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क्रांतिक कोण और पूर्ण आंतरिक परावर्तन: रोचक उदाहरणों के साथ सरल व्याख्या!

क्रांतिक कोण और पूर्ण आंतरिक परावर्तन

क्रांतिक कोण: जब प्रकाश एक सघन माध्यम से विरल माध्यम में जाता है, तो यह अभिलम्ब से दूर झुक जाता है। जैसे-जैसे आपतन कोण बढ़ता है, अपवर्तन कोण भी बढ़ता है। एक निश्चित कोण पर, अपवर्तन कोण 90° हो जाता है। इस कोण को क्रांतिक कोण (Critical Angle) कहा जाता है।

पूर्ण आंतरिक परावर्तन: जब प्रकाश एक सघन माध्यम से विरल माध्यम में जाता है और आपतन कोण क्रांतिक कोण से अधिक होता है, तो प्रकाश पूर्णतः परावर्तित हो जाता है। इसे पूर्ण आंतरिक परावर्तन (Total Internal Reflection) कहा जाता है।

उदाहरण:

  • हीरे की चमक: हीरे का अपवर्तनांक बहुत अधिक होता है। जब प्रकाश हीरे से हवा में जाता है, तो क्रांतिक कोण बहुत कम होता है। यदि प्रकाश हीरे पर 42° से अधिक कोण पर आपतित होता है, तो यह पूर्णतः परावर्तित हो जाता है। यही कारण है कि हीरे इतने चमकदार होते हैं।
  • ऑप्टिकल फाइबर: ऑप्टिकल फाइबर में, प्रकाश एक पतले तंतु के माध्यम से प्रेषित होता है। तंतु का अपवर्तनांक उसके आसपास के माध्यम से अधिक होता है। यदि प्रकाश तंतु पर क्रांतिक कोण से अधिक कोण पर आपतित होता है, तो यह तंतु के अंदर ही परावर्तित होता रहता है और तंतु के दूसरे छोर तक पहुंच जाता है।
  • पानी में चमकती मछली: जब हम पानी में मछली देखते हैं, तो मछली वास्तव में पानी के अंदर नहीं, बल्कि पानी के ऊपर दिखाई देती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पानी से हवा में जाने वाले प्रकाश के लिए क्रांतिक कोण लगभग 48° होता है। यदि मछली पानी में 48° से अधिक कोण पर दिखाई देती है, तो उसकी छवि पूर्णतः परावर्तित हो जाती है और हमें पानी के ऊपर दिखाई देती है।

पूर्ण आंतरिक परावर्तन के अनुप्रयोग:

  • ऑप्टिकल फाइबर
  • हीरे की चमक
  • प्रिज्म
  • दूरबीन
  • सूक्ष्मदर्शी
  • कैमरा

निष्कर्ष:

क्रांतिक कोण और पूर्ण आंतरिक परावर्तन प्रकाशिकी के महत्वपूर्ण अवधारणाएं हैं। इन अवधारणाओं का उपयोग ऑप्टिकल फाइबर, हीरे की चमक, प्रिज्म, दूरबीन, सूक्ष्मदर्शी, कैमरा और कई अन्य उपकरणों में किया जाता है।