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“विद्या और बुद्धि में क्या है अधिक महत्वपूर्ण: एक प्रेरक प्रसंग”


❄️ आज का प्रेरक प्रसंग ❄️

!! विद्या बड़ी या बुद्धि !!

किसी ब्राह्मण के चार पुत्र थे, जो एक-दूसरे के गहरे मित्र भी थे। उनमें से तीन शास्त्रों में पारंगत थे, परंतु उनमें बुद्धि का अभाव था। वहीं, चौथे भाई ने शास्त्रों का अध्ययन नहीं किया था लेकिन वह बड़ा बुद्धिमान था।

एक दिन, चारों ने परदेश जाकर अपनी विद्या के प्रभाव से धन अर्जित करने का विचार किया। यात्रा के दौरान, सबसे बड़े भाई ने चौथे भाई को अनपढ़ कहते हुए उसे घर वापस भेजने का सुझाव दिया। लेकिन तीसरे भाई ने इसका विरोध किया और कहा कि वे अपनी कमाई का एक हिस्सा उसे दे देंगे।

रास्ते में एक जंगल पड़ा, जहाँ उन्हें एक मरे हुए शेर का पंजर मिला। तीनों विद्वान भाइयों ने अपनी-अपनी विद्या की परीक्षा लेने का निश्चय किया। पहले ने हड्डियों को सही ढंग से एकत्रित किया, दूसरे ने उस पर मांस और खाल चढ़ा दिया, और जैसे ही तीसरा भाई उसमें प्राण डालने ही वाला था, चौथे भाई ने रोकते हुए कहा कि इससे शेर जीवित हो जाएगा और उन सभी को मार डालेगा।

चौथे भाई की बात न मानते हुए तीसरे भाई ने शेर में प्राण डाल दिए, और शेर जीवित होकर तीनों विद्वानों को मार डाला। इस प्रसंग से यह सिखने को मिलती है कि केवल विद्या होना ही पर्याप्त नहीं है; बुद्धि का होना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। चौथे भाई ने अपनी बुद्धिमत्ता से स्थिति की गंभीरता को समझा और अपने आप को खतरे से बचाया, जबकि उसके तीनों विद्वान भाई अपने अभिमान और अज्ञानता के कारण विनाश को प्राप्त हुए।

यह प्रसंग हमें यह भी सिखाता है कि जीवन में संतुलन महत्वपूर्ण है। विद्या और बुद्धि, दोनों का समन्वय ही वास्त

ने को मिलती है कि केवल विद्या होना ही पर्याप्त नहीं है; बुद्धि का होना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। चौथे भाई ने अपनी बुद्धिमत्ता से स्थिति की गंभीरता को समझा और अपने आप को खतरे से बचाया, जबकि उसके तीनों विद्वान भाई अपने अभिमान और अज्ञानता के कारण विनाश को प्राप्त हुए।

यह प्रसंग हमें यह भी सिखाता है कि जीवन में संतुलन महत्वपूर्ण है। विद्या और बुद्धि, दोनों का समन्वय ही वास्तविक सफलता और समृद्धि की कुंजी है। इसलिए, हमें न केवल ज्ञान अर्जित करना चाहिए बल्कि उसे समझदारी से लागू करने का कौशल भी विकसित करना चाहिए।

संदेश: सदैव प्रसन्न रहिये – जो प्राप्त है, वह पर्याप्त है। जिसका मन मस्त है, उसके पास समस्त है।

इस प्रेरक प्रसंग के माध्यम से हमें जीवन की एक महत्वपूर्ण सीख मिलती है, जो हमें विद्या और बुद्धि के महत्व को समझाती है और हमें उसके अनुसार चलने की प्रेरणा देती है।

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“Which is More Important – Knowledge or Wisdom: An Inspirational Story”

चित्र का वर्णन

चित्र में एक पेड़ के नीचे एक व्यक्ति बैठा हुआ है। उसके पास एक किताब है और वह उसे पढ़ रहा है। चित्र का यह दृश्य हमें कहानी के चौथे भाई की याद दिलाता है। चौथा भाई भले ही विद्वान नहीं था, लेकिन वह बुद्धिमान था। उसने अपनी बुद्धि का उपयोग करके अपने प्राणों की रक्षा की।

चित्र में पेड़ ज्ञान का प्रतीक है। ज्ञान प्राप्त करने के लिए हमें कठोर परिश्रम करना पड़ता है। किताब ज्ञान का भंडार है। किताबें पढ़कर हम ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। चित्र में बैठा हुआ व्यक्ति ज्ञान प्राप्त करने के लिए प्रयास कर रहा है।