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विश्व श्रवण दिवस: 3 मार्च को क्यों मनाया जाता है?

विश्व श्रवण दिवस: 3 मार्च को क्यों मनाया जाता है?

हर साल 3 मार्च को विश्व श्रवण दिवस (World Hearing Day) मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य बहरेपन और सुनने की क्षमता कम होने की समस्याओं के प्रति लोगों को जागरूक करना और दुनियाभर में कानों और सुनने की क्षमता से जुड़ी देखभाल को बढ़ावा देना है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 2007 में इस दिवस को मनाने की शुरुआत की थी। इसे पहले “इंटरनेशनल ईयर केयर” के नाम से जाना जाता था।

इस दिवस को मनाने का मुख्य कारण:

  • बहरेपन के कारणों और बचाव के उपायों के बारे में जागरूकता फैलाना।
  • लोगों को यह समझाना कि सुनने की क्षमता कम होना एक गंभीर समस्या है जिसकी अनदेखी नहीं करनी चाहिए।
  • दुनियाभर में कानों की देखभाल और इलाज की सुविधाओं को बढ़ावा देना।

विश्व श्रवण दिवस किस तरह मनाया जाता है?

विश्व स्वास्थ्य संगठन हर साल एक थीम तय करता है और जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न तरह की सामग्री तैयार करता है, जैसे कि ब्रोशर, फ्लायर, पोस्टर, बैनर और प्रस्तुतीकरण। ये सामग्री दुनियाभर की सरकारों और गैर-सरकारी संगठनों के साथ साझा की जाती हैं। डब्ल्यूएचओ अपने मुख्यालय जिनेवा में भी हर साल एक कार्यक्रम आयोजित करता है। हाल के वर्षों में, कई देश और संगठन अपने-अपने देशों में इस दिवस को मनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करते हैं।

आप भी विश्व श्रवण दिवस में कैसे भाग ले सकते हैं?

  • आप अपने आसपास के लोगों को बहरेपन के खतरों और बचाव के उपायों के बारे में जागरूक कर सकते हैं।
  • आप इस दिन किसी जागरूकता कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं।
  • आप अपने कानों की नियमित जांच करवा सकते हैं।

अतिरिक्त जानकारी:

  • सुनने की क्षमता कम होने का मतलब है कि व्यक्ति आवाजों को पूरी तरह से सुनने में असमर्थ होता है।
  • सुनना भाषा विकास के लिए एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। छोटे बच्चे अपने आसपास के लोगों की बातचीत सुनकर ही भाषा सीखते हैं।
  • सुनने की क्षमता कम होना एक छिपी हुई अक्षमता है।