महान राष्ट्र ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने के सुअवसर मिलने पर ऋषि सुनक को हार्दिक बधाई, अभिवादन व शुभकामनाएं।

ऋषि सुनक के नाम से आज दुनियाभर में अनेक बाटेबकी जा रहीं है। यह भी तय है कि ऋषि सुनक आने वाले निकट भविष्य में पूरी दुनिया के मीडिया के लिए ” पॉइंट ऑफ अट्रेक्शन ” रहेंगे। आज उन्होंने दुनिया की उस ताकत को लीड करने की इज़्ज़त हासिल की है जिसके राज्य में सूर्य कभी अस्त नही होता था। आइये, ऋषि सुनक के बारे में हर उस जानकारी को प्राप्त करने का प्रयास करेंगे जिसको जानना बहुत आवश्यक है।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनेंगे भारतीय मूल के ऋषि सुनक| Rishi Sunak of Indian origin will become the Prime Minister of Britain
- ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री का नाम ऋषि सुनक हैं।
- ऋषि सुनक की आयु मात्र 42 वर्ष है।
- ऋषि सुनक ब्रिटेन के पहले गैर-श्वेत प्रधानमंत्री है। अपने आधुनिक राजनीतिक इतिहास में सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री बने है।
- भारतीय मूल के डॉक्टर पिता यशवीर और फार्मासिस्ट माँ उषा के पुत्र ऋषि सुनक का जन्मस्थान ब्रिटेन है।
- ऋषि सुनक ने अपनी पढ़ाई विनचेस्टर कॉलेज, स्टेनफोर्ड व ऑक्सफोर्ड से की है।
- वे विश्वप्रसिद्ध कम्पनी कम्पनी गोल्डमैन में विश्लेषक के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान करते हुए अपनी एक विशिष्ट पहचान स्थापित कर चुके है।
- ऋषि की पत्नि का नाम अक्षता मूर्ति है जो कि विश्वप्रसिद्ध इंफोसिस के मालिक नारायण मूर्ति की पुत्री है। ऋषि व अक्षता दो बेटियों के माता-पिता है।
- ऋषि सुनक ने अपना राजनीतिक कैरियर 2015 से प्रारम्भ किया। वे 2015 में ब्रिटेन की संसद के सदस्य बने व उन्होंने राजकोष के चांसलर के रूप में अपनी पहचान स्थापित की है।
ऋषि सुनक ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री | Rishi Sunak is the new Prime Minister of Britain
ऋषि सुनक के ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने के समाचार से संपूर्ण एशिया विशेषकर के भारत मे एक उत्साह व खुशी की लहर का अनुभव किया जा रहा है। ऋषि सुनक ब्रिटेन के पहले अश्वेत प्रधानमंत्री है। ऋषि को अपनी पोलेटिकल पार्टी मे स्पष्ट बहुमत मिल गया है व उनका कोई भी विरोध उनकी पार्टी में नही है जबकि उनकी विपक्षी पार्टी नेतृत्व करने हेतु बहुमत नही रखती है। ऋषि सुनक को प्रधानमंत्री बनने का अवसर मिलनेके पीछे बहुत सारी गैर-परम्परागत स्तिथिया भी है। आइये, ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री बनने के कारणों व भविष्य में उनके सामने आने वाले चैलेंज को समझते है।
ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री बनने के मुख्य कारण | The main reasons why Rishi Sunak became the Prime Minister

ऋषि सुनक पिछले लंबे समय से चर्चा में रहे है। पिछले दो माह में ब्रिटेन में राजनीतिक परिदृश्य बहुत तेजी से अपना रंग बदल रहा है तथा यह सब किसी रोमांचक क्रिकेट मैच के समान ही हुआ है। ऋषि दो माह पहले प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में अपने प्रतिद्वंदियों से बहुत आगे थे, फिर बहुत पिछड़ गए व आज फिर वे प्रधानमंत्री बनने के लिए एकमात्र सर्वसम्मति प्राप्त केंडिडेट बने।
ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री बनने का मुख्य कारण ब्रिटेन के कमजोर होते आर्थिक हालात है। The main reason for Rishi Sunak becoming the Prime Minister is the weakening economic condition of Britain
ब्रिटेन एक सर्वसम्पन्न विकसित राष्ट्र है। इसके बावजूद पिछले कुछ वर्षों से ब्रिटेन के सामने प्रतिकूल आर्थिक स्तिथिया बनी हुई है। लेखक व बड़े तबके का यह मानना है कि सुनक को प्रधानमंत्री बनने का अवसर मिलने के पीछे विपरीत आर्थिक स्तिथिया सबसे बड़ा एक कारण है। ब्रिटेन के सामने आर्थिक चेलेंज हेतु एक अलग आलेख आपके लिए जल्दी प्रस्तुत किया जाएगा।
ऋषि सुनक की एक फाइनेंशियल विश्लेषक, मैनेजमेंट व नीति निर्धारक के रूप में विशिष्ट पहचान है। वे निश्चित रूप।से इस तथ्य को सभी रूप में स्थापित कर चुके है। उन्होंने ब्रिटेन के लिए पूर्व में भी आर्थिक मोर्चे पर अपने वित्तमंत्री के रूप में कार्यकाल में इसे सिद्ध भी किया है तथा निजी रूप से भी वे एक बेहद धनाढ्य व्यक्ति भी है। उनकी पढ़ाई भी विश्व के सर्वोच्च शिक्षण संस्थानों में हुई है तथा उनकी पारिवारिक / सामाजिक पृष्ठभूमि भी उन्हें वित्तिय तौर पर मान्यता प्रदान करती है।
ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री बनने के पीछे राजनीतिक कारण भी महत्वपूर्ण है। | The political reason behind Sunak becoming the Prime Minister is also important.
ऋषि सुनक को यह अवसर मात्र 44 दिन के कार्यकाल के बाद निर्वतमान होने वाली पूर्व प्रधानमंत्री लिज़ ट्रस के स्टेटमेंट से समझा जा सकता है कि ” यह ब्रिटेन के लिए ऐसा समय है जिसमे सबको एकजुट होना पड़ेगा या मरना पड़ेगा।” ऋषि के बहुत प्रतिद्वंद्वी व प्रधानमंत्री पद के।उम्मीदवार ” यह उचित समय नही है। ” कहकर स्वयं ही इस दौड़ से खुद को अलग कर चुके है। गत 2 माह में ब्रिटेन में हुई राजनीतिक उठापठक में ऋषि नेतृत्व सम्भालने वाले तीसरे प्रधानमंत्री बन चुके है। सन्तुलित भाषा मे यह कहा जा सकता है कि प्रधानमंत्री बनने के इच्छुक उम्मीदवारों की कमी नही है लेकिन आर्थिक मोर्चे के साथ राजनीतिक रूप से भी कठोर निर्णयन की जिम्मेदारी संभालने के लिए ऋषि सुनक से बेहतर विकल्प फिलहाल नही होना भी ऋषि के प्रधानमंत्री बनने के लिए महत्वपूर्ण कारक है।
ऋषि सुनक का भारतीय बैकग्राउंड भी उनकी उम्मीदवारी का एक प्रमुख कारण है। | Rishi Sunak’s Indian background is also a major reason for his candidature.
ऋषि सुनक एक सुलझे हुए अर्थशास्त्री, वित्तिय विश्लेषक, अनुशासित व्यक्ति होने के अलावा भारतीय बैकग्राउंड भी रखते है। भारतीय व्यक्ति की सम्पूर्ण विश्व मे विश्वास करने योग्य, मूल्यों को समझने वाले, कर्तव्यनिष्ठ व आम सहमति पा सकने योग्य व्यक्ति के रूप में पहचान स्थापित हो रही है। ऐसा हम इसलिए भी समझ सकते है क्योंकि विश्व की सबसे बड़ी कम्पनियों ने भी भारतीय व्यक्तियों को अधिमान दिया है।
ऋषि सुनक के सामने कठोर चुनोतियाँ | Tough challenges in front of Rishi Sunak
ऋषि की ताजपोशी ऐसे समय मे हुई है जबकि निर्वतमान होने वाली लिज ट्रस ने मात्र 44 दिनों में स्वेच्छा से पद त्याग कर दिया है। अनुभवी बोरिक जानसन ने सुनक के पक्ष में खुद को प्रधानमंत्री पद की रेस से स्वेच्छा से हटा लिया है तो इसका साफ मतलब है कि ऋषि को आने वाले समय मे कठोर चुनोतियो का सामना करने के लिए खुद का सर्वश्रेष्ठ देना होगा तथा अन्य स्तिथियों के अनुकूल रहने के लिए प्रार्थना भी करनी होगी।

ऋषि के सामने पहली चुनोती आर्थिक मोर्चे पर नियंत्रण करना है। | The first challenge before the sage is to control the economic front.
ब्रिटेन अभी गम्भीर आर्थिक संकट में है। पिछले 300 वर्षों में ब्रिटेन ने इस प्रकार के आर्थिक संकट को नही देखा है। ऐसा बताया जा रहा है कि सन 1709 ईसवी में भी ब्रिटेन के सामने इस प्रकार का बड़ा संकट आया था। ब्रिटेन के सामने इन विपरीत हालत के मुख्य जिम्मेदार कारण है-
- ब्रेक्सिट
- कोरोना
- रूस-यूक्रेन युद्ध
ब्रिटेन पिछले अनेक वर्षो से यूरोपीय देशों के साथ रहने नही रहने की उहापोह के कारण आर्थिक संकट में था लेकिन कोरोना काल मे अन्य देशों के समान ब्रिटेन को भारी आर्थिक सनक्तनका सामना करना पड़ा। इससे पहले कि ब्रिटेन ब्रेकसिट व कोरोना के कारणों का निवारण कर पाए कि रूस-यूक्रेन युद्ध ने ब्रिटेन को गम्भीर आर्थिक संकटो में डाल दिया है क्योकि यूक्रेन से मिलने वाली गैस, खाद्यान्न सप्लाई गम्भीर रूप से बाधित हुई है।
रिपोर्ट्स के अनुसार ब्रिटेन की जीडीपी में बहुत बड़ी गिरावट के पीछे उपरोक्त कारणोंके अलावा विदेशी निवेश में कमी, स्थानीय कुशल लेबर का अभाव, सप्लाई चेन का बिखरना इत्यादि भी अहम कारण रहे है। ब्रिटेन के केंद्रीय बैंक के अनुसार भी ब्रिटिश नागरिकों को अभी ओर भी कड़ी स्तिथियों का सामना करने की बात भी कही गई है।
ऋषि सुनक को आर्थिक मोर्चे पर अल्पकालीन, मध्यमकालीन व दीर्घकालीन निर्णय लेने होंगे लेकिन फिलहाल सबकी नजरें जनके द्वारा उठाये जाने वाले त्वरित कदमों पर टिकी रहेगी। अपनी सोच को यथार्थ रूप देने के लिए उनको बाजार की शक्तियों के प्रत्यक्ष व परोक्ष सहयोग की उम्मीद भी निरन्तर करनी होगी।
ऋषि के सामने दूसरी चुनोती राजनीतिक मोर्चे पर नियंत्रण करना है। | The second challenge before Rishi is to control the political front.
राजनीतिक स्तिथियों की सबसे बड़ी खासियत यह होती है कि वे ठीक वैसी नही होती जैसी की सबको प्रतीत होती है वह इससे बहुत अलग एवं कई बार पूर्णतः विपरित भी हो सकती है। आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ ऋषि सुनक को अंतरराष्ट्रीय मोर्चे से कही अधिक आंतरिक मोर्चे से चुनोतियाँ मिल सकती है।
सारांश | Summary
ऋषि सुनक को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने की हार्दिक बधाई व समस्त शुभकामनाएं। विश्वास है कि उनके प्रयास रंग लाएंगे व ब्रिटेन की आर्थिक चुनोतियाँ जल्द सुलझ जाएगी व ब्रिटेन विश्व की बेहतरी के लिए पुनः महत्वपूर्ण भूमिका में होगा। अंत जिगर मुरादाबादी के एक अशआर से –
ये इश्क़ नहीं आसाँ इतना ही समझ लीजे।
-जिगर मुरादाबादी
इक आग का दरिया है और डूब के जाना है।।