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आत्मनिर्भर | आत्मनिर्भरता से ही सफलता प्राप्त हो सकती है।

आत्मनिर्भरता से हम सफ़ल हो।सकते है। बिना आत्मनिर्भरता के कोई भी व्यक्ति, परिवात अथवा देश विकास नही कर सकता है। जब तक हम आत्मनिर्भर नही होंगे तब तक हम सच्चे अर्थ में स्वतंत्र नही हो सकते। आइये, आज हम ” आत्मनिर्भर ” शब्द का विश्लेषण व सही अर्थ जानने व जीवन मे उतारने का प्रयास करते है।

आत्मनिर्भर हेतु अंग्रेजी शब्द

self dependent

self sufficient
Independent
self-reliant
self-sufficient
self-sufficing
self-sustaining

आत्मनिर्भरता हेतु अंग्रेजी शब्द

self reliance

self help
self reliance (self sufficiency)
self support
self-reliance
self-sufficiency

आत्मनिर्भरता का अर्थ

आत्मनिर्भरता का अर्थ है अपने ऊपर निर्भर रहना, जो व्यक्ति दूसरे के मुँह को नहीं ताकते, वे ही आत्मनिर्भर होते हैं।आत्मनिर्भरता का अर्थ यह है कि जिस किसी कार्य को करने की इच्छा करे, उसके लिए पूर्ण तत्परता और लगन का परिचय दे। स्वयं अपने सहारे उसे सिद्ध करने का प्रयास करे। आत्मनिर्भरता एक श्रेष्ठ गुण है जिसका आधार आत्मविश्वास है। जब लोगों में आत्मनिर्भरता होती है, तो वे स्वतंत्र और स्वायत्त होते हैं – दूसरे शब्दों में, वे अपनी देखभाल करते हैं।

आत्मनिर्भरता के महत्व पर एक कहानी

बिल्ली और कुत्ता

एक दिन की बात है. एक बिल्ली कहीं जा रही थी. तभी अचानक एक विशाल और भयानक कुत्ता उसके सामने आ गया. कुत्ते को देखकर बिल्ली डर गई. कुत्ते और बिल्ली जन्म-बैरी होते हैं. बिल्ली ने अपनी जान का ख़तरा सूंघ लिया और जान हथेली पर रखकर वहाँ से भागने लगी. किंतु फुर्ती में वह कुत्ते से कमतर थी. थोड़ी ही देर में कुत्ते ने उसे दबोच लिया.

बिल्ली की जान पर बन आई. मौत उसके सामने थी. कोई और रास्ता न देख वह कुत्ते के सामने गिड़गिड़ाने लगी. किंतु कुत्ते पर उसके गिड़गिड़ाने का कोई असर नहीं हुआ. वह उसे मार डालने को तत्पर था. तभी अचानक बिल्ली ने कुत्ते के सामने एक प्रस्ताव रख दिया, “यदि तुम मेरी जान बख्श दोगे, तो कल से तुम्हें भोजन की तलाश में कहीं जाने की आवश्यता नहीं रह जायेगी. मैं यह ज़िम्मेदारी उठाऊंगी. मैं रोज़ तुम्हारे लिए भोजन लेकर आऊंगी. तुम्हारे खाने के बाद यदि कुछ बच गया, तो मुझे दे देना. मैं उससे अपना पेट भर लूंगी.”

कुत्ते को बिना मेहनत किये रोज़ भोजन मिलने का यह प्रस्ताव जम गया. उसने इसे सहर्ष स्वीकार कर लिया. लेकिन साथ ही उसने बिल्ली को आगाह भी किया कि धोखा देने पर परिणाम भयंकर होगा. बिल्ली ने कसम खाई कि वह किसी भी सूरत में अपना वादा निभायेगी.

कुत्ता आश्वस्त हो गया. उस दिन के बाद से वह बिल्ली द्वारा लाये भोजन पर जीने लगा. उसे भोजन की तलाश में कहीं जाने की आवश्यकता नहीं रह गई. वह दिन भर अपने डेरे पर लेटा रहता और बिल्ली की प्रतीक्षा करता. बिल्ली भी रोज़ समय पर उसे भोजन लाकर देती. इस तरह एक महिना बीत गया. महीने भर कुत्ता कहीं नहीं गया. वह बस एक ही स्थान पर पड़ा रहा. एक जगह पड़े रहने और कोई भागा-दौड़ी न करने से वह बहुत मोटा और भारी हो गया.

एक दिन कुत्ता रोज़ की तरह बिल्ली का रास्ता देख रहा था. उसे ज़ोरों की भूख लगी थी. किंतु बिल्ली थी कि आने का नाम ही नहीं ले रही थी. बहुत देर प्रतीक्षा करने के बाद भी जब बिल्ली नहीं आई, तो अधीर होकर कुत्ता बिल्ली को खोजने निकल पड़ा.

वह कुछ ही दूर पहुँचा था कि उसकी दृष्टि बिल्ली पर पड़ी. वह बड़े मज़े से एक चूहे पर हाथ साफ़ कर रही है. कुत्ता क्रोध से बिलबिला उठा और गुर्राते हुए बिल्ली से बोला, “धोखेबाज़ बिल्ली, तूने अपना वादा तोड़ दिया. अब अपनी जान की खैर मना.”

इतना कहकर वह बिल्ली की ओर लपका. बिल्ली पहले ही चौकस हो चुकी थी. वह फ़ौरन अपनी जान बचाने वहाँ से भागी. कुत्ता भी उसके पीछे दौड़ा. किंतु इस बार बिल्ली कुत्ते से ज्यादा फुर्तीली निकली. कुत्ता इतना मोटा और भारी हो चुका था कि वह अधिक देर तक बिल्ली का पीछा नहीं कर पाया और थककर बैठ गया. इधर बिल्ली चपलता से भागते हुए उसकी आँखों से ओझल हो गई.

शिक्षा:-


मित्रों! दूसरों पर निर्भरता अधिक दिनों तक नहीं चलती. यह हमें कामचोर और कमज़ोर बना देती है. जीवन में सफ़ल होना है, तो आत्मनिर्भर बनो!

जीवन मे आत्मनिर्भर कैसे बनें ?

स्वतंत्र रूप से जीने की शुरूवात करने के लिए बहुत सी सावधानिया रखनी होती है, इसलिए Self Independent Tips के बारे में जानना बहुत ज़रूरी होता है, ऐसी ही कुछ टिप्स यहा दी गयी है जो आपको अपने वित्तीय और सामाजिक जीवन के साथ-साथ बेहतर करियर बनाने में मदद करेगी। आत्मनिर्भर व्यक्ति में निम्नलिखित गुण होते है ।

  • आत्मविश्वासी और स्वतंत्र
  • अपने पर भरोसा रखनेवाला
  • स्वावलंबी
  • ज्ञानी और जानकार
  • विश्वसनीय या भरोसेमंद
  • निर्णायक
  • अच्छी तरह से आगाह

हमको आत्मनिर्भर बनने के लिए अथवा आत्मनिर्भरता प्राप्त करने हेतु ऊपरोक्त गुणों का निरन्तर विकास करना चाहिए।