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राजस्थान में शिक्षा के नए आयाम: समेटिव असेसमेंट की दिशा में एक कदम

राजस्थान के शिक्षा क्षेत्र में नवाचार और गुणवत्ता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, प्रदेश में ‘राजस्थान में शिक्षा के बढ़ते कदम’ कार्यक्रम के अंतर्गत कक्षा 3 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिए दूसरा समेटिव असेसमेंट (योगात्मक आकलन) 6 और 7 फरवरी को आयोजित किया जाएगा। इस पहल के माध्यम से विद्यार्थियों की शिक्षा के प्रति समझ और उनकी क्षमताओं का विषयवार और कक्षावार मूल्यांकन किया जाएगा।

स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव श्री नवीन जैन ने राज्य स्तरीय वीसी के दौरान इस आकलन के सफल आयोजन के लिए प्रदेश भर के शिक्षा अधिकारियों और संस्था प्रधानों को विस्तार से निर्देश दिए। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि योगात्मक आकलन-2 के प्रश्न पत्र क्षमता आधारित होंगे ताकि बच्चों की वास्तविक क्षमताओं का सही आकलन किया जा सके।

योगात्मक आकलन के समय को भी विशेष रूप से नियोजित किया गया है, जिसे भोजन पूर्व और भोजन अवकाश के बाद के समय में आयोजित किया जाएगा। इस आयोजन के माध्यम से विद्यार्थियों को उनकी पढ़ाई के प्रति अधिक जागरूक और तैयार बनाने का प्रयास है।

श्री जैन ने यह भी सुनिश्चित करने की आवश्यकता

पर बल दिया कि योगात्मक आकलन की जानकारी समय रहते सभी विद्यार्थियों को दी जाए, ताकि वे इसकी पूर्ण तैयारी कर सकें। इसके अलावा, सभी स्कूलों को सूचना बोर्ड पर इस आकलन से संबंधित विस्तृत जानकारी प्रदर्शित करने और बच्चों के माता-पिता को भी इसकी सूचना देने के निर्देश दिए गए हैं।

इस प्रक्रिया में शिक्षकों की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। उन्हें योगात्मक आकलन के पूर्व और पश्चात् के समय का उपयोग विद्यार्थियों के साथ शिक्षण और अभ्यास कार्य के लिए करने की सलाह दी गई है। इससे विद्यार्थियों की तैयारी और भी मजबूत हो सकेगी।

श्री जैन ने यह भी कहा कि शिक्षा में निष्पक्षता और ईमानदारी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर सभी अधिकारियों को इस आकलन की सभी व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग करने के लिए पाबंद किया ताकि प्रत्येक आकलन का मूल्यांकन निष्पक्ष और सही हो।

इस कार्यक्रम के माध्यम से राजस्थान के शिक्षा विभाग का उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता और प्रदर्शन को बढ़ावा देना है। इस पहल से विद्यार्थियों को उनकी शिक्षा के प्रति अधिक जिम्मेदार और समर्पित बनाने की आशा की जा रही है। राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के साथ-साथ माध्यमिक शिक्ष

ा विभाग के अधिकारियों ने भी इस पहल का समर्थन किया है और इसे सफल बनाने के लिए अपनी पूर्ण प्रतिबद्धता व्यक्त की है।

बैठक में राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के राज्य परियोजना निदेशक श्री अविचल चतुर्वेदी और माध्यमिक शिक्षा के निदेशक श्री आशीष मोदी सहित अन्य संबंधित अधिकारियों ने भी भाग लिया और अपने विचार साझा किए। इस बैठक में शिक्षकों और कार्मिकों की समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करने, बिना महत्वपूर्ण कार्य के उन्हें दूसरे कार्यालयों में न लगाने और सभी जिला/ब्लॉक कार्यालयों में मूवमेंट रजिस्टर संधारित करने के निर्देश भी दिए गए। इसके माध्यम से विभाग में कार्य के प्रति लापरवाही को रोकने की कोशिश की गई है।

इस कार्यक्रम की सफलता न केवल राज्य के शिक्षा स्तर को ऊँचा उठाएगी बल्कि यह विद्यार्थियों को भी उनके शैक्षिक जीवन में अधिक सक्रिय और सजग बनाए रखने के लिए प्रेरित करेगी। इस पहल का मुख्य उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना और विद्यार्थियों की सीखने की क्षमता को बढ़ाना है।

आखिर में, यह पहल ‘राजस्थान में शिक्षा के बढ़ते कदम’ कार्यक्रम के तहत एक महत्वपूर्ण योजना है जो शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और प्रगति को बढ़ावा देने का काम करेगी।