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शिक्षा संस्थाओं में तम्बाकू नियंत्रण के लिए कड़े कदम: राजस्थान सरकार का नया आदेश

तम्बाकू नियंत्रण: शैक्षिक संस्थाओं में कठोर कदम

राजस्थान सरकार ने तम्बाकू के सेवन के खिलाफ एक महत्वपूर्ण पहल की है। तम्बाकू का सेवन न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि यह युवाओं और बच्चों को भी इसकी लत में फंसा रहा है। इसके दुष्परिणामों में कैंसर, हृदय रोग और श्वास संबंधी रोग शामिल हैं। इस समस्या के निवारण हेतु, भारत सरकार ने “The Cigarettes and Other Tobacco Products (Prohibition of Advertisement and Regulation of Trade and Commerce, Production, Supply and Distribution) Act-2003” यानी COTPA-2003 कानून लागू किया है।

शैक्षिक संस्थानों में प्रतिबंध की सख्ती

इस कानून के तहत, शैक्षिक संस्थानों के आस-पास तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध है। सरकार ने सभी शैक्षिक संस्थानों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने परिसरों में और उसके 100 गज के दायरे में तम्बाकू उत्पादों की बिक्री न होने दें। इसके लिए विद्यालयों को उचित संकेतक बोर्ड लगाने का भी निर्देश है।

तम्बाकू नियंत्रण कमेटी का गठन

शिक्षण संस्थानों में तम्बाकू नियंत्रण कमेटी का गठन करने का आदेश दिया गया है, जिसमें शिक्षक, छात्र, जन प्रतिनिधि और स्थानीय पुलिस थाना प्रतिनिधि शामिल होंगे। यह कमेटी तम्बाकू नियंत्रण के नियमों का पालन सुनिश्चित करेगी।

जुर्माने और अनुशासनात्मक कार्यवाही

यदि कोई व्यक्ति विद्यालय परिसर में धूम्रपान करते हुए या तम्बाकू उत्पादों का वितरण करते हुए पाया जाता है, तो तम्बाकू नियंत्रण कमेटी उस पर जुर्माना लगा सकती है। बार-बार उल्लंघन करने पर विद्यार्थियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही और कार्मिकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।

स्वच्छता और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता

जुर्माने से प्राप्त राशि का उपयोग विद्यालय में साफ-सफाई और स्वच्छता संबंधी कार्यों के लिए किया जाएगा। इसके अलावा, शिक्षण संस्थानों में तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम और शाला स्वास्थ्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।इस प्रकार, राजस्थान सरकार ने तम्बाकू के खिलाफ एक सख्त और समग्र रणनीति अपनाई है, जिससे युवाओं और बच्चों को इसकी लत से बचाया जा सके और उनके स्वास्थ्य की रक्षा की जा सके।