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रामचरित मानस की अमोघ चौपाइयां

रामचरित मानस की अमोघ चौपाइयां

जीवन की हर समस्या के लिए रामचरित मानस में है समाधान

परिचय:

रामचरित मानस हिंदी साहित्य का एक अद्वितीय महाकाव्य है। इसे गोस्वामी तुलसीदास ने लिखा है। यह राम के जीवन की कथा को उद्घाटित करता है। रामचरित मानस में कई ऐसी चौपाइयां हैं, जिनका प्रयोग विभिन्न प्रकार के कार्यों के लिए किया जाता है। इन चौपाइयों को अमोघ माना जाता है, क्योंकि इनका प्रयोग करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

विषय:

रामचरित मानस की अमोघ चौपाइयों का प्रयोग निम्नलिखित कार्यों के लिए किया जा सकता है:

  • विपत्ति-नाश:

राजिव नयन धरें धनु सायक। भगत बिपति भंजन सुखदायक।।

यह चौपाई विपत्ति नाश के लिए अत्यंत प्रभावी है। इसका प्रयोग करने से व्यक्ति की सभी विपत्तियां दूर हो जाती हैं।

  • संकट-नाश:

जौं प्रभु दीन दयालु कहावा। आरति हरन बेद जसु गावा।। जपहिं नामु जन आरत भारी। मिटहिं कुसंकट होहिं सुखारी।। दीन दयाल बिरिदु संभारी। हरहु नाथ मम संकट भारी।।

यह चौपाई संकट नाश के लिए भी अमोघ है। इसका प्रयोग करने से व्यक्ति के सभी संकट दूर हो जाते हैं।

  • कठिन क्लेश नाश:

हरन कठिन कलि कलुष कलेसू। महामोह निसि दलन दिनेसू।।

यह चौपाई कठिन क्लेश नाश के लिए अत्यंत प्रभावी है। इसका प्रयोग करने से व्यक्ति के सभी कठिन क्लेश दूर हो जाते हैं।

  • विघ्न शांति:

सकल विघ्न व्यापहिं नहिं तेही। राम सुकृपाँ बिलोकहिं जेही॥

यह चौपाई विघ्न शांति के लिए अत्यंत प्रभावी है। इसका प्रयोग करने से व्यक्ति के सभी विघ्न दूर हो जाते हैं।

  • खेद नाश:

जब तें राम ब्याहि घर आए। नित नव मंगल मोद बधाए॥

यह चौपाई खेद नाश के लिए अत्यंत प्रभावी है। इसका प्रयोग करने से व्यक्ति का खेद दूर हो जाता है और उसे आनंद प्राप्त होता है।

  • चिंता की समाप्ति:

जय रघुवंश बनज बन भानू। गहन दनुज कुल दहन कृशानू॥

यह चौपाई चिंता की समाप्ति के लिए अत्यंत प्रभावी है। इसका प्रयोग करने से व्यक्ति की सभी चिंताएं दूर हो जाती हैं।

  • विविध रोगों तथा उपद्रवों की शान्ति:

दैहिक दैविक भौतिक तापा।राम राज काहूहिं नहि ब्यापा॥

यह चौपाई विविध रोगों तथा उपद्रवों की शान्ति के लिए अत्यंत प्रभावी है। इसका प्रयोग करने से व्यक्ति के सभी रोग और उपद्रव दूर हो जाते हैं।

  • मस्तिष्क की पीड़ा दूर करने के लिये:

हनूमान अंगद रन गाजे। हाँक सुनत रजनीचर भाजे।।

यह चौपाई मस्तिष्क की पीड़ा दूर करने के लिए अत्यंत प्रभावी है। इसका प्रयोग करने से व्यक्ति की मस्तिष्क की पीड़ा दूर हो जाती है।

  • विष नाश के लिये:

नाम प्रभाउ जान सिव नीको। कालकूट फलु दीन्ह अमी को।।

यह चौपाई विष नाश के लिए अत्यंत प्रभावी है। इसका प्रयोग करने से व्यक्ति को विष से कोई हानि नहीं होती है।

  • अकाल मृत्यु निवारण के लिये:

नाम पाहरु दिवस निसि ध्यान तुम्हार कपाट। लोचन निज पद जंत्रित जाहिं प्रान केहि बाट।।

यह चौपाई अकाल मृत्यु निवारण के लिए अत्यंत प्रभावी है। इसका प्रयोग करने से व्यक्ति की अकाल मृत्यु नहीं होती है।

सभी तरह की आपत्ति के विनाश के लिये / भूत भगाने के लिये:प्रनवउँ पवन कुमार,खल बन पावक ग्यान घन। जासु ह्रदयँ आगार, बसहिं राम सर चाप धर॥

यह चौपाई सभी तरह की आपत्ति के विनाश के लिए अत्यंत प्रभावी है। इसका प्रयोग करने से व्यक्ति की सभी तरह की आपत्तियाँ दूर हो जाती हैं और भूत भी भगा दिए जाते हैं।

नजर झाड़ने के लिये:स्याम गौर सुंदर दोउ जोरी। निरखहिं छबि जननीं तृन तोरी।।

यह चौपाई नजर झाड़ने के लिए अत्यंत प्रभावी है। इसका प्रयोग करने से व्यक्ति के ऊपर से नजर उतरी जाती है।

खोयी हुई वस्तु पुनः प्राप्त करने के लिए:गई बहोर गरीब नेवाजू। सरल सबल साहिब रघुराजू।।

यह चौपाई खोयी हुई वस्तु पुनः प्राप्त करने के लिए अत्यंत प्रभावी है। इसका प्रयोग करने से खोई हुई वस्तु वापस मिल जाती है।

जीविका प्राप्ति केलिये:बिस्व भरण पोषन कर जोई। ताकर नाम भरत असहोई।।

यह चौपाई जीविका प्राप्ति के लिए अत्यंत प्रभावी है। इसका प्रयोग करने से व्यक्ति को जीविका प्राप्त होती है।

दारिद्रता मिटाने के लिये:अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के। कामद धन दारिद दवारि के।।

यह चौपाई दरिद्रता मिटाने के लिए अत्यंत प्रभावी है। इसका प्रयोग करने से व्यक्ति की दरिद्रता दूर हो जाती है।

लक्ष्मी प्राप्ति के लिये:जिमि सरिता सागर महुँ जाही। जद्यपि ताहि कामना नाहीं।। तिमि सुख संपति बिनहिं बोलाएँ। धरमसील पहिं जाहिं सुभाएँ।।

यह चौपाई लक्ष्मी प्राप्ति के लिए अत्यंत प्रभावी है। इसका प्रयोग करने से व्यक्ति को लक्ष्मी प्राप्त होती है।

पुत्र प्राप्ति के लिये:प्रेम मगन कौसल्या निसिदिन जात न जान। सुत सनेह बस माता बालचरित कर गान।।’

यह चौपाई पुत्र प्राप्ति के लिए अत्यंत प्रभावी है। इसका प्रयोग करने से व्यक्ति को पुत्र प्राप्त होता है।

सम्पत्ति की प्राप्ति के लिये:

जे सकाम नर सुनहि जे गावहि।सुख संपत्ति नाना विधि पावहि।।

यह चौपाई सम्पत्ति प्राप्ति के लिए अत्यंत प्रभावी है। इसका प्रयोग करने से व्यक्ति को सम्पत्ति प्राप्त होती है।

ऋद्धि-सिद्धि प्राप्त करने के लिये:साधक नाम जपहिं लय लाएँ। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएँ।।

यह चौपाई ऋद्धि-सिद्धि प्राप्त करने के लिए अत्यंत प्रभावी है। इसका प्रयोग करने से व्यक्ति को ऋद्धि-सिद्धि प्राप्त होती है।

सर्व-सुख-प्राप्ति के लिये:सुनहिं बिमुक्त बिरत अरु बिषई। लहहिं भगति गति संपति नई।।

यह चौपाई सर्व-सुख-प्राप्ति के लिए अत्यंत प्रभावी है। इसका प्रयोग करने से व्यक्ति को सभी प्रकार के सुख प्राप्त होते हैं।

मनोरथ-सिद्धि के लिये:

भव भेषज रघुनाथ जसु सुनहिं जे नर अरु नारि। तिन्ह कर सकल मनोरथ सिद्ध करहिं त्रिसिरारि।।

यह चौपाई मनोरथ-सिद्धि के लिए अत्यंत प्रभावी है। इसका प्रयोग करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।

रामचरित मानस की चौपाइयां केवल मनोकामना पूर्ति के लिए ही नहीं, बल्कि जीवन के सभी क्षेत्रों में कल्याण के लिए भी उपयोगी हैं। इन चौपाइयों का नियमित पाठ करने से व्यक्ति को सभी प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं।

रामचरित मानस की चौपाइयों के प्रयोग के नियम:

  • रामचरित मानस की चौपाइयों का प्रयोग करने के लिए श्रद्धा और विश्वास होना आवश्यक है।
  • चौपाइयों का उच्चारण स्पष्ट और ध्यानपूर्वक करना चाहिए।
  • चौपाइयों का पाठ नियमित रूप से करना चाहिए।
  • चौपाइयों के प्रयोग के साथ-साथ सदाचार और धर्म का पालन भी करना चाहिए।

रामचरित मानस की चौपाइयों के कुछ अन्य लाभ:

  • रामचरित मानस की चौपाइयां मानसिक शांति प्रदान करती हैं।
  • इन चौपाइयों के पाठ से व्यक्ति के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  • इन चौपाइयों के पाठ से व्यक्ति के अंदर धार्मिकता और आध्यात्मिकता का विकास होता है।

रामचरित मानस की चौपाइयां एक दिव्य शक्ति हैं, जो व्यक्ति के जीवन को सुखमय और सफल बनाने में सहायता करती हैं।