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सूर्य नमस्कार का बना विश्व रिकॉर्ड, एक करोड़ 40 लाख लोगों ने निभाई भागीदारी!

बीकानेर, 16 फरवरी 2024: राजस्थान में गुरुवार, 15 फरवरी को एक ऐतिहासिक क्षण देखने को मिला जब एक करोड़ 40 लाख लोगों ने एक साथ सूर्य नमस्कार कर विश्व रिकॉर्ड बनाया। यह आयोजन प्रदेश के सभी 65 हजार सरकारी स्कूलों, बड़ी संख्या में निजी स्कूलों, और शिक्षा विभाग के कार्यालयों में आयोजित किया गया।

रिकॉर्ड तोड़ उपलब्धि:

इस कार्यक्रम में 75 लाख सरकारी स्कूली छात्रों के साथ-साथ शिक्षक, अभिभावक, और अन्य कार्मिकों ने भी भाग लिया। इतनी बड़ी संख्या में एक साथ सूर्य नमस्कार का आयोजन पहले कभी नहीं हुआ था।

विशेष तैयारी:

शिक्षा विभाग इस कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने के लिए गत कई दिनों से तैयारी कर रहा था। शिक्षा मंत्री ने 16 फरवरी (सूर्य सप्तमी) को सूर्य नमस्कार कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए थे।

विभिन्न स्थानों पर आयोजन:

बीकानेर में भी बड़ी संख्या में लोगों ने सूर्य नमस्कार में भाग लिया। कार्यक्रमों में करीब पांच लाख विद्यार्थियों सहित स्टाफ एवं आम लोगों ने हिस्सेदारी की।

सामूहिक कार्यक्रम:

कई स्कूलों में दो पारी संचालित होने के कारण सामूहिक रूप से सूर्य नमस्कार किया गया। कुछ स्कूलों में जगह कम होने के कारण विद्यार्थियों को अलग-अलग ग्रुपों में कार्यक्रम करना पड़ा।

शिक्षा विभाग के रिकॉर्ड:

शिक्षा विभाग ने पहले भी कई रिकॉर्ड बनाए हैं, जिसमें 11 जुलाई 2022 को एक करोड़ 35 लाख ओसीआर शीट का आंकलन, 7 नवंबर 2022 को 36 लाख विद्यार्थियों द्वारा शतरंज खेलना, और 12 अगस्त 2022 को एक करोड़ विद्यार्थियों द्वारा देश भक्ति गीत प्रस्तुत करना शामिल है।

निष्कर्ष:

सूर्य नमस्कार का यह कार्यक्रम न केवल एक रिकॉर्ड बनाने का प्रयास था, बल्कि यह लोगों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करने का भी एक प्रयास था।

यह रिकॉर्ड राजस्थान के लिए एक गौरव का विषय है और यह शिक्षा विभाग की मेहनत और लगन का प्रमाण है।

अतिरिक्त जानकारी:

  • इस कार्यक्रम का आयोजन शिक्षा विभाग, राजस्थान सरकार द्वारा किया गया था।
  • कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लोगों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
  • इस कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों, और अन्य संस्थानों के छात्रों ने भाग लिया।
  • इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए शिक्षा विभाग ने व्यापक तैयारी की थी।
  • इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने कड़ी मेहनत की।