SET उत्तर-कुंजियों पर आपत्तियां 05 अप्रैल 2023 तक दर्ज करवा सकते हैं जबकि ऑनलाइन आवेदन फॉर्म में संशोधन 05 अप्रैल से 07 अप्रैल 2023 तक कर सकेंगे।👇👇
प्रेस विज्ञप्ति
| विश्वविद्यालय द्वारा दिनांक 26 मार्च, 2023 को आयोजित हुई राजस्थान राज्य पात्रता परीक्षा (SET-2023) के ऑनलाईन आवेदन में संशोधन एवं उत्तर तालिका में आपत्ति के संदर्भ में निम्नलिखित दिशा-निर्देश जारी किये जाते हैं :-
- आवेदकों को अपने ऑनलाईन आवेदन में दिनांक 05 अप्रैल 2023 (प्रातः 10 बजे ) से 07 अप्रैल, 2023 को मध्यरात्रि 11:59:59 बजे तक ऑनलाईन SSO के माध्यम से ही संशोधन हेतु अवसर प्रदान किया जाता है।
- अभ्यर्थी अपने ऑनलाईन आवेदन में स्वयं का नाम, माता/पिता का नाम, पता, शैक्षणिक योग्यता, जन्म तिथि, लिंग, फोटो एवं हस्ताक्षर में संशोधन नहीं कर सकेगा। इसके अतिरिक्त अन्य सूचनाओं यथा श्रेणी, उप श्रेणी, वैवाहिक स्थिति इत्यादि में निर्धारित रु. 300 / – का शुल्क ऑनलाईन भुगतान कर संशोधन कर सकेंगे।
- ऑनलाईन आपत्तियों का लिंक केवल दिनांक 05 अप्रैल 2023 (प्रातः 10 बजे) से 07 अप्रैल, 2023 को मध्यरात्रि 11:59:59 बजे तक ही उपलब्ध है। उसके पश्चात् लिंक निष्क्रिय हो जाएगा। अन्य किसी भी माध्यम से अथवा निर्धारित तिथि के बाद भेजी गई / अपलोड की गई आपत्तियाँ स्वीकार नहीं की जायेगी।आपत्तियाँ केवल एक बार ही ली जायेगी।
- परीक्षार्थियों को परीक्षा बाद प्रश्न पत्र ले जाने की अनुमति दी गई थी। प्रश्न-पत्र मय उत्तर विश्वविद्यालय की वेबसाइट www.ggtu.ac.in अपलोड कर दिये गये हैं। अतः परीक्षार्थी विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध प्रश्न-पत्र एवं उत्तर क्रमांक संख्या के आधार पर ही अपनी आपत्ति दर्ज करावें ।
- विश्वविद्यालय द्वारा प्रत्येक प्रश्न की आपत्ति का शुल्क रू. 200/- निर्धारित किया गया है। इस हेतु परीक्षार्थी विश्वविद्यालय की वेबसाईट पर उपलब्ध ऑनलाईन आपत्ति के लिंक पर जाकर अथवा अपनी SSO ID के माध्यम से देय शुल्क का ऑनलाईन भुगतान कर आपत्ति दर्ज करावें ।
- आपत्तियों के लिये पोर्टल पर मानक, प्रामाणिक पुस्तकों के प्रमाण ही ऑनलाईन अपलोड (Only PDF format) करें। संदर्भ में पुस्तक का नाम, लेखक/लेखकों के नाम, प्रकाशक का नाम, संस्करण वर्ष और पृष्ठ संख्या भी लिखा जाना आवश्यक है। वांछित प्रमाण Upload नहीं होने की स्थिति में आपत्तियों पर विचार नहीं किया जावेगा।
उक्त समय सीमा के पश्चात् किसी भी स्थिति में संशोधन नहीं किया जायेगा। जिसकी समस्त जिम्मेदारी अभ्यर्थी की होगी। इस हेतु विश्वविद्यालय द्वारा कोई भी ऑफलाईन प्रार्थना-पत्र स्वीकार नहीं किया जायेगा ।
