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राजस्थान शिक्षा विभाग: बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए लागू जेंडर बजटिंग का उद्देश्य और आडिट

जेण्डर बजटिंग

राजस्थान देश के उन विशिष्ट राज्यों में हैं, जहाँ जेण्डर बजटिंग की प्रक्रिया लागू की गई है। इसके अन्तर्गत बालिका शिक्षा को प्राथमिकता प्रदान करते हुए उस पर होने वाले व्यय का बजट में आवश्यक प्रावधान किया जा रहा है ताकि नीति निर्माण व समीक्षा में इसके प्रभावों का समुचित मूल्यांकन हो सके। वर्ष 2011 की जनगणना अनुसार देश की कुल आबादी 121.06 करोड़ है जिसमें 62.31 करोड़ पुरुष एवं 58.75 करोड़ महिलाएं सम्मिलित हैं तथा लिंग अनुपात (1000 पुरुष के विपरीत) 943 है। पुरुष एवं महिला साक्षरता प्रतिशत क्रमशः 80.9 एवं 64.6 है।

वर्ष 2011 की जनगणनानुसार राज्य की कुल जनसंख्या 6.85 करोड़ है, जिसमें 3.55 करोड़ पुरुष एवं 3.30 करोड़ महिलाएं सम्मिलित है। महिलाओं की साक्षरता दर 52.1 व पुरुषों की साक्षरता दर 79.2 रही है। राज्य में 1000 पुरुषों के विरूद्ध महिलाओं का लिंगानुपात 928 है, जिसमें से ग्रामीण क्षेत्र में 933 व नगरीय क्षेत्र में 914 है। उक्त वर्णित मानव संसाधन समंक अनुसार देश एवं प्रदेश में पुरुषों की संख्या के लगभग समरूप ही महिलाओं की संख्या है। पुरुष एवं महिलाओं के सहयोग से विकास चक्र को गतिमान बनाकर विकास की अकल्पनीय ऊँचाई तक पहुँच बनाने में सफल रहे हैं।

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 के अनुसार सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीति क्षेत्र में समान रूप से कार्य करने के अधिकार एवं अवसर के परिप्रेक्ष्य में महिलाओं को समान अवसर सुलभ करवाने का शासकीय प्रयास रहा है। देश में शिक्षा प्रसार एवं आम जागरूकता के कारण महिलाएँ भी विकास एवं नीति निर्माण क्षेत्र में सहभागी बनकर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से योगदान देती रही हैं। महिलाओं के योगदान को स्वीकार करते हुए केन्द्र एवं राज्य सरकारों ने महिलाओं के विकास, सशक्तिकरण एवं समान भागीदारी हेतु प्रयास करते हुए 21वीं सदी में जेन्डर बजटिंग एवं ऑडिटिंग की अवधारणा को साकार रूप देते हुए वार्षिक बजट घोषणा पत्रों में इसको यथेष्ठ स्थान दिया है। महिला वर्ग को सशक्त बनाने हेतु जेण्डर (महिला+बालिका) बजटिंग को अब एक महत्त्वपूर्ण साधन माना जाकर महिलाओं की विकास क्षेत्र में समान भागीदारी मानी गयी है।

जेण्डर बजटिंग एवं ऑडिटिंग

जेण्डर बजटिंग एवं ऑडिटिंग अवधारणा को संक्षेप में इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है कि “शासकीय बजट प्रावधान में जेण्डर गेप (दूरी) के परीक्षण उपरान्त जेण्डर हेतु आनुपातिक बजट व्यवस्था से महिला वर्ग पर पड़े प्रभावों का अंकेक्षण तथा महिलाओं को विकास की मुख्य धारा में जोड़ने की प्रतिबद्धता प्रकट करना। अन्य शब्दों में जेण्डर बजटिंग एवं ऑडिटिंग एक अवधारणा है। सामान्य वित्तीय प्रक्रिया में बजट आवंटन जेन्डर बजटिंग नहीं होकर एक समेकित बजट होता है। जेण्डर बजटिंग ऑडिटिंग के माध्यम से विभागीय बजट के विरूद्ध महिलाओं तथा बालिकाओं हेतु बजट प्रावधान तथा व्यय की प्रगति की समीक्षा की जाती है।

जेण्डर बजटिंग का अभिप्राय महिलाओं के लिए पृथक से बजट आवंटन करना नहीं है अपितु महिलाओं की कठिनाइयों के निराकरण के साथ बुनियादी सुविधा क्षेत्रों के विस्तार हेतु बजट व्यवस्था को अभिनिर्धारित किया जाना है तथा उपलब्ध बजट की सीमान्तर्गत नियमानुसार जेण्डर (महिला+बालिका) को लाभान्वित कराते हुए आनुपातिक व्यय अपेक्षित है।

उद्देश्य

  1. आवंटित बजट के विरूद्ध व्यय का जेण्डर अनुपात को देखते हुए विश्लेषण करना।
  2. योजनाओं के तहत महिला वर्ग पर व्यय उपरान्त पड़े प्रभाव का आकलन करना।
  3. महिलाओं हेतु संचालित योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करना।
  4. महिलाओं को विकास क्षेत्र की मुख्य धारा में जोड़ने एवं उनके समग्र विकास हेतु सुझावो का संकलन करना।

वर्ष 2020-21 से 2023-24 में (31 दिसम्बर 2023 तक) उपलब्ध बजट एवं व्यय की स्थिति