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कक्षा 10 के लिए विज्ञान: एनसीईआरटी, सीबीएसई, आरबीएसई अध्याय 1 – रासायनिक अभिक्रियाएँ और समीकरण: विस्तृत हिंदी नोट्स

रासायनिक समीकरणः रासायनिक अभिक्रियाओं के प्रकार दैनिक जीवन में उपचयन अभिक्रियाओं के प्रभाव

Chemical equations: Types of chemical reactions, effects of oxidation reactions in everyday life

रासायनिक समीकरण

रासायनिक समीकरण एक प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व है जो रासायनिक प्रतिक्रिया को दर्शाता है। यह समीकरण में शामिल पदार्थों के नाम और उनके प्रतीक, साथ ही प्रतिक्रिया के दौरान होने वाले परिवर्तनों को दर्शाता है।

रासायनिक समीकरण के दो मुख्य भाग होते हैं:

  • प्रतिक्रियाशील (reactants): ये वे पदार्थ हैं जो प्रतिक्रिया में शामिल होते हैं।
  • उत्पाद (products): ये वे पदार्थ हैं जो प्रतिक्रिया के परिणामस्वरूप बनते हैं।

एक संतुलित रासायनिक समीकरण एक ऐसा समीकरण है जिसमें प्रतिक्रियाशील और उत्पादों में प्रत्येक तत्व के लिए परमाणुओं की संख्या समान होती है।

रासायनिक अभिक्रियाओं के प्रकार

रासायनिक अभिक्रियाएं कई प्रकार की होती हैं, जिनमें से कुछ सामान्य प्रकार निम्नलिखित हैं:

  • संयोजन अभिक्रियाएं (combination reactions): दो या दो से अधिक पदार्थ एक नए पदार्थ में संयोजित होते हैं। उदाहरण:

2H2 + O2 → 2H2O

  • विघटन अभिक्रियाएं (decomposition reactions): एक पदार्थ दो या दो से अधिक पदार्थों में विघटित होता है। उदाहरण:

NaCl → Na + Cl2

  • विस्थापन अभिक्रियाएं (displacement reactions): एक अभिकारक दूसरे अभिकारक को उसके यौगिक से विस्थापित करता है। उदाहरण:

Zn + CuSO4 → ZnSO4 + Cu

  • उपचयन-अपचयन अभिक्रियाएं (oxidation-reduction reactions): एक पदार्थ ऑक्सीजन प्राप्त करता है (उपचयित होता है) जबकि दूसरा पदार्थ ऑक्सीजन खो देता है (अपचयित होता है)। उदाहरण:

2Mg + O2 → 2MgO

दैनिक जीवन में उपचयन अभिक्रियाओं के प्रभाव

उपचयन अभिक्रियाएं हमारे दैनिक जीवन में कई तरह से होती हैं। कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं:

  • भोजन पकाना: भोजन पकाने में होने वाली कई अभिक्रियाएं उपचयन अभिक्रियाएं हैं। उदाहरण के लिए, जब हम मांस को ग्रिल करते हैं, तो मांस में मौजूद प्रोटीन ऑक्सीजन के साथ मिलकर जलने लगते हैं, जिससे मांस का रंग बदल जाता है और उसका स्वाद बदल जाता है।
  • धातुओं का जंग लगना: धातुओं का जंग लगना एक उपचयन अभिक्रिया है। जब धातुएं हवा में मौजूद ऑक्सीजन और नमी के संपर्क में आती हैं, तो वे ऑक्सीकृत होकर जंग लग जाती हैं।
  • रसायनों का उत्पादन: कई रसायनों का उत्पादन उपचयन अभिक्रियाओं के माध्यम से किया जाता है। उदाहरण के लिए, अमोनिया का उत्पादन नाइट्रोजन और हाइड्रोजन गैसों की उपचयन अभिक्रिया के माध्यम से किया जाता है।
  • ऊर्जा उत्पादन: कई प्रकार की ऊर्जा उत्पादन प्रक्रियाएं उपचयन अभिक्रियाओं पर आधारित हैं। उदाहरण के लिए, जीवाश्म ईंधन के दहन में होने वाली अभिक्रियाएं उपचयन अभिक्रियाएं हैं।

निष्कर्ष

रासायनिक समीकरण रासायनिक अभिक्रियाओं को समझने का एक महत्वपूर्ण उपकरण हैं। विभिन्न प्रकार की रासायनिक अभिक्रियाएं होती हैं, जिनमें से प्रत्येक की अपनी विशेषताएं होती हैं। उपचयन अभिक्रियाएं हमारे दैनिक जीवन में कई तरह से होती हैं और कई महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं के लिए जिम्मेदार होती हैं।

अम्ल और क्षार के रासायनिक गुणधर्म

अम्ल और क्षार दो प्रकार के रासायनिक पदार्थ हैं जिनके विशिष्ट रासायनिक गुणधर्म होते हैं।

अम्ल के रासायनिक गुणधर्म

  • अम्ल स्वाद में खट्टे होते हैं।
  • अम्ल नीले लिटमस पत्र को लाल कर देते हैं।
  • अम्ल धातुओं के साथ अभिक्रिया करके हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करते हैं।
  • अम्ल लवण और पानी में विघटित हो जाते हैं।

क्षार के रासायनिक गुणधर्म

  • क्षार स्वाद में कड़वे होते हैं।
  • क्षार लाल लिटमस पत्र को नीला कर देते हैं।
  • क्षार धातुओं के साथ अभिक्रिया करके हाइड्रॉक्साइड आयन उत्पन्न करते हैं।
  • क्षार लवण और पानी में विघटित हो जाते हैं।

अम्ल और क्षार के समानताएं

  • अम्ल और क्षार दोनों ही जल में विघटित होकर आयन देते हैं।
  • अम्ल और क्षार दोनों ही धातुओं के साथ अभिक्रिया करके लवण और हाइड्रोजन गैस बनाते हैं।

अम्ल एवं क्षार विलयन की प्रबलता

अम्ल या क्षार विलयन की प्रबलता को उसकी आयनन क्षमता के आधार पर मापा जाता है। आयनन क्षमता वह क्षमता है जिसके द्वारा एक अणु जल में घुलकर आयन देता है।

अम्ल या क्षार विलयन की प्रबलता को निम्नलिखित पैमाने पर मापा जाता है:

  • प्रबल अम्ल: ये अम्ल पूर्णतः आयनित होते हैं। उदाहरण: हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl), सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4), नाइट्रिक अम्ल (HNO3)
  • दुर्बल अम्ल: ये अम्ल आंशिक रूप से आयनित होते हैं। उदाहरण: एसिटिक अम्ल (CH3COOH), फॉर्मिक अम्ल (HCOOH)
  • प्रबल क्षार: ये क्षार पूर्णतः आयनित होते हैं। उदाहरण: सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH), पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड (KOH)
  • दुर्बल क्षार: ये क्षार आंशिक रूप से आयनित होते हैं। उदाहरण: अमोनियम हाइड्रॉक्साइड (NH4OH)

लवण के संबंध

अम्ल और क्षार अभिक्रिया करके लवण और पानी बनाते हैं। इस अभिक्रिया को उदासीनीकरण अभिक्रिया कहा जाता है।

उदाहरण:HCl + NaOH → NaCl + H2O

इस अभिक्रिया में, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) और सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH) अभिक्रिया करके सोडियम क्लोराइड (NaCl) और पानी बनाते हैं।

लवण का उपयोग कई उद्देश्यों के लिए किया जाता है, जिनमें से कुछ सामान्य उपयोग निम्नलिखित हैं:

  • खाने के लिए: सोडियम क्लोराइड (नमक) एक आम लवण है जिसका उपयोग भोजन में किया जाता है।
  • उर्वरक के रूप में: नाइट्रेट और फॉस्फेट लवणों का उपयोग उर्वरकों में किया जाता है।
  • औषधीय पदार्थों के रूप में: कई दवाओं में लवण होते हैं।
  • धातुओं के निष्कर्षण में: कई धातुओं को उनके लवणों से निष्कर्षित किया जाता है।

निष्कर्ष

अम्ल और क्षार दो महत्वपूर्ण प्रकार के रासायनिक पदार्थ हैं जिनके विशिष्ट रासायनिक गुणधर्म होते हैं। इनके गुणों को समझना महत्वपूर्ण है क्योंकि ये हमारे दैनिक जीवन में कई तरह से उपयोग किए जाते हैं।

धातुओं एवं अधातुओं के भौतिक एवं रासायनिक गुणधर्म

Physical and chemical properties of metals and non-metals

धातु और अधातु दो प्रकार के रासायनिक तत्व होते हैं। धातुओं के कुछ सामान्य भौतिक गुणों में चमक, कठोरता, चालकता, और तन्यता शामिल हैं। धातुएं आमतौर पर विद्युत और ऊष्मा का अच्छा चालक होती हैं। वे आमतौर पर ठोस होती हैं, लेकिन कुछ तरल भी होती हैं। धातुओं के कुछ सामान्य रासायनिक गुणों में ऑक्सीकरण और अपचयन शामिल हैं। धातुएं ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करके ऑक्साइड बनाती हैं। वे अन्य धातुओं को उनके यौगिकों से विस्थापित भी कर सकती हैं।

अधातुओं के कुछ सामान्य भौतिक गुणों में चमक की कमी, कठोरता की कमी, चालकता की कमी, और अत्यधिक तन्यता की कमी शामिल हैं। अधातुएं आमतौर पर विद्युत और ऊष्मा का खराब चालक होती हैं। वे आमतौर पर ठोस, तरल, या गैस होती हैं। अधातुओं के कुछ सामान्य रासायनिक गुणों में कमजोर ऑक्सीकरण और अपचयन क्षमता शामिल हैं। अधातुएं ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करके ऑक्साइड बनाती हैं, लेकिन धातुओं की तुलना में कम आसानी से।

धातु एवं अधातु की अभिक्रियाएं

Reactions of metals and non-metals

धातु और अधातु एक-दूसरे के साथ विभिन्न प्रकार की प्रतिक्रियाओं में भाग लेते हैं। इन प्रतिक्रियाओं में से कुछ निम्नलिखित हैं:

  • ऑक्सीकरण-अपचयन प्रतिक्रियाएँ: धातु और अधातु अक्सर ऑक्सीकरण-अपचयन प्रतिक्रियाओं में भाग लेते हैं। इन प्रतिक्रियाओं में, एक पदार्थ ऑक्सीजन ग्रहण करता है और दूसरा पदार्थ ऑक्सीजन खोता है।
  • विस्थापन प्रतिक्रियाएँ: धातुएं अक्सर अन्य धातुओं को उनके यौगिकों से विस्थापित कर सकती हैं। इन प्रतिक्रियाओं में, अधिक प्रतिक्रियाशील धातु कम प्रतिक्रियाशील धातु को उसके यौगिक से विस्थापित करती है।
  • अम्ल-क्षार प्रतिक्रियाएँ: धातुएं अक्सर अम्लों के साथ प्रतिक्रिया करके लवण और हाइड्रोजन गैस बनाती हैं।

धातुओं का निष्कर्षण

Extraction of metals

धातुओं को उनके अयस्कों से निकाला जाता है। अयस्क एक खनिज है जिसमें धातु एक महत्वपूर्ण घटक है। धातुओं को निकालने के लिए कई प्रक्रियाएं उपयोग की जाती हैं, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:

  • अयस्क का सांद्रण: अयस्क से धातु के अशुद्धियों को हटाने के लिए।
  • धातु का निष्कर्षण: धातु को अयस्क से निकालने के लिए।
  • धातु का शुद्धिकरण: धातु से अशुद्धियों को हटाने के लिए।

संक्षारण

Corrosion

संक्षारण एक प्रक्रिया है जिसमें एक धातु धीरे-धीरे नष्ट हो जाती है। संक्षारण आमतौर पर ऑक्सीजन और पानी के संपर्क में आने से होता है। संक्षारण के कुछ सामान्य उदाहरणों में लोहे पर जंग लगना और तांबे पर हरे रंग का पदार्थ बनना शामिल है।

संक्षारण से सुरक्षा

Prevention of corrosion

संक्षारण को रोकने के लिए कई तरीके हैं। कुछ सामान्य तरीके निम्नलिखित हैं:

  • धातु को संक्षारण रोधी पदार्थों से कोटिंग करना।
  • धातु को वायु और पानी से बचाना।
  • धातु को एक ऐसी स्थिति में रखना जिसमें संक्षारण होने की संभावना कम हो।

निष्कर्ष

धातु और अधातु दो महत्वपूर्ण प्रकार के रासायनिक तत्व हैं। इनके गुणों को समझना महत्वपूर्ण है क्योंकि ये हमारे दैनिक जीवन में कई तरह से उपयोग किए जाते हैं। संक्षारण एक समस्याग्रस्त प्रक्रिया है जिससे धातुओं को नुकसान हो सकता है। संक्षारण को रोकने के लिए कई तरीके हैं।

कार्बन यौगिकों में आबंधन

Bonding in carbon compounds

कार्बन एक अत्यंत महत्वपूर्ण तत्व है जो जीवन के लिए आवश्यक है। यह पृथ्वी पर पाया जाने वाला सबसे प्रचुर मात्रा में तत्व है और यह कई प्रकार के यौगिकों का निर्माण कर सकता है। कार्बन यौगिकों को कार्बनिक यौगिक कहा जाता है।

कार्बन यौगिकों में कार्बन परमाणु एक-दूसरे से चार सहसंयोजक बंधनों द्वारा जुड़े होते हैं। ये बंधन कार्बन परमाणु के चार वैलेंस इलेक्ट्रॉनों के साझाकरण द्वारा बनते हैं। कार्बन परमाणु चार अलग-अलग वैलेंस इलेक्ट्रॉन रखते हैं, इसलिए वे चार सहसंयोजक बंधन बना सकते हैं।

कार्बन परमाणु एक-दूसरे से जुड़कर विभिन्न प्रकार के आकार और संरचनाओं का निर्माण कर सकते हैं। ये आकार और संरचनाएं कार्बन यौगिकों के गुणों को निर्धारित करती हैं।

कार्बन की सर्वतोमुखी प्रकृति

Versatile nature of carbon

कार्बन की सर्वतोमुखी प्रकृति इसकी क्षमता से उत्पन्न होती है कि यह चार सहसंयोजक बंधन बना सकता है। यह अन्य तत्वों के साथ भी सहसंयोजक बंधन बना सकता है। कार्बन की इस क्षमता के कारण, कार्बन यौगिकों में अत्यधिक विविधता हो सकती है।

कार्बन यौगिकों में पाए जाने वाले कुछ सामान्य तत्वों में हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, सल्फर और क्लोरीन शामिल हैं। इन तत्वों के साथ कार्बन के सहसंयोजक बंधन विभिन्न प्रकार के रासायनिक गुणों को जन्म दे सकते हैं।

कार्बन यौगिकों के रासायनिक गुण

Chemical properties of carbon compounds

कार्बन यौगिकों के रासायनिक गुण उनके आकार और संरचना पर निर्भर करते हैं। कार्बन यौगिकों के कुछ सामान्य रासायनिक गुण निम्नलिखित हैं:

  • उच्च प्रतिक्रियाशीलता: कार्बन यौगिक आमतौर पर अन्य पदार्थों के साथ प्रतिक्रिया करते हैं।
  • संयोजन अभिक्रियाएं: कार्बन यौगिक अन्य पदार्थों के साथ संयोजित होकर नए यौगिक बना सकते हैं।
  • विस्थापन अभिक्रियाएं: कार्बन यौगिक अन्य पदार्थों को उनके यौगिकों से विस्थापित कर सकते हैं।

कुछ कार्बनिक यौगिक

Some important organic compounds

कार्बन यौगिकों के कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण निम्नलिखित हैं:

  • इथेनॉल: इथेनॉल एक रंगहीन, ज्वलनशील तरल है जिसका उपयोग पेय पदार्थों, दवाओं और ईंधन के रूप में किया जाता है।
  • एथेनोइक एसिड: एथेनोइक एसिड एक रंगहीन, गंधयुक्त तरल है जिसका उपयोग भोजन में मसाले के रूप में किया जाता है।
  • साबुन: साबुन वसा और तेलों के सोडियम या पोटेशियम लवण होते हैं। इनका उपयोग सफाई और अन्य उद्देश्यों के लिए किया जाता है।
  • डिटर्जेंट: डिटर्जेंट साबुन के समान होते हैं, लेकिन इनमें कुछ अतिरिक्त गुण होते हैं जो उन्हें अधिक प्रभावी बनाते हैं। इनका उपयोग कपड़े धोने और अन्य उद्देश्यों के लिए किया जाता है।

निष्कर्ष

कार्बन यौगिक जीवन के लिए आवश्यक हैं और हमारे दैनिक जीवन में कई तरह से उपयोग किए जाते हैं। कार्बन यौगिकों के गुणों को समझना महत्वपूर्ण है ताकि हम इनका उपयोग सुरक्षित और प्रभावी ढंग से कर सकें।