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आज का प्रेरक प्रसंग: जोकर की सीख

आज का प्रेरक प्रसंग: जोकर की सीख

जीवन के सर्कस में हर किसी का अपना किरदार होता है, लेकिन कभी-कभी सबसे महत्वपूर्ण सीख हमें वह जोकर देता है, जिसे हम केवल हँसी का स्रोत मानते हैं। ऐसी ही एक कहानी है, जिसमें एक जोकर ने जीवन की एक गहरी सीख साझा की।

सर्कस के मंच पर, एक जोकर ने दर्शकों को एक चुटकुला सुनाया, जिस पर सभी जोर-जोर से हँसने लगे। कुछ समय बाद, उसने वही चुटकुला दोहराया, लेकिन इस बार कम ही लोग हँसे। जब उसने तीसरी बार वही चुटकुला सुनाना शुरू किया, तो एक दर्शक ने टोकते हुए कहा, “अरे! कितनी बार एक ही चुटकुला सुनाओगे… कुछ और सुनाओ अब इस पर हंसी नहीं आती।”

जोकर ने इस पर गंभीरता से जवाब दिया, “धन्यवाद भाई साहब, यही तो मैं भी कहना चाहता हूँ… जब खुशी के एक कारण की वजह से आप लोग बार-बार खुश नहीं हो सकते, तो दुःख के एक कारण से बार-बार दुःखी क्यों होते हो? भाइयों, हमारे जीवन में अधिक दुःख और कम खुशी का यही कारण है… हम खुशी को आसानी से छोड़ देते हैं पर दुःख को पकड़ कर बैठे रहते हैं।”

शिक्षा: यह कहानी हमें बताती है कि जीवन में सुख-दुःख आते-जाते रहते हैं, लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि हम अपनी ऊर्जा किस पर केंद्रित करते हैं। एक ही दुःख को बार-बार याद करके दुःखी होने के बजाय, हमें चाहिए कि हम उन खुशियों को याद करें जो हमारे जीवन में हैं और आगे बढ़ते रहें। जीवन में अगर हम दुःखों को छोड़कर खुशियों की ओर ध्यान दें, तो हम अधिक संतुष्ट और प्रसन्न रह सकते हैं।

इस प्रेरक प्रसंग से हमें यह सीखने को मिलता है कि जीवन में विषम परिस्थितियाँ आएंगी, लेकिन हमें उनसे ग्रस्त होकर नहीं रहना चाहिए। हमें उन्हें स्वीकार करना चाहिए और फिर आगे बढ़ना चाहिए। जीवन में सफलता और संतुष्टि तभी मिलती है जब हम अपने दुःखों को पीछे छोड़ देते हैं और उन खुशियों की तरफ देखते हैं जो हमारे पास हैं।

सदैव प्रसन्न रहिये – जो प्राप्त है, पर्याप्त है। जिसका मन मस्त है – उसके पास समस्त है।

यह सीख हमें याद दिलाती है कि हमारा दृष्टिकोण ही हमारे जीवन की खुशी और संतुष्टि को निर्धारित करता है। इसलिए, हमें अपने दृष्टिकोण को सकारात्मक बनाए रखना चाहिए और जीवन की हर परिस्थिति को सकारात्मकता के साथ स्वीकार करना चाहिए। जीवन की इस यात्रा में, आइए हम सभी प्रसन्न रहें और जो हमारे पास है उसे सराहें।