Site logo

आज का पंचांग और इतिहास: 02 फरवरी 2024

आज का पंचांग और इतिहास: 02 फरवरी 2024

आज का दिन, 02 फरवरी 2024, शुक्रवार के साथ सप्ताह का एक महत्वपूर्ण दिन है, जो नई दिल्ली, भारत के समयानुसार विविध धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व लेकर आया है। इस लेख में हम दिन के पंचांग, महत्वपूर्ण घटनाओं, जन्म और निधन, साथ ही महत्वपूर्ण अवसरों और उत्सवों की चर्चा करेंगे।

पंचांग का मुख्यांश

  • शक सम्वत: 1945
  • विक्रम सम्वत: 2080
  • मास: माघ
  • पक्ष: कृष्णपक्ष
  • तिथि: सप्तमी – 16:08 तक, उसके बाद अष्टमी
  • नक्षत्र: स्वाति – 29:57 तक, पश्चात् विशाखा
  • योग: शूल – 12:53 तक, पश्चात् गण्ड
  • सूर्योदय: 07:09
  • सूर्यास्त: 18:00
  • चन्द्रोदय: 24:42
  • चन्द्रराशि: तुला
  • अभिजित मुहूर्त: 12:13 से 12:56

महत्वपूर्ण घटनाएँ

इतिहास में 02 फरवरी का दिन कई महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी रहा है, जैसे कि चीन के शैन्सी प्रांत में 1556 में आये विनाशकारी भूकंप से लेकर, 1990 में अफ़्रीकी नेशनल कांग्रेस पर लगे प्रतिबंध को हटाने तक।

विशेष अवसर और उत्सव

  • स्वामी रामानन्दाचार्य जयन्ती
  • स्वामी विवेकानंद जयन्ती
  • विश्व जलमग्नता दिवस
  • विश्व आर्द्रभूमि (वेटलैंड्स) दिवस

जन्म और निधन

इस दिन कई प्रसिद्ध व्यक्तित्वों का जन्म और निधन हुआ, जिनमें राजकुमारी अमृत कौर, खुशवंत सिंह और बी. बी. लिंगदोह जैसी हस्तियां शामिल हैं। ये सभी विभिन्न क्षेत्रों में अपने योगदान के लिए जाने जाते हैं।

आज की वाणी

सान्त्वदः सर्वभूतानां सर्वशोकैर्विमुच्यते। देवशुश्रूषया राज्यं दिव्यं रूपं नियच्छति॥ इस श्लोक का अर्थ है कि जो व्यक्ति समस्त प्राणियों को सांत्वना देता है, वह सभी शोकों से मुक्त हो जाता है और देवताओं की सेवा से उसे राज्य और दिव्य रूप प्राप्त होते हैं।

आज के दिन की विशेषता

आज के दिन माघ मास की कृष्णपक्ष सप्तमी तिथि होने के साथ-साथ कई धार्मिक और सामाजिक उत्सव भी मनाए जाते हैं। इसमें स्वामी रामानन्दाचार्य और स्वामी विवेकानंद की जयंती शामिल हैं, जो भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता के महान प्रवर्तक थे।

आज का संदेश

यह दिन हमें शिक्षा देता है कि हमें समस्त प्राणियों के प्रति दया और सांत्वना का भाव रखना चाहिए। इसके अलावा, हमें अपने इतिहास से सीख लेकर भविष्य में बेहतर कदम उठाने चाहिए।

निष्कर्ष

02 फरवरी 2024 का दिन धार्मिक, सामाजिक और ऐतिहासिक महत्व से परिपूर्ण है। इस दिन को मनाने का मतलब है हमारे इतिहास और संस्कृति की महत्वपूर्ण घटनाओं को याद करना और उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।