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राजस्थान स्कूल शिक्षा विभाग की माध्यमिक शिक्षा प्रशासनिक व्यवस्था, कार्य, संगठन और परियोजनाएं

राजस्थान स्कूल शिक्षा विभाग |माध्यामिक शिक्षा विभाग की प्रशासनिक व्यवस्था, कार्य , संगठन एवम परियोजनाएं

प्रशासनिक व्यवस्था

राजस्थान राज्य की स्थापना रियासतों के एकीकरण के फलस्वरूप हुई। पूर्व में प्रत्येक रियासत की शिक्षा के क्षेत्र में कार्य प्रणाली अलग-अलग थी. इसलिए राज्य सरकार ने शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया और शिक्षा को सुव्यवस्थित संचालित करने के लिए वर्ष 1950 में प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा मुख्यालय, राजस्थान, बीकानेर की स्थापना की गई परन्तु राज्य में पंचायती राज व्यवस्था वर्ष 1959 में लागू होने के पश्चात् ग्रामीण क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालयों की प्रबंध व्यवस्था का दायित्व पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधीन जिला परिषदों व पंचायत समितियों को सौंप दिया गया। शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए वर्ष 1997 में प्रारम्भिक शिक्षा एवं माध्यमिक शिक्षा के अलग-अलग निदेशालय स्थापित किए गए जो वर्तमान में पृथक-पृथक विभागों के रूप में संचालित हैं।

माध्यमिक शिक्षा विभाग के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैः-

  • शिक्षा नीति का निर्धारण व क्रियान्वयन शैक्षिक प्रबंध व प्रशासन का दायित्व
  • माध्यमिक शिक्षा का विस्तार
  • शिक्षक शिक्षा का सुदृढीकरण एवं संचालन
  • भाषाओं को प्रोत्साहन
  • शैक्षिक गतिविधियों का विकास
  • शिक्षा पर धन राशि का नियोजन

अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्कूल शिक्षा, भाषा, पुस्तकालय एवं पंचायती राज (प्रारम्भिक शिक्षा) विभाग, राजस्थान सरकार, जयपुर के नेतृत्व में माध्यमिक शिक्षा के अन्तर्गत शासन सचिवालय स्तर पर, संयुक्त शासन सचिय, वरिष्ठ शासन उपसचिव, शासन उप सचिव, विशेषाधिकारी शिक्षा एवं उपनिदेशक (मूल्याकंन) द्वारा शिक्षा से संबंधित कार्य सम्पादित किए जाते हैं।

निदेशक माध्यमिक शिक्षा, राजस्थान के नेतृत्व में निदेशालय स्तर पर अतिरिक्त निदेशक, संयुक्त निदेशक (कार्मिक, प्रशासन, प्रशिक्षण), उपनिदेशक (माध्यमिक, प्रशासन, खेलकूद, समाज शिक्षा, योजना), जिला शिक्षा अधिकारी (शिविरा प्रकाशन, छात्रवृत्ति, आदर्श विद्यालय, भाषायी अल्पसंख्यक व प्रशिक्षण) एवं सहायक निदेशक (प्रधानाचार्य एवं समकक्ष अधिकारी) तथा प्रत्येक मंडल मुख्यालय पर संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा, प्रत्येक जिला स्तर पर मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी (उपनिदेशक समकक्ष), जिला शिक्षा अधिकारी (मुख्यालय) माध्यमिक, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, पदेन PEEO तथा शहरी क्षेत्र में पदेन UCEEO, संस्था प्रधान माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय शैक्षिक प्रबंध व प्रशासन का दायित्व निर्वहन करते हैं।

शिक्षा विभाग राजस्थान का संगठनात्मक ढांचा

शिक्षा सम्बन्धी परियोजनाएँ एवं संस्थाएँ

राजस्थान स्कूल शिक्षा विभाग | माध्यमिक शिक्षा विभाग

प्रशासनिक व्यवस्था:

  • शिक्षा मंत्री: शिक्षा विभाग के मुखिया होते हैं।
  • शिक्षा सचिव: विभाग के प्रशासनिक प्रमुख होते हैं।
  • राज्य शिक्षा बोर्ड: माध्यमिक शिक्षा से संबंधित सभी मामलों का संचालन करता है।
  • जिला शिक्षा अधिकारी: जिले में शिक्षा विभाग का मुखिया होता है।
  • संस्था प्रधान: विद्यालय का मुखिया होता है।

कार्य:

  • माध्यमिक शिक्षा का संचालन एवं विकास
  • पाठ्यक्रम निर्धारण
  • परीक्षाओं का आयोजन
  • विद्यालयों का निरीक्षण
  • शिक्षकों का प्रशिक्षण
  • छात्रवृत्ति एवं अन्य सुविधाओं का वितरण

संगठन:

  • राज्य स्तर: शिक्षा विभाग, राज्य शिक्षा बोर्ड
  • जिला स्तर: जिला शिक्षा कार्यालय
  • ब्लॉक स्तर: खंड शिक्षा कार्यालय
  • विद्यालय स्तर: विद्यालय

परियोजनाएं:

  • रोजगार-उन्मुख शिक्षा: छात्रों को रोजगार के लिए तैयार करना
  • गुणवत्तापूर्ण शिक्षा: शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार
  • डिजिटल शिक्षा: शिक्षा में डिजिटल तकनीक का उपयोग
  • समावेशी शिक्षा: सभी बच्चों को शिक्षा प्रदान करना

उपलब्धियां:

  • शिक्षा का सकल नामांकन अनुपात (GER) बढ़ा है।
  • परीक्षा परिणामों में सुधार हुआ है।
  • विद्यालयों की आधारभूत सुविधाओं में सुधार हुआ है।
  • शिक्षकों की प्रशिक्षण व्यवस्था में सुधार हुआ है।

चुनौतियां:

  • शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना
  • शिक्षा का समान वितरण सुनिश्चित करना
  • शिक्षकों की कमी को दूर करना
  • विद्यालयों की आधारभूत सुविधाओं में सुधार करना

निष्कर्ष:

राजस्थान स्कूल शिक्षा विभाग शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। विभाग द्वारा कई योजनाएं और कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं ताकि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाया जा सके और सभी बच्चों को शिक्षा प्रदान की जा सके।